कर्ज चुकाने के लिए किडनी या शरीर के किसी अंग को बेचने की बातें आपने अक्सर फिल्मों या कहानियों में सुनी होंगी, लेकिन महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो हकीकत को बयां करता है। यहां एक किसान कर्ज लौटाने के दबाव में अपनी किडनी बेचने को मजबूर हो गया। यह मामला जिले की नागभीड़ तहसील के मिंथुर गांव का है। किसान रोशन सदाशिव कुडे के पास चार एकड़ जमीन थी, जिसे उसने व्यापार के लिए गिरवी रख दिया था। उसका आरोप है कि रकम वापस करने के लिए साहूकारों के लगातार दबाव के कारण उसे अपनी किडनी बेचनी पड़ी। मामले की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने चार साहूकारों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ ब्रह्मपुरी थाने में जबरन वसूली और महाराष्ट्र साहूकारी (विनियमन) अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
यह भी पढ़ें- कवायद शांति की, हुई हिंसा, ऐसा क्या हुआ कि सुलग उठा मणिपुर?
क्या है पूरा मामला?
रोशन के पास कुल 4 एकड़ जमीन थी जिसमें खेती में उसको नुकसान हो रहा था। परिवार वालों ने जमीन गिरवी रख डेयरी का बिजनेस करने का सोचा। इसके लिए पीड़ित ने अलग-अलग साहूकारों से 1 लाख रुपये का कर्ज लिया। बिजनेस में भी किस्मत ने साथ नहीं दिया और खरीदी गई गायों की मौत हो गई। फसल भी बर्बाद हो गई जिसके बाद कर्ज का बोझ बहुत बढ़ गया।
किसान ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 2021 में चार स्थानीय साहूकारों से 40 प्रतिशत ब्याज दर पर एक लाख रुपये का ऋण लिया था। साहूकारों का दबाव इतना ज्यादा था कि वे लोग घर आकर परेशान करने लगे। कर्ज चुकाने के लिए रोशन को मजबूरी में अपनी 2 एकड़ जमीन बेचनी पड़ी। इसके साथ ही ट्रैक्टर और घर का कीमती सामान बेचना पड़ा। हैरानी की बात यह है कि उनका महज एक लाख का कर्ज 74 लाख रुपये तक पहुंच गया। किसान ने बताया कि साहूकार उनसे 1 लाख रुपये पर रोजाना 10 हजार के हिसाब से ब्याज वसूल रहे थे।
यह भी पढ़ें- मुश्किल में पड़े आरजेडी विधायक, दर्ज हुआ रंगदारी मांगने का मामला
जब इनके पास से सब कुछ बिक गया और फिर भी कर्ज की रकम कम नहीं हुई तो एक साहूकार ने उन्हें किडनी बेचने की सलाह दी। रोशन ने उनकी बात मान ली जिसके बाद एक एजेंट के जरिए रोशन को कोलकाता ले जाया गया जहां उनका मेडिकल टेस्ट हुआ। इसके बाद उन्हें कंबोडिया ले जाया गया जहां उनकी सर्जरी के जरिए किडनी निकाल ली गई। किडनी को 8 लाख में बेचा गया लेकिन साहूकारों ने इसके बाद भी उन्हें परेशान करना जारी रखा।
आत्मदाह की धमकी
अब हालत ऐसी हो गई है कि रोशन के पास कुछ भी नहीं बचा है। इससे दुखी होकर उन्होंने सरकार से मदद मांगी है। उनका कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह मंत्रालय के सामने पूरे परिवार के साथ आत्मदाह कर लेंगे। किसान को उत्पीड़ित करने वाले साहूकारों में किशोर बावनकुले, मनीष कालबांडे, लक्ष्मण उरकुडे, प्रदीप बावनकुले, संजय बल्लारपूरे और लक्ष्मण बोरकर हैं। ये चारों ब्रह्मपुरी शहर के ही रहने वाले हैं।