अस्त-व्यस्त रहने वाली मुंबई में हड़कंप तब मच गया, जब खबर आई कि एक शख्स ने 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बना लिया है। इन 19 लोगों को मुंबई के पवई इलाके में बने RA स्टूडियो में बंधक बनाया था। जिसने बंधक बनाया, उसका नाम रोहित आर्या था, जिसे मुंबई पुलिस ने ऑपरेशन में मार गिराया। रोहित आर्या के पास एयरगन थी और उसने धमकी दी थी कि अगर कुछ किया तो वह सबकुछ जला देगा।
मुंबई के पवई में यह सारा ड्रामा लगभग 3 घंटे तक चला। दोपहर 1:30 बजे स्टूडियो में 19 लोगों को बंधक बनाए जाने की जानकारी मिली थी। शाम 4:15 बजे जॉइंट पुलिस कमिश्नर सत्यनारायण ने बताया कि सभी बच्चे 'सुरक्षित' हैं। पुलिस ने बताया कि शाम 5:15 बजे रोहित आर्या को मृत घोषित कर दिया गया।
रोहित आर्या ने बच्चों को एक वेब सीरीज के ऑडिशन के लिए स्टूडियो बुलाया था। इसके बाद उन्हें बंधक बना लिया। इस दौरान रोहित आर्या ने एक वीडियो भी जारी किया। उसने बताया कि वह 'कुछ लोगों' से बात करना चाहता है। बंधकों को छुड़ाने के लिए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। NSG कमांडो के साथ पुलिस ने ऑपरेशन शुरू किया। इस दौरान रोहित आर्या को गोली लग गई और बाद में उसकी मौत हो गई।
कैसे शुरू हुआ यह सारा ड्रामा?
यह सारा ड्रामा शुरू हुआ दोपहर के डेढ़ बजे से। पुलिस को पता चला कि महावीर क्लास बिल्डिंग में बने RA स्टूडियो में एक शख्स ने 17 बच्चों को बंधक बना लिया है। उसने बच्चों को एक वेब सीरीज के ऑडिशन के लिए बुलाया था।
पुलिस ने बताया कि जिन बच्चों को बंधक बनाया था, उनकी उम्र 10 से 12 साल थी। उस स्टूडियो में 6 दिन से ऑडिशन चल रहा था।
पुलिस के मुताबिक, रोहित आर्या 6 दिन से ऑडिशन ले रहा था। सुबह 10 बजे बच्चे आते थे। बीच में लंच ब्रेक होता था और रात 8 बजे ऑडिशन खत्म हो जाता था। लेकिन गुरुवार को जब बच्चे लंच ब्रेक के लिए नहीं निकले तो माता-पिता टेंशन में आ गए।
डीसीपी दत्ता नालावड़े ने बताया कि रोहित आर्या ने 19 लोगों को बंधक बनाया था, जिनमें 17 बच्चे, एक बुजुर्ग और एक व्यक्ति था।
रोहित बोला- कुछ किया तो मेरी जिम्मेदारी नहीं
जब यह सारा ड्रामा चल रहा था, तभी रोहित आर्या का एक वीडियो सामने आया। इसमें उसने अपना मकसद बताया। उसने यह भी कहा कि उसे पैसे नहीं चाहिए।
वीडियो में रोहित ने कहा, 'मेरी बहुत ही सिंपल सी मांगें हैं। मेरे कुछ सवाल हैं। मैं कुछ लोगों से बात करना चाहता हूं। मुझे इनके जवाब चाहिए। मैं कोई आतंकवादी नहीं हूं। न ही मुझे पैसे चाहिए। मैं सिर्फ बातचीत करना चाहता हूं।'
उसने धमकाते हुए कहा, 'आपकी तरफ से जरा सी भी चूक मुझे इस पूरी तरह को आग लगाने के लिए उकसा सकती है। मैं मरूं या न मरूं। बच्चों को बेवजह चोट पहुंचेगी। मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए।' उसने स्टूडियो में आग लगाने की धमकी भी दे डाली थी।
बाथरूम से घुसी पुलिस, बच्चों को बचाया
पुलिस ने बताया कि रोहित के पास एक एयरगन थी और कुछ केमिकल भी थे। बंधक बनाए जाने की सूचना मिलने के बाद तुरंत पुलिस की टीम, क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT), NSG कमांडो, बॉम्ब स्क्वॉड और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची।
