डिजिटल युग में ऑनलाइन कोर्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है लेकिन इसके साथ ही धोखाधड़ी को लेकर छात्रों की चिंताएं भी बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग आधे छात्रों ने ऑनलाइन पढ़ाई में संभावित फर्जीवाड़े को लेकर गंभीर चिंता जताई है। यह सर्वेक्षण कॉलेज विद्या द्वारा किया गया, जिसमें 90,000 छात्रों ने भाग लिया। रिपोर्ट में यह सामने आया कि हर 10 में से 5 छात्र ऑनलाइन कोर्स के बारे में पूछताछ करते समय धोखाधड़ी की संभावना को लेकर सवाल उठाते हैं।

छात्रों को किस बात की चिंता है?

छात्रों की सबसे बड़ी चिंता भुगतान की सुरक्षा, डिग्री की मान्यता और नौकरी देने के दावों को लेकर है। कई बार ऑनलाइन कोर्स देने वाले नौकरी की 100% गारंटी भी देते हैं लेकिन हकीकत कुछ और होती है। इसके अलावा, कुछ संस्थान फर्जी डिग्री और प्रमाणपत्र भी जारी करते हैं, जिनकी कोई कानूनी मान्यता नहीं होती।

 

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रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 50% छात्र किसी भी ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लेने से पहले यह जांचते हैं कि वह यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) से मान्यता प्राप्त है या नहीं। वहीं, 30% छात्र बिना पूरी तरह जांच-पड़ताल किए भुगतान करने में हिचकिचाते हैं। इसके अलावा, 20% छात्र यह संदेह जताते हैं कि ऑनलाइन संस्थान जो प्लेसमेंट और करियर ग्रोथ के दावे करते हैं, वे कितने सही हैं।

UGC की सख्त गाइडलाइंस

छात्रों की यह चिंता यूजीसी (UGC) द्वारा जारी हालिया चेतावनियों से भी मेल खाती है। यूजीसी के अनुसार, कुछ कोर्स को ऑनलाइन या ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) मोड में पढ़ाना मना है। इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल साइंस, लॉ, आर्किटेक्चर और फार्मेसी जैसे विषय शामिल हैं। यह इसलिए लगाया गया है ताकि कोर्स की गुणवत्ता बनी रहे और छात्रों के साथ धोखाधड़ी न हो।

छात्र कैसे बच सकते हैं?

ऑनलाइन कोर्स में धोखाधड़ी से बचने के लिए छात्रों को सतर्क रहना जरूरी है। यहां कुछ जरूरी कदम बताए गए हैं जिनका पालन करके छात्र किसी भी ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लेने से पहले खुद को सुरक्षित रख सकते हैं-

  • UGC और DEB से मान्यता प्राप्त संस्थानों को चुनें-किसी भी ऑनलाइन कोर्स में दाखिला लेने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वह यूजीसी (UGC) और डिस्टेंस एजुकेशन ब्यूरो (DEB) से मान्यता प्राप्त है। आप इसकी जांच UGC-DEB की आधिकारिक वेबसाइट पर कर सकते हैं।
  • फर्जी वेबसाइटों से बचें – कई बार ऑनलाइन ठगी करने वाले असली यूनिवर्सिटी का नाम और लोगो चुराकर नकली वेबसाइट बना लेते हैं। हमेशा यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट से ही कोर्स के बारे में जानकारी लें।
  • संपर्क नंबर और पता जांचें – कोर्स में एडमिशन लेने से पहले संस्थान के संपर्क नंबर पर बात करें और उनका पता भी चेक करें। अगर कोई संस्थान अपना सही पता या संपर्क जानकारी नहीं दे रहा है, तो यह संदेह का विषय हो सकता है।

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  • फीस और रिफंड पॉलिसी जांचें – किसी भी संस्थान में एडमिशन लेने से पहले उसकी फीस स्ट्रक्चर और रिफंड पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें। कई बार छात्र बिना सोचे-समझे फीस भर देते हैं और बाद में जब उन्हें संस्थान के फर्जी होने का पता चलता है, तो उन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिल पाता।
  • नौकरी देने के वादों की सच्चाई जानें – अगर कोई संस्थान 100% नौकरी देने का दावा कर रहा है, तो उसकी पूरी तरह जांच करें। इसके लिए पुराने छात्रों के रिव्यू पढ़ें और यह देखें कि कितने छात्रों को वाकई अच्छी कंपनियों में नौकरी मिली है।
  • UGC-DEB ID जनरेट करें – इस साल से UGC ने एक नई प्रक्रिया शुरू की है, जिसमें छात्रों को किसी भी मान्यता प्राप्त ODL और ऑनलाइन प्रोग्राम में प्रवेश लेने के लिए UGC-DEB ID जनरेट करनी होगी। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा कदम है, जिससे छात्रों को किसी भी फर्जी कोर्स में दाखिला लेने से रोका जा सके।