मध्य प्रदेश के ग्वालियर कोर्ट परिसर में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को लेकर शुरू हुआ विवाद अभी भी जारी है। इस बीच एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मुस्लिम पुलिस अधिकारी, सीएसपी हिना खान 'जय श्रीराम' के नारे लगाती हुई नजर आ रही हैं। यह वाकया तब हुआ जब बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा ने सीएसपी हिना खान को सनातन विरोधी कहा और विरोध में 'जय श्रीराम' के नारे लगाने लगे। इसी दौरान हिना खान ने पूरे जोश के साथ उनकी आंखों में आंखें डालकर 'जय श्रीराम' के नारे लगा दिए। उनको ऐसा करता देख कुछ समय के लिए प्रदर्शनकारी सन्न रह गए। 

 

मूर्ति लगाने को लेकर विवाद गर्म होने की वजह से कलेक्टर ने किसी भी तरह के कार्यक्रम और भीड़ के