दुनियाभर में लोग क्रिसमस के त्योहार की तैयारी कर रहे हैं। भारत में भी करोड़ों लोग क्रिसमक का त्योहार मनाते हैं। अन्य त्योहारों की तरह ही क्रिसमस का त्योहार आते ही ऑनलाइन शॉपिंग, डिजिटल पेमेंट और सोशल मीडिया पर लोग आम दिनों से ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं। आमतौर पर लोग गाड़ी, घर या फिर कोई अन्य मनपसंद चीज त्योहार पर ही खरीदते हैं ताकि त्योहार को और ज्यादा खास बनाया जा सके। इसी मौके का फायदा उठाकर साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपनाते साइबर अपराधियों के लिए त्योहार एक अवसर की तरह होता है, जिसमें वे लोगों को अपना शिकार बना सकते हैं।
हर त्योहार के दौरान कई ऐसी खबरें आती हैं, जिनमें साइबर अपराधी लोगों को त्योहार के बहाने अपना शिकार बना लेते हैं। इसमें ऑनलाइन शॉपिंग, सेल ऑफर और भी बहुत सारे तरीके शामिल होते हैं। आपके बैंक अकाउंट से एक फोन कॉल या ईमेल से आपकी सालों की कमाई गायब हो सकती है। पैसे के नुकसान के साथ-साथ त्योहार की खुशियां भी खत्म हो सकती हैं। ऐसे में अगर आप भी साइबर अपराधियों से बचना चाहते हैं तो आपको भी साइबर अपराध स्कैम के अलग-अलग तरीकों के बारे में पता होना चाहिए।
यह भी पढ़ें: क्या भारत साइबर फ्रॉड की राजधानी बनता जा रहा है, क्या कहते हैं आंकड़े?
फर्जी क्रिसमस ऑफर और डिस्काउंट स्कैम
त्योहार आते ही लोग खरीददारी ज्यादा करते हैं और इस बात का फायदा साइबर अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए उठाते हैं। क्रिसमस सेल के नाम पर ई-मेल, SMS या सोशल मीडिया पर भारी छूट वाले ऑफर भेजे जाते हैं। सोशल मीडिया से लेकर फोन कॉल तक आपको अलग-अलग ऑफर के बारे में बताया जाता है। आपके फोन पर कई लिंक भी भेजे जाते हैं। इन लिंक पर क्लिक करते ही आप फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाता है और इस वेबसाइट से ऑफर में आप कुछ सामान खरीदते हैं। इस वेबसाइट पर सामान सिलेक्ट करने के बाद आपसे कार्ड डिटेल या UPI जानकारी मांगी जाती है। कई मामलों में पेमेंट के बाद सामान कभी डिलीवर ही नहीं होता और कुछ मामलों में तो आपके अकाउंट से जितना वेबसाइट पर पैसा दिखाया जाता है, उससे कहीं ज्यादा पैसा आपके अकाउंट से कट जाता है।
फेक गिफ्ट और लकी ड्रॉ स्कैम
त्योहार के नाम पर ठगी का एक बड़ा तरीका फेक गिफ्ट स्कैम भी है। क्रिसमस गिफ्ट जीतें या फिर लकी ड्रा में कार और मोबाइल जीतें जैसे मैसेज आपने भी त्योहार के सीजन में अपने फोन पर जरूर देखे होंगे। इस तरह के ऑफर देकर ठग लोगों को लालच देते हैं। इन स्कैम में यूजर से रजिस्ट्रेशन फीस या टैक्स के नाम पर पैसे मंगवाए जाते हैं, लेकिन इनाम कभी नहीं मिलता। लोकल मार्केट से लेकर ऑनलाइन वेबसाइट्स पर यह धंधा चलता है।
फिशिंग ई-मेल और मैसेज
क्रिसमस के दौरान बैंक, कुरियर कंपनी या ऑनलाइन शॉपिंग साइट के नाम से फर्जी ई-मेल और मैसेज भेजे जाते हैं। यह मैसेज आम तौर पर पहले लोगों को डराते हैं और उसके बाद एक्शन लेने के लिए मजबूर करते हैं। इन मैसेज में अकाउंट सस्पेंड होने या डिलीवरी रोकने का डर दिखाकर लिंक पर क्लिक करवाया जाता है। एक बार अगर आपने लिंक पर क्लिक कर दिया तो आपकी प्राइवेट जानकारी चोरी हो जाती है।
सोशल मीडिया फेक प्रोफाइल स्कैम
सोशल मीडिया पर आजकल ज्यादातर लोग अपनी प्रोफाइल बनाते हैं। सोशल मीडिया दोस्तों के साथ जुड़े रहने का एक जरिया बन गया है। इसी का फायदा साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए करते हैं। क्रिसमस विश या गिफ्ट एक्सचेंज के नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाई जाती हैं। धीरे-धीरे भरोसा जीतकर पैसे या पर्सनल जानकारी मांगी जाती है। कई बार यह स्कैम ऑनलाइन फ्रेंडशिप या चैरिटी के नाम पर भी होता है। कई बार आपकी फेक प्रोफाइल बनाकर आपके दोस्तों से पैसा मांगा जाता है।
फर्जी चैरिटी और डोनेशन फ्रॉड
चैरिटी के नाम पर कई लोग धंधा करते हैं। क्रिसमस पर गरीबों की मदद के नाम पर फर्जी NGO या चैरिटी पेज बनाए जाते हैं। कुछ पीड़ित दिखाकर आपको पैसा देने के लिए राजी किया जाता है। लोग भावनाओं में आकर डोनेशन कर देते हैं लेकिन पैसा सही जगह नहीं पहुंचता। यह पैसा चैरिटी के लिए नहीं बल्कि साइबर अपराधी अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं।
यह भी पढ़ें: 4 दिनों से डिजिटल अरेस्ट थी बुजुर्ग महिला, बैंक ने बचा लिए 1.5 करोड़, कैसे समझिए
QR कोड और UPI स्कैम
बीते एक दशक में ऑनलाइन पेमेंट में बहुत ज्यादा तेजी आई है। QR कोड और UPI के जरिए हर रोज करोड़ों की ट्रांजेक्शन होती हैं। क्रिसमस गिफ्ट या रिफंड के नाम पर QR कोड भेजे जाते हैं। जैसे ही यूजर कोड स्कैन करता है, उसके अकाउंट से पैसे कट जाते हैं। यह स्कैम भारत में तेजी से बढ़ रहा है औरअब तक कई लोगों को साइबर अपराधी अपना शिकार बना चुके हैं।
कैसे रहें सुरक्षित?
- अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- ऑफर की आधिकारिक वेबसाइट से ही जांच करें।
- OTP, UPI पिन या बैंक डिटेल किसी से साझा न करें।
- सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से सतर्क रहें।
- शक होने पर तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।
