डिजिटल दुनिया में बढ़ रहे ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज बच्चे, युवा और यहां तक कि बड़े-बुजुर्गों को भी दिखाई दे रहा है। हालांकि, जहां एक तरफ ऑनलाइन गेमिंग का क्रेज बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े साइबर फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग लोगों को गेमिंग के जरिए कई तरह के साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे हैं, जिसे जानना बहुत जरूरी है।
कैसे लोग साइबर फ्रॉड के शिकार बन रहे हैं?
नकली गेमिंग वेबसाइट और एप्स
कई साइबर अपराधी नकली गेमिंग वेबसाइट या एप्लिकेशन बनाकर लोगों को फंसाते हैं। ये एप्स असली गेमिंग एप्स जैसे दिखते हैं लेकिन इनमें वायरस या मालवेयर छिपे होते हैं, जो डिवाइस में मौजूद निजी जानकारी चोरी कर सकते हैं।
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फर्जी इन-गेम ऑफर्स और स्कीम्स
गेम खेलने के दौरान कई बार स्क्रीन पर पॉप-अप मैसेज आते हैं, जिनमें मुफ्त कॉइन्स, बोनस या गिफ्ट देने का वादा किया जाता है। लोग इनके लालच में आकर अपने बैंक डिटेल्स डाल देते हैं, जिसके बाद उनके अकाउंट से पैसे गायब हो जाते हैं।
फिशिंग अटैक और फर्जी लिंक
गेमर्स को अक्सर सोशल मीडिया या ईमेल के जरिए ऐसे लिंक भेजे जाते हैं, जिनपर क्लिक करते ही उनकी निजी जानकारी चुरा ली जाती है। ये फिशिंग लिंक किसी असली गेमिंग साइट जैसा दिखता है, जिससे लोग धोखे में आकर अपनी आईडी और पासवर्ड डाल देते हैं।
ऑनलाइन फ्रॉड ट्रांजैक्शन
कई बार गेमर्स किसी तीसरे व्यक्ति से गेमिंग आइटम या वर्चुअल करंसी खरीदते हैं। अपराधी लोगों को सस्ते दामों पर गेमिंग पॉइंट्स बेचने का लालच देकर उनसे ऑनलाइन पेमेंट करवाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। ऐसा BGMI या फ्रीफायर गेम में ज्यादा होता है, जिसमें बोनस पॉइंट्स की ज्यादा अहमियत है।
साइबर बुलिंग और ब्लैकमेलिंग
कुछ गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर साइबर अपराधी बच्चे और किशोरों को टारगेट करते हैं। वे दोस्ती करके उनके निजी वीडियो या चैट रिकॉर्ड कर लेते हैं और बाद में ब्लैकमेल करते हैं। साथ ही उन्हें भी सस्ते में बोनस पॉइंट देने का लालच देकर पैसा ऐठने की कोशिश करते हैं।
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
सिर्फ विश्वसनीय और आधिकारिक गेमिंग वेबसाइट्स या एप्स का इस्तेमाल करें। कोई भी गेमिंग एप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग और रिव्यू जरूर पढ़ें।
अनजान लोगों से गेमिंग ट्रांजैक्शन न करें। कोई गेमिंग पॉइंट्स या आइटम बेचने का दावा करता है, तो पहले उसकी सच्चाई जांच लें, हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि कुछ भी यदि सस्ते में मिल रहा है तो उसके पीछे भी किसी ने धोखाधड़ी की होगी।
ऑनलइन गेमिंग के दौरान अपनी निजी जानकारी किसी से साझा न करें। गेमिंग प्लेटफॉर्म पर अपनी बैंक डिटेल्स, पासवर्ड और अन्य निजी जानकारी शेयर करने से बचें।
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फर्जी ऑफर्स और बोनस से सावधान रहें। किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से पहले उसके सोर्स की जांच करें। साथ ही मजबूत पासवर्ड और Two-Factor Authentication का इस्तेमाल करें। इससे आपकी गेमिंग आईडी सुरक्षित रहेगी।
बच्चों को गेमिंग के दौरान सतर्क रहने की सलाह दें। उन्हें समझाएं कि वे किसी अजनबी से निजी बात न करें और किसी भी गलत व्यवहार की सूचना तुरंत माता-पिता को दें।