मणिपुर के बिष्णुपुर और चुराचंदपुर जिले की सीमा पर अचानक हिंसा भड़क गई है। तोरबुंग इलाके में मंगलवार रात करीब 8:30 बजे अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चुराचंदपुर की तरफ से अज्ञात हथियारबंद लोगों ने हमला किया। हमलावरों ने बमबारी भी की।
सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की और गोलीबारी करीब 20 मिनट तक चली। इस घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं लेकिन उनकी पहचान नहीं हो पाई है। गोलीबारी से इलाके के लोगों में दहशत फैल गई है।
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अब कैसे हालात हैं?
स्थिति को काबू में करने के लिए राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की अतिरिक्त टीमें मौके पर भेजी गई हैं। तोरबुंग में अभी भी तनाव बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार के निर्देश पर फौगाकचाओ इखाई और तोरबुंग से करीब 389 विस्थापित लोग हाल ही में तोरबुंग में दोबारा बसाए गए थे। बसाए गए लोगों में करीब 67 परिवार हैं।
कब से सुलग रहा है मणिपुर?
मणिपुर में 3 मई 2023 से ही तनावपूर्ण स्थिति हैं। मैतेई और कुकी समुदाय आपस में टकरा गए हैं। मणिपुर हिंसा में 260 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं और 60 हजार से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। फरवरी 2025 से राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है। सरकार की कोशिशों से बिष्णुपुर जिले में विस्थापितों की वापसी शुरू हुई है।
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दिल्ली में हुई बैठक बेनतीजा?
14 दिसंबर को दिल्ली में बीजेपी ने मैतेई और कुकी दोनों गुटों के विधायकों के साथ बैठक की थी। कुकी-जो समुदाय के 4 विधायकों के साथ एक बंद कमरे में बैठक भी हुई थी। बैठक में शामिल विधायकों ने कहा कि यह बैठक शांति बहाली की दिशा में एक कदम है।
मणिपुर हिंसा की जांच का क्या हुआ?
केंद्र सरकार ने मणिपुर में 2023 में हुए हिंसक हादसों की जांच के लिए गठित आयोग की रिपोर्ट की समयसीमा को 20 मई 2026 तक के लिए बढ़ा दी है। गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया था।