बिहार में जल्द सैनिक कल्याण निगम की स्थापना की जाएगी। इसका ऐलान राज्य के अपर मुख्य सचिव (गृह) अरविंद कुमार चौधरी ने किया। निगम की स्थापना बिहार सैनिक कल्याण निदेशालय के अधीन होगी। बता दें कि बिहार सैनिक कल्याण निदेशालय राज्य में पूर्व सैनिकों, उनके आश्रितों और बलिदानी सैनिकों की विधवाओं के उत्थान के लिए काम करता है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने शुक्रवार को सैनिक कल्याण निदेशालय के एक कार्यक्रम यह घोषणा कि प्रदेश के एक दर्जन जिलों में सैनिक कल्याण केंद्रों की स्थापना भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बिहार के सिर्फ 13 जिलों में ही जिला सैनिक कल्याण केंद्र हैं। 12 अन्य जिलों में जल्द ही स्थापना की जाएगी।
बिहार में पहली बार सैनिक कल्याण निदेशालय 10 दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद 20 वीरांगनाओं को प्रमाण पत्र और स्वचालित सिलाई मशीनें बांटी गईं। इस मौके पर गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी भी मौजूद रहे। निदेशालय के प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य बलिदानी सैनिकों की वीरांगनाओं और पूर्व सैनिकों की पत्नी व बेटियों को स्वाबलंबी बनाना है।
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दो महीने में होगी सैनिक कल्याण निगम की स्थापना
सैनिक कल्याण निदेशालय ने प्रशिक्षण शिविर का आयोजन पटना के अल्बर्ट एक्का भवन में भारतीय स्टेट बैंक और एक गैर-सरकारी संगठन नव अस्तित्व के सहयोग से किया। अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने कार्यक्रम में घोषणा की कि पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए दो माह के भीतर सैनिक कल्याण निगम की स्थापना होगी। सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर काम जारी है।
अधिक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का निर्देश
अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वालीं वीरांगनाओं से कहा कि सिलाई सीखने के बाद आपके पास काम की कमी नहीं होगी। काम करने के कई विकल्प होंगे। आप चाहें तो एक ग्रुप में सिलाई केंद्र की स्थापना करके महज चार घंटे काम करके खुद को आर्थिक तौर पर सशक्त बना सकती हैं। उन्होंने सैनिक कल्याण निदेशालय के अधिकारियों को और भी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया।
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कार्यक्र में बिहार सैनिक कल्याण निदेशालय के निदेशक ब्रिगेडियर मृगेंद्र कुमार, भारतीय स्टेट बैंक की राजभवन शाखा की मुख्य प्रबंधक पल्लवी प्रियदर्शिनी, सैनिक कल्याण निदेशालय के सहायक निदेशक कर्नल संतोष त्रिपाठी समेत सेना और बिहार सरकार के कई अधिकारी भी मौजूद रहे।