उत्तर प्रदेश की सीतापुर जिले में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या करने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस ने गुरुवार को एक मंदिर के पुजारी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है। सीतापुर के एसपी चक्रेश मिश्रा ने बताया कि पुजारी विकास राठौर उर्फ शिवानंद ने अपने परिचित निर्मल सिंह और असलम गाजी को बाजपेयी की हत्या के लिए 4 लाख रुपये की सुपारी दी थी। बाजपेयी ने पुजारी को मंदिर परिसर में एक नाबालिग लड़के का यौन शोषण करते हुए देख लिया था। इसी कारण से पुजारी ने बाजपेयी की हत्या करवा दी। एसपी ने बताया कि निर्मल और असलम ने इस काम के लिए दो शूटरों को काम पर रखा था। शूटरों की पहचान कर ली गई है लेकिन वे फरार हैं और पुलिस दोनों की गिरफ्तारी में जुट गई हैं। एसपी ने बताया कि दोनों कुख्यात अपराधी हैं और पहले भी कई बार जेल जा चुके हैं।
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पुजारी को था इस बात का डर
एसपी मिश्रा ने बताया कि शिवानंद पिछले 5 साल से मंदिर में रह रहा था और उसे इस बात का डर था कि कहीं उसकी पोल न खुल जाए, क्योंकि बाजपेयी ने उसे नाबालिग का यौन शोषण करते हुए देख लिया था। एसपी ने कहा, 'पहले विकास राठौर महोली मंदिर में मुख्य पुजारी की मदद और अन्य धार्मिक गतिविधियों में करता था। फिर वह खुद मंदिर का पुजारी बन गया। पुलिस ने अपनी जांच में पाया कि पुजारी नाबालिग लड़के का यौन शोषण करता था।
पत्रकार और पुजारी के थे अच्छे रिश्ते.... फिर
एसपी ने बताया कि बाजपेयी रोजाना मंदिर आता था और पुजारी के साथ उसके अच्छे संबंध थे। पूछताछ के दौरान पुजारी ने बताया कि फरवरी में एक दिन बाजपेयी ने उसे नाबालिग लड़के का यौन शोषण करते हुए देखा और इसके लिए उसे डांटा। पुलिस अधिकारी ने बताया की राठौर को हमेशा डर रहता था कि बाजपेयी घटना के बारे में गांव वालों को बता देगा और वह मंदिर के पुजारी के तौर पर अपनी प्रतिष्ठा और आजीविका खो देगा।
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8 मार्च को हुई थी हत्या
पुलिस ने बताया कि इसके बाद राठौर ने निर्मल सिंह और असलम गाजी से मुलाकात की, जिन्होंने उसे बाजपेयी को खत्म करने में मदद करने का आश्वासन दिया। एसपी ने बताया, '8 मार्च की सुबह राठौर ने बाजपेयी को मंदिर में बुलाया और फिर सीतापुर शहर के लिए निकल गया और लगभग 3 बजे पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी।' हिंदी डेली के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या 8 मार्च को हुई थी। परिजनों का दावा है कि राघवेंद्र को 10 दिन पहले जान से मारने की धमकी भी मिली थी।