डीसीपी नालावड़े ने बताया कि पहले बातचीत कर समझाने की कोशिश की गई लेकिन जब बात नहीं बनी तो पुलिस की एक टीम बाथरूम के रास्ते स्टूडियो में दाखिल हुई। 
पहली मंजिल की खिड़की तक पहुंचने के लिए फायर ब्रिगेड ने सीढ़ी दी। उन्होंने बताया कि बंधकों में से एक व्यक्ति ने भी इसमें मदद की। 
डीसीपी ने कहा, 'यह एक चैलेंजिंग ऑपरेशन था, क्योंकि हम उससे बातचीत कर रहे थे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। बच्चों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता थी।' उन्होंने बताया था कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान रोहित घायल हो गया था, जिसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। शाम 5:15 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया।
2 करोड़ का बिल और पूर्व मंत्री का नाम
अब सामने आया है कि रोहित आर्या का 2 करोड़ का बिल बकाया था। यह बिल कथित तौर पर महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर की ओर से बकाया था। उसने कई बार प्रदर्शन भी किया था लेकिन बात नहीं बनी।
दरअसल, शिंदे सरकार में साफ-सफाई को लेकर एक कार्यक्रम शुरू हुआ था। रोहित आर्या 'प्रोजेक्ट लेट्स चेंज' के डायरेक्ट थे। इसने 20 जुलाई से 2 अक्टूबर 2023 तक 'स्वच्छता मॉनिटर इनिशिएटिव' का काम संभाला था। इसके तहत, स्कूली छात्रों को स्वच्छता मॉनिटर के रूप में काम करना था और लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने और कूड़ा फेंकने से रोकना था। लगभग 64 हजार स्कूलों और 59 लाख छात्रों ने इसमें भाग लिया था।
इस इनिशिएटिव का दूसरा फेज 'मुख्यमंत्री माझी शाला, सुंदर शाला' योजना के तहत चलाया गया। इसके लिए 20.63 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। इसमें से 2 करोड़ रुपये 'स्वच्छता मॉनिटर' के फेज 2 के लिए मंजूर हुए, जिसे रोहित संभाल रहे थे।
आरोप है कि इसी इनिशिएटिव के 2 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया था। रोहित की पत्नी अंजली ने बताया कि उनके पति पेमेंट के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया, 'वह स्वच्छता मॉनिटर इनिशिएटिव के प्रमुख थे। केसरकर साहब को यह पसंद आया और उन्होंने रोहित को बताया कि राज्य सरकार इसके लिए 2 करोड़ रुपये मंजूर कर रही है। प्रोजेक्ट कंप्लीट हो गया लेकिन रोहित कोई पेमेंट नहीं दी गई।'
बकाया पेमेंट के लिए रोहित ने पिछले साल पुणे में अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की थी। इस दौरान उन्हें मिर्गी का दौरा पड़ा और वहां मौजूद लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया था।
बताया जा रहा है कि रोहित ने कई बार पूर्व मंत्री दीपक केसरकर के घर के बाहर प्रदर्शन भी किया था। वहीं, केसरकर का दावा है कि उन्होंने कई बार चेक के जरिए रोहित की मदद की थी। उन्होंने कहा कि 'शिक्षा विभाग का मानना है कि उन्होंने एक वेबसाइट खोलकर सीधे छात्रों से पैसे लिए थे। विभाग ने उनसे इस पर सफाई मांगी थी, जो जरूरी है।'
