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फोन चोरी होने के बाद भी कैसे UPI और अकाउंट को रख सकते हैं सुरक्षित

आज कल मोबाइल चोरी हो जाने पर लोगों के UPI और बैंक अकाउंट पर सेंधमारी की जाती है। आइए जानते हैं कि कैसे किया जा सकता है बचाव।

AI Image of Cyber Security

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: AI)

आज के समय में मोबाइल फोन से ही बैंकिंग से जुड़े लगभग सभी काम जैसे, पैसों का लेन-देन, इंश्योरेंस और लोन के पैसों का भुगतान जैसी चीजें शामिल हैं। हालांकि, ये तब समस्या बन सकती है जब आपका फोन चोरी या खो हो जाए और उसमें कमजोर पासवर्ड हो। ऐस होना ठगों के लिए सुनहरा मौका बन सकता है। हाल ही में दिल्ली पुलिस ने दो ऐसे गिरोहों का पर्दाफाश किया, जो चोरी और छिनैती किए गए मोबाइल फोन का गलत इस्तेमाल करके लाखों रुपए की ठगी कर रहे थे।

कैसे होती है यह ठगी?

मोबाइल चोरी के बाद ठग सबसे पहले उसमें लगी सिम का इस्तेमाल कर व्यक्ति के बैंक और यूपीआई खातों तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। चूंकि कई लोग सरल और अनुमानित पासवर्ड जैसे '123456', जन्मतिथि, मोबाइल नंबर के शुरुआती या अंतिम अंक आदि का इस्तेमाल करते हैं, ठग आसानी से इनका अनुमान लगा लेते हैं।

 

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सिम कार्ड का दुरुपयोग: ठग मोबाइल में लगी सिम को निकालकर किसी दूसरे फोन में डालते हैं और फिर फोन सेटिंग्स में जाकर व्यक्ति का नंबर मिल जाते हैं।

 

OTP के जरिए यूपीआई एक्सेस: अधिकांश यूपीआई एप्लिकेशन नए डिवाइस पर लॉगिन करने के लिए ओटीपी भेजते हैं। चूंकि सिम ठग के पास होता है, वे यह ओटीपी आसानी से मिल कर लेते हैं और यूपीआई अकाउंट एक्सेस कर लेते हैं।

 

पासवर्ड का अनुमान लगाना: ठग सामान्य पासवर्ड डालकर कई बार प्रयास करते हैं और यदि पासवर्ड आसान हो, तो वे यूपीआई तक पहुंचने में सफल हो जाते हैं।

 

बिटकॉइन और दूसरे तरीकों से पैसे ट्रांसफर: चोरी किए गए पैसों को रखने के लिए ये गिरोह प्रतिबंधित एप्स के जरिए बिटकॉइन में निवेश कर देते हैं या दूसरे खातों में ट्रांसफर करके नकद निकाल लेते हैं।

कैसे बचा जा सकता है?

मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें: हमेशा ऐसा पासवर्ड बनाएं, जिसमें छोटे और बड़े अक्षर, नंबर और खास चिह्न हो। कभी भी जन्मतिथि या मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पासवर्ड के तौर पर न करें।

 

बायोमेट्रिक सिक्योरिटी: जहां हो सके फिंगरप्रिंट और फेस रिकॉग्निशन जैसी सुविधाओं का इस्तेमाल करें, ताकि पासवर्ड का अंदाजा लगाना मुश्किल हो।

 

यूपीआई पिन को गुप्त रखें: कभी भी यूपीआई पिन को मोबाइल में सेव न करें और इसे समय-समय पर बदलते रहें।

 

सिम कार्ड लॉक करें: मोबाइल चोरी होने पर ठगों को सिम से ओटीपी मिलने से रोकने के लिए सिम लॉक फीचर का इस्तेमाल करें।

 

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मोबाइल ट्रैकिंग और रिमोट लॉक: ‘Find My Device’ (Android) या ‘Find My iPhone’ (iOS) जैसे फीचर्स को ऑन रखें, ताकि चोरी के बाद फोन को रिमोटली लॉक किया जा सके।

 

संदिग्ध लेन-देन पर तुरंत प्रतिक्रिया दें: बैंक अकाउंट के जरिए कोई संदिग्ध लेन-देन दिखे, तो तुरंत बैंक और साइबर सेल को सूचना दें और UPI ID को कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दें।

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