पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की तर्ज पर वोटिंग लिस्ट अपडेट करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीज़न (SIR) प्रक्रिया को तेज कर दिया है। पश्चिम बंगाल में इस प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक बवाल भी मचा हुआ है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी खुलकर इसका विरोध कर रही है। टीएमसी ने चुनाव आयोग समेत भारतीय जनता पार्टी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। इस बीच पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ऑफिस ने जानकारी दी कि वह 9 दिसंबर से एशिया के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया सोनागाछी में विशेष अभियान चलाकर सभी के फॉर्म भरवाने में मदद करेगें।

 

एक अधिकारी ने बताया कि 9 दिसंबर को सोनागाछी में एक स्पेशल कैंप लगाया जाएगा ताकि गिनती के फॉर्म भरने में सेक्स वर्कर्स की दिक्कतों को दूर किया जा सके। यह कैंप उन्हें एसआईआर के लिए फॉर्म भरने में मदद करेगा। यह पहल सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों की भलाई के लिए काम करने वाले संगठनों की और से दर्ज की गई शिकायतों के बाद की गई है।'

 

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कई संस्थाओं ने उठाई थी आवाज

21 नवंबर को सेक्स वर्कर्स के साथ काम करने वाली संस्थाओं ने मुख्य चुनाव अधिकारी को ईमेल भेजकर SIR प्रक्रिया में आ रही बड़ी समस्याओं की जानकारी दी थी। इन संस्थाओं में सोसाइटी ऑफ ह्यूमन डेवलेपमेंट एंड सोशल एक्शन, उषा मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी और अमरा पदातिक शामिल थे। इन्होंने ईमेल में सेक्स वर्कर्स को SIR से फॉर्म भरने में आ रही दिक्कतों और इसके डर के बारे में बताया। इस ईमेल पर एक्शन लेते हुए चुनाव अधिकारी ने अब रेड-लाइट एरिया में स्पेशल कैंप लगाने का फैसला किया है। 

चुनाव आयोग ने लिया एक्शन

मुख्य चुनाव अधिकारी ने रेड-लाइट इलाकों में विशेष सुनवाई और सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था। एक अधिकारी ने बताया, 'मुख्य चुनाव अधिकारी खुद भी किसी कैंप में शामिल हो सकते हैं।' इन संस्थाओं से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि शहर के कई इलाकों में सेक्स वर्कर्स को फॉर्म भरने में कठिनाई हो रही है। अमरा पदातिक से जुड़े महास्वेता मुखर्जी ने सोनागाछी, सेठबागान, रामबागान, जोराबागान, खिदिरपुर, कालीघाट और बोबाजार जैसे इलाकों की समस्याओं से जुड़ा एक पत्र मुख्य चुनाव अधिकारी के ऑफिस में दिया था। इसके बाद मुख्य चुनाव अधिकारी ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। 

 

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12 राज्यों में जारी है SIR प्रक्रिया

SIR की प्रक्रिया 28 अक्टूबर से ही 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही है। इस प्रक्रिया में वोटर लिस्ट अपडेट की जा रही है। वोटर लिस्ट की खामियों को सुधारा जा रहा है और नए वोटरों के नाम जोड़े जा रहे हैं। बूथ लेवल ऑफिसर घर-घर जाकर लोगों से वोटर फॉर्म भरवा रहे हैं। विपक्ष ने चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण तरीके से और कम समय में इस प्रक्रिया को करवाने का आरोप लगा रहा है। इस बीच चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया है। अब वेरिफिकेशन की प्रक्रिया 11 दिसंबर तक जारी रहेगी। पहले इसे 4 तारीख तक ही खत्म करने का लक्ष्य रखा गया था।