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एक कॉल और लग जाएगा लाखों का चूना, जानें क्या है IVR कॉल ठगी?

साइबर अपराधियों ने नए फर्जी IVR के जरिए लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। आइए जानते हैं कैसे होती है ये ठगी और इससे कैसे बचें।

AI Image of IVR Call Scam

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: AI Image)

साइबर अपराध के लिए ठग नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं, इनमें कॉल स्पूफिंग, वॉइस क्लोनिंग, डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराध शामिल हैं। हालांकि, अब साइबर अपराधियों ने नए फर्जी IVR के जरिए लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। बता दें कि IVR एक ऑटोमेटेड वॉइस मेसेज हैं, जिसका इस्तेमाल कई कंपनियों के कस्टमर केयर, बैंक और फाइनेंस से जुड़ी संस्थाएं करती हैं।

 

ऐसी एक घटना हाल ही में बेंगलुरु की एक महिला के साथ हुई, जहां उसने एक फर्जी IVR कॉल का जवाब दिया और 2 लाख रुपए गंवा बैठी। 20 जनवरी को हुई इस घटना में महिला को एक फोन कॉल आया, जिसकी कॉलर आईडी 'SBI' नाम से दिखी। इस महिला का खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया SBI में था, इसलिए उसे यह कॉल पूरी तरह से असली लगी।

 

कॉल एक ऑटोमेटेड IVR सिस्टम की तरह थी, जिसमें बताया गया कि उसके खाते से 2 लाख रुपए ट्रांसफर किए जा रहे हैं। कॉल में कहा गया कि यदि वह इस लेन-देन को रोकना चाहती हैं, तो कुछ बटन दबाएं। महिला ने घबराहट में बिना सोचे-समझे निर्देशों का पालन किया। कुछ ही पलों में कॉल खत्म हो गई और फिर एक मेसेज आया, जिसमें बताया गया कि उसके अकाउंट से 2 लाख रुपए कट चुके हैं।

 

बाद में, महिला ने यह घटना बैंक अधिकारियों को बताई और शिकायत दर्ज कराई गई। इस घटना ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है क्योंकि फर्जी IVR कॉल के जरिए साइबर ठग लोगों को आसानी से धोखा दे सकते हैं।

 

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IVR कॉल स्कैम कैसे काम करता है?

साइबर अपराधी असली IVR सिस्टम की नकल कर एक फर्जी सिस्टम तैयार करते हैं, जिससे लोग धोखे में आकर अपनी संवेदनशील जानकारी साझा कर देते हैं। इस प्रकार के ठगी के मामले आमतौर पर इस तरह से होते हैं:

  • कॉलर आईडी स्पूफिंग – ठग कॉलर आईडी को इस तरह बदल देते हैं कि यह बैंक या सरकारी एजेंसी के असली नंबर जैसा दिखे।
  • प्रोफेशनल वॉइस क्लोनिंग – कॉल में इस्तेमाल किया गया ऑटोमेटेड सिस्टम असली IVR सिस्टम की तरह ही लगता है, जिससे लोग धोखा खा जाते हैं।
  • घबराहट पैदा करना – कॉल में बताया जाता है कि 'आपका खाता दो घंटे में ब्लॉक हो जाएगा' या 'आपके खाते से बड़ा ट्रांजैक्शन हो गया है', जिससे व्यक्ति डरकर दिए गए निर्देश को मानेगा।
  • OTP या बैंकिंग डिटेल्स मांगना – IVR सिस्टम पीड़ित से OTP, CVV, कार्ड नंबर या पिन डालने के लिए कहता है।
  • जल्दी निर्णय लेने का दबाव-ठग जल्दी फैसला लेने के लिए मजबूर करते हैं, ताकि व्यक्ति सही से सोच न पाए।

किन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है?

विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ वर्ग के लोग इन ठगी के मामलों में वरिष्ठ नागरिक ज्यादा शिकार बनते हैं, जिन्हें टेक्नोलॉजी की ज्यादा जानकारी नहीं होती है। इसके साथ वह छोटे व्यापारी भी इस जाल में फंस जाते हैं, जो ऑनलाइन बैंकिंग में नए होते हैं और जल्दी से किसी भी निर्देश का पालन कर लेते हैं। इसके साथ ये खतरा नए UPI यूजर्स पर भी रहता है, जिन्हें ऑनलाइन स्कैम से जुड़ी सावधानी की जानकारी नहीं होती है।

कैसे पहचाने कि IVR कॉल नकली है?

इस बात का ध्यान रखें कि कोई भी बैंकिंग IVR कॉल OTP, CVV या पासवर्ड नहीं मांगता। बल्कि ऐसे कॉल में निर्देश दिए जाते हैं कि अपना बैंक डीटेल यहां न बताएं। कोई कॉल यह जानकारी मांगती है, तो यह स्पष्ट रूप से एक ठगी है।

 

फर्जी IVR कॉल आपको जल्दी फैसला लेने के लिए मजबूर करता है। असली ग्राहक सेवा प्रतिनिधि आपको सोचने और निर्णय लेने के लिए पूरा समय देते हैं।

 

फर्जी कॉल हमेशा आपको डरा कर कार्यवाही करने को कहते हैं। असली बैंक कॉल्स में केवल तटस्थ और सामान्य निर्देश दिए जाते हैं।

 

कोई संदेह हो, तो तुरंत फोन काटें और बैंक की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर कॉल करें।

 

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फर्जी IVR कॉल से बचाव के तरीके

  • OTP, पिन, या बैंकिंग डिटेल्स कभी भी किसी से साझा न करें।
  • SMS और ईमेल अलर्ट चालू रखें, ताकि हर लेन-देन की जानकारी तुरंत मिल सके।
  • DND (Do Not Disturb) सेवा में रजिस्टर करें, जिससे स्पैम कॉल की संख्या कम हो जाए।
  • किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत बैंक और साइबर अपराध अधिकारियों को दें।
  • कॉल कटने के तुरंत बाद खाते से पैसे कट जाएं, तो तुरंत बैंक से संपर्क करें।

अगर ठगी हो जाए तो क्या करें?

तुरंत फोन काट दें और बैंक के आधिकारिक नंबर पर कॉल करें।
साइबर क्राइम हेल्पलाइन (1930) या वेबसाइट cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
यदि बैंकिंग डिटेल साझा कर दी गई हो, तो बैंक से संपर्क कर कार्ड ब्लॉक कराएं या खाते को फ्रीज करवाएं।
TRAI के DND रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर भी इस फर्जी कॉल की रिपोर्ट करें।

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