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बंगाल में बाबरी मस्जिद का होना था शिलान्यास! HC ने दखल देने से मना क्यों किया?

कोर्ट ने मुर्शिदाबाद जिले में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर प्रस्तावित मस्जिद के निर्माण में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

Babri Masjid bengal

बंगाल में बाबरी मस्जिद का होना था शिलान्यास। Photo Credit- ANI

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कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अयोध्या की बाबरी मस्जिद की तर्ज पर प्रस्तावित मस्जिद के निर्माण में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दियाकोर्ट ने कहा कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगीयह प्रस्ताव तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने दिया हैसीएम ममता बनर्जी ने इसी विवाद के बाद हुमायूं कबीर को पार्टी से बाहर निकाल दिया

 

कोर्ट की यह टिप्पणी छह दिसंबर को प्रस्तावित बाबरी मस्जिद के लिए निर्धारित शिलान्यास समारोह से पहले आई हैबता दें कि इसी दिन आयोध्या में बाबरी मस्जिद के मूल ढांचे के विध्वंस की वर्षगांठ भी हैहालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले को सुलझाने के बाद अब यहां राम मंदिर बनाया गया है

हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल की खंडपीठ ने प्रस्तावित मस्जिद के शिलान्यास समारोह पर रोक लगाने की अपील वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद निर्देश दिया कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल सरकार की होगी

 

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समारोह पर रोक लगाने की अपील

गुरुवार को दायर जनहित याचिका में इस आधार पर समारोह पर रोक लगाने की अपील की गई थी कि इस समारोह से क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ सकता हैयाचिकाकर्ता ने आग्रह किया था कि हाई कोर्ट हुमायूं कबीर के भड़काऊ बयानों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करेआरोप है कि कबीर ने राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ा है

सार्वजनिक शांति भंग होगी- याचिका

याचिका में कहा गया है, 'रिट याचिका मुर्शिदाबाद के बेलडांगा ब्लॉक एक में बाबरी मस्जिद के शिलान्यास को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए रोकने से संबंधित है... विधायक एक समुदाय के खिलाफ अशोभनीय और अपमानजनक बातें और अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे सार्वजनिक शांति भंग होती है।'

 

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याचिका में कहा गया है कि एक विधायक होने के नाते, सोशल मीडिया और यूट्यूब न्यूज पोर्टल पर इस तरह के बयान और अभद्र भाषा हमारे राज्य के साथ-साथ हमारे देश के सांप्रदायिक सद्भाव को भी बिगाड़ सकती है।

 

कबीर पार्टी के आंतरिक मामलों सहित कई मुद्दों पर विवादास्पद बयान देकर पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। उनको तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को सांप्रदायिक राजनीति में संलिप्त होने के आरोप में निलंबित कर दिया। निलंबित नेता ने बाद में विधायक पद से इस्तीफा देने और इस महीने के अंत में अपनी पार्टी बनाने की घोषणा की।

 

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