संजय सिंह। भारत नेपाल सीमा के रक्सौल और आदापुर (मोतिहारी) से पिछले छह महीने में 100 से ज्यादा लड़कियां गायब हुई हैं। इस मामले को मानवधिकार मामलों के वकील एसके झा ने पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) तक पहुंचाया है। वकील ने पत्र की प्रति पटना हाई कोर्ट के जस्टिस और राष्ट्रीय तथा राज्य स्तरीय महिला आयोग को दी है। इन लोगों से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। जिन लोगों की लड़कियां गायब हुई है, वे बेहद परेशान हैं।
बॉर्डर पर सक्रिय हैं मानव तस्कर
नेपाल बॉर्डर पर सालों से मानव तस्कर सक्रिय हैं। पहले ये तस्कर नेपाली लड़कियों को बहला फुसलाकर भारत की सीमा में लाते थे और बेच देते थे। जब सीमा पर सुरक्षा बढ़ी तो, तस्करों ने उलटी गंगा बहानी शुरू कर दी। रक्सौल, वीरगंज, आदापुर इलाके से पिछले छह महीने के भीतर 100 से ज्यादा लड़कियां गायब हो गईं। सीमा पर स्थित गांव में गरीबी और पलायन बहुत ज्यादा है।
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मानव तस्करों के खिलाफ मुहिम चलने वाली संस्था भूमिका बिहार की संरक्षक शिल्पी सिंह का कहना है कि तस्कर भोली-भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं। अगर लड़कियां प्रेमजाल में नहीं फंसती हैं तो, उन्हें नौकरी दिलाने का लालच दिया जाता है। नौकरी की लालच में लड़कियां फंस जाती हैं, फिर उन्हें नेपाल, चीन, ब्राजील या सऊदी अरब के देशों में बेच दिया जाता है। इन लड़कियों के साथ यौन शोषण के साथ साथ अन्य तरह के अत्याचार भी किए जाते हैं।
मामले की जांच शुरू
राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग के निर्देश पर मामले की जांच शुरू हो गई है। आयोग ने इस मामले में कारवाई के लिए वरीय पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। आयोग के निर्देश पर पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है। पुलिस ने ऑपरेशन सवेरा अभियान भी शुरू किया है। इस मामले में कुछ तस्करों की गिरफ्तारी भी हुई है। पुलिस ने तस्करों को पकड़ने के लिए जाल बिछा रखा है।
चार जिले में सबसे अधिक घटनाएं
बिहार के मोतिहारी, किशनगंज, सुपौल और अररिया जिले नेपाल की सीमा से सटे हुए हैं। इन चारों जिलों में मानव तस्करों की सक्रियता अधिक है। पुलिस मुख्यालय ने हर जिले में मानव तस्करों पर नकेल कसने के लिए एंटी ह्यूमन क्रेफिटिंग स्कॉयड का गठन किया है। इसके प्रभारी डीएसपी होते हैं। जिस समय इस दस्ते का गठन किया गया था, उस समय कई मानव तस्करों की गिरफ्तारी हुई थी। पुलिस प्रशासन की ओर से जागरूकता अभियान भी चलाया गया था, लेकिन धीरे-धीरे प्रशासनिक उदासीनता के कारण इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। परिणामस्वरूप तस्करों की सक्रियता बढ़ते जा रही है।
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मानव तस्करों के खिलाफ अभियान चलाने वाले मास्टर भूरण महतो कहते हैं कि जागरूकता के कारण बाल विवाह में कमी आई है, लेकिन नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में मानव तस्करी की समस्या बढ़ी है। इस समस्या को रोकने के लिए पुलिस के साथ-साथ सक्रिय एजेंसी को भी विशेष अभियान चलाना होगा, तभी इस समस्या पर अंकुश लग पाएगा। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाके में गरीबी और पलायन की समस्या विकराल है। इसी समस्या का फायदा तस्कर उठाते हैं।
साढ़े तीन लाख में हुआ था राजा बाबू का सौदा
कुछ दिन पहले हाजीपुर रेलवे स्टेशन से सुमित कुमार का बच्चा राजा बाबू गायब हो गया था। उसकी लिखित शिकायत पर रेलवे पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की थी। जांच के दौरान अनिल कुमार साह, गुड़िया देवी, मुन्नी कुमारी, अर्जुन कुमार, सोनू कुमार सिंह, किरण देवी को पकड़ा गया। इन लोगों ने साढ़े तीन लाख रुपए में उक्त बच्चे को बेच दिया था। इस मामले में डॉक्टर अविनाश कुमार फरार बताया जाता है। पुलिस उसकी भी खोज कर रही है।
