कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस अभिजीत गांगुली के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त 32 हजार शिक्षकों की नौकरी को खत्म किए जाने का फैसला किया था।
जस्टिस तपोब्रत चक्रवर्ती और जस्टिस रीतब्रत कुमार मित्रा की बेंच ने कहा, 'ये शिक्षक 9 साल से नौकरी कर रहे हैं। अब इन्हें हटाने से उनके परिवारों पर बहुत बुरा असर पड़ेगा।' यह फैसला अगले साल होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। पार्टी पिछले कुछ समय से शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के कई मामलों में घिरी हुई थी।
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क्या था पुराना मामला?
2014 में टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) हुआ था। इसके बाद कुल 42,500 प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती हुई। 2023 में जस्टिस अभिजीत गांगुली (जो अब रिटायर होकर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं) ने भर्ती में गड़बड़ी का हवाला देते हुए 32 हजार शिक्षकों की नौकरी रद्द कर दी थी और सरकार को 3 महीने में नई भर्ती करने को कहा था।
हालांकि, जब यह मामला दूसरी डिवीजन बेंच में गया तो उसने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी थी और सरकार को नई भर्ती के लिए 6 महीने का समय दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया। सुप्रीम कोर्ट ने रोक बरकरार रखी और हाईकोर्ट से अंतिम सुनवाई करने को कहा। 12 नवंबर को सुनवाई पूरी हुई और आज फैसला आ गया।
क्या बोली बीजेपी?
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, 'ममता बनर्जी के राज में एक भी सरकारी नौकरी का इम्तिहान ईमानदारी से नहीं हुआ। हाल में पुलिस भर्ती में भी उम्मीदवारों को OMR शीट की कार्बन कॉपी तक नहीं दी गई। मुझे लगता है जस्टिस गांगुली ने बिल्कुल सही किया था।'
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, 'कुछ गलतियां, लापरवाही और अपराध की अलग-अलग घटनाओं को आधार बताकर पूरा शिक्षा तंत्र ही फेल बता दिया जा रहा है। लेफ्ट के वक्त में नौकरियाँ कैसे बेची जाती थीं, सबने देखा है। बीजेपी शासित राज्यों और केंद्र सरकार की परीक्षाओं में भी क्या हो रहा है, सब जानते हैं। हम पूरी पारदर्शिता से काम कर रहे हैं। हां, कुछ गलतियां हुई हैं, उन्हें सुधारने की पूरी कोशिश की जा रही है। विपक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहा है।'
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ममता बनर्जी ने किया स्वागत
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, 'हम न्यायिक प्रक्रिया का स्वागत करते हैं। मैं इस बात से खुश हूं कि हमारे भाइयों बहनों को उनकी नौकरी फिर से वापस मिल गई है।'
