अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने बुधवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जो कथित रूप से महिलाओं के निजी वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड और बेच रहे थे। इन वीडियो में अस्पताल में गाइनेकोलॉजिकल जांच के दौरान महिलाओं की सीसीटीवी फुटेज शामिल थीं। पुलिस को अब तक तीन यूट्यूब चैनल और एक टेलीग्राम ग्रुप का पता चला है लेकिन यह संख्या बढ़ सकती है क्योंकि दूसरे वीडियो की भी जांच की जा रही है।
यूट्यूब और टेलीग्राम ग्रुप में करते थे निजी वीडियो साझा
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी 20 से 25 वर्ष की आयु के हैं और महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से पकड़े गए हैं। इसमें महाराष्ट्र के लातूर से प्रज्वल अशोक तेली, सांगली से प्रजापति राजेंद्र पाटिल और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से चंद्रप्रकाश फूलचंद को पकड़ा गया है। अहमदाबाद पुलिस की अलग-अलग टीमों ने इन्हें हिरासत में लिया और ट्रांजिट रिमांड पर अहमदाबाद लाया गया है।
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पुलिस का कहना है कि प्रज्वल तेली इस गिरोह का मुख्य सरगना है। वहीं, प्रजापति पाटिल ने टेलीग्राम ग्रुप में रजिस्ट्रेशन के लिए अपना मोबाइल नंबर दिया था और इस ग्रुप में शामिल होने के लिए जिन लोगों ने भुगतान किया था, वह राशि उसके बैंक खाते में जमा होती थी। तीसरा आरोपी, चंद्रप्रकाश फूलचंद, यूट्यूब चैनलों पर इस तरह के वीडियो ऑनलाइन पोस्ट कर रहा था।
सोशल मीडिया पर जांच के दौरान आया सामने
यह मामला तब सामने आया जब अहमदाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने सोशल मीडिया पर चल रही गलत गतिविधियों की निगरानी के दौरान इन वीडियो का पता लगाया। इसके बाद, सोमवार को आईटी अधिनियम के तहत राज्य की ओर से एफआईआर दर्ज की गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिन वीडियो की जांच सबसे पहले की गई थी, वे एक राजकोट में मौजूद नर्सिंग होम के स्त्री रोग जांच कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्ड की गई फुटेज थीं। इस खुलासे के बाद पुलिस ने गहन जांच शुरू की और इन तीनों आरोपियों को ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया।
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इस तरह की साइबर अपराध से बचने के लिए क्या करें
अस्पतालों और अन्य निजी स्थानों पर लगे कैमरों को केवल आवश्यक क्षेत्रों में ही लगाया जाए और उनकी निगरानी प्रशासन द्वारा की जाए। संवेदनशील स्थानों पर कैमरे लगाने से बचना चाहिए।
अस्पतालों और संस्थानों को अपने सीसीटीवी सिस्टम को सुरक्षित सर्वर से जोड़ना चाहिए, ताकि बाहरी लोग इन फुटेज को एक्सेस न कर सकें।
अगर किसी को इस तरह के वीडियो या किसी अन्य साइबर अपराध की जानकारी मिले तो उन्हें तुरंत पुलिस को सूचित करना चाहिए और इसकी शिकायत दर्ज करानी चाहिए।
यदि किसी को किसी ऐसे चैनल या टेलीग्राम ग्रुप के बारे में जानकारी मिलती है, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर इसकी सूचना दें। साथ ही खुद भी इंटरनेट पर निजी जानकारी साझा करने में सावधानी बरतें और अनजान लिंक या ग्रुप में शामिल होने से बचें, इससे कभी आप भी परेशानी में फंस सकते हैं।