पंजाब की भगवंत मान सरकार बड़े स्तर पर नशीली दवाओं के खिलाफ युद्ध छेड़ने का फैसला लिया है। इसको लेकर सरकार ने राज्य में टॉप अधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है। एंटी ड्रग कैंपेन के लिए स्वास्थ्य सेक्रेटरी, आवास और शहरी विकास के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और पंजाब के डीजीपी को नोटिस में कहा गया है कि इसको लेकर कड़ी कार्रवाई करें।
पंजाब सरकार ने कहा, 'पंजाब सरकार ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के जरिए आने वाले हफ्तों में ड्रग्स के खिलाफ एक बड़े पैमाने पर युद्ध शुरू करने का फैसला किया है। अगले कुछ दिनों में कार्रवाई शुरू हो जाएगी।'
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पुनर्वास और नशा मुक्ति केंद्रों को बनाएं अधिकारी
सरकार ने कहा, 'सभी डीसी को निर्देश दिया जाता है कि वे पर्याप्त संख्या में पुनर्वास और नशा मुक्ति केंद्रों को सुनिश्चित करें, जो आवश्यक उपकरणों और दवाओं से लैस हों। नशा मुक्ति केंद्रों में ब्यूप्रेनोरफिन दवा, टेस्ट किट, जरूरू संख्या में कर्मचारी आदि शामिल हों। तैयारियां युद्ध स्तर पर की जानी चाहिए और हर डीसी अगले दो दिनों में तैयार रहें।'
मान सरकार ने कहा है कि इस कदम से नशे के आदी लोगों में परेशानी पैदा हो सकती है। धीरे-धीरे उन्हें नशे से दूर करने के लिए सभी डीसी पर्याप्त संख्या में पुनर्वास और नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना करें।
चीफ सेक्रेटरी करेंगे अभियान की निगरानी
साथ ही सरकार ने कहा है कि संबंधित डीसी इसे सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे। इस संबंध में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसा नहीं होने पर डीसी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे अभियान की निगरानी खुद पंजाब के चीफ सेक्रेटरी करेंगे।