संजय यादव पर टिप्पणी के बाद लालू प्रसाद यादव की बेटी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता रोहिणी आचार्य ने कहा कि उन्होंने बहन व बेटी के तौर पर अपना कर्तव्य एवं धर्म निभाया है और आगे भी निभाती रहेंगी। उन्होंने लिखा कि उन्हें किसी पद की लालसा नहीं है और नहीं ही कोई राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा है बल्कि उनका आत्मसम्मान ही उनके लिए सर्वोपरि है।
हाल ही में रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले संजय यादव के खिलाफ एक पोस्ट को शेयर किया था जिसके बाद उनको लेकर विवाद खड़ा हो गया था। हालांकि, बाद में ऐसा कहा जा रहा था कि लालू यादव ने उनसे बात की और वह बैकफुट पर आ गईं।
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क्या था विवाद
दरअसल, रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट रीशेयर किया था जिसमें लिखा था, 'फ्रंट सीट सदैव शीर्ष के नेता के लिए चिह्नित होती है. उनकी अनुपस्थिति में भी उस पर किसी और को बैठने का हक नहीं है. अगर कोई खुद को शीर्ष नेतृत्व से ऊपर समझ रहा है तो बात अलग है.'
उसमें आगे लिखा था, 'हम तमाम लोग इस सीट पर लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को बैठे देखने के अभ्यस्त हैं. उनकी जगह कोई और बैठे, यह कतई स्वीकार्य नहीं. हां, कुछ लोग हैं जिन्हें एक दोयम दर्जे के व्यक्ति में ही विलक्षण रणनीतिकार और तारणहार नजर आता है।' इस पोस्ट को सीधा सीधा संजय यादव पर प्रहार माना जा रहा था।
तेज प्रताप और मीसा ने भी किया था विरोध
इसके पहले लालू के परिवार के ही तेज प्रताप यादव और मीसा भारती ने भी विरोध किया था। जहां तेज प्रताप यादव ने खुले मंच से अप्रत्यक्ष रूप से उनके लिए जयचंद शब्द का प्रयोग किया था वहीं मीसा भारती भी संजय यादव को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं।
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आमतौर पर लालू यादव के बच्चों में तेजस्वी, तेज प्रताप, मीसा भारती और रोहिणी आचार्य ही राजनीति में सक्रिय हैं। ऐसे में अगर तीन लोग संजय याजव से अगर नाराज हैं तो वह पद पर कैसे बने हैं ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी में सिर्फ तेजस्वी यादव की ही चलती है।
