स्मार्टफोन हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है। हालांकि, स्मार्टफोन के इस क्रेज ने साइबर सिक्योरिटी से जुडी कई परेशानियां भी बढ़ा रहा है। बता दें कि जो एंड्रॉइड फोन का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए डेटा सुरक्षा और साइबर क्राइम से बचाव करना बेहद जरूरी है। इनका साइबर अपराधियों के निशाने खतरा लगातार बना रहता है।
हालांकि, एंड्रॉइड स्मार्टफोन्स में कई ऐसे फीचर्स दिए गए हैं, जिनकी मदद से आप अपने फोन और निजी जानकारी को सेफ रख सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे 10 जरूरी फीचर्स के बारे में जो आपके डेटा को चोरी होने से बचा सकते हैं।
गूगल फाइंड माय डिवाइस (Google Find My Device)
अगर आपका फोन गुम हो जाए या चोरी हो जाए, तो गूगल का Find My Device फीचर आपको अपने फोन को ट्रैक करने, लॉक करने और रिमोटली डेटा डिलीट करने की सुविधा देता है। इससे आपका निजी डेटा का गलत इस्तेमाल नहीं हो पाता है।
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ऐप परमिशन कंट्रोल
एंड्रॉइड में ऐप्स को दिए गए परमिशन को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। किसी भी ऐप को आवश्यकता से ज्यादा परमिशन न दें। इसके लिए Settings > Apps > App Permissions में जाकर आप देख सकते हैं कि कौन से ऐप्स आपके कैमरा, माइक्रोफोन, या लोकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं और उन्हें जरूरत के हिसाब से पर्मिशन दे सकते हैं या रोक सकते हैं।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन
एंड्रॉइड में एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का फीचर होता है, जो आपके डेटा को सिक्योर रखते हैं। इससे आपके मैसेज, कॉल और दूसरी निजी जानकारी को सिर्फ आप और मैसेज किए गए व्यक्ति ही देख सकता है।
ऑटोमैटिक सिक्योरिटी अपडेट्स
अपने एंड्रॉइड फोन को समय-समय पर अपडेट करते रहें। एंड्रॉइड के नए अपडेट्स में अक्सर सिक्योरिटी के भी अपडेट होते हैं और बग फिक्स होते हैं जो आपके डिवाइस को ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं।
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वाई-फाई और ब्लूटूथ सिक्योरिटी
पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय सावधान रहें क्योंकि इससे डेटा चोरी का खतरा बढ़ जाता है। एंड्रॉइड में वाई-फाई सिक्योरिटी सेटिंग्स को मैनेज करके आप VPN (Virtual Private Network) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे आपके ऑनलाइन गतिविधियों को सुरक्षित रख सकते हैं। साथ ही, ब्लूटूथ को सिर्फ जरूरत के समय ही ऑन रखें।
गूगल प्ले प्रोटेक्ट (Google Play Protect)
Google Play Protect एक बिल्ट-इन सिक्योरिटी फीचर है जो आपके फोन में इंस्टॉल किए गए ऐप्स को स्कैन करता है और हानिकारक ऐप्स को पहचान कर अलर्ट करता है। यह फीचर हमेशा एक्टिव रहता है लेकिन इसे मैन्युअली भी चेक कर सकते हैं।
टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA)
अपने गूगल अकाउंट और दूसरे ऐप्स के अकाउंट्स के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को एक्टिव करें। ये आपके अकाउंट को और सुरक्षित बनाता है। ये फीचर न सिर्फ फोन के लिए बल्कि सोशल मीडिया, जी-मेल इत्यादि के लिए भी जरूरी होता है। साथ ही इससे साइबर हमला होने का खतरा कम रहता है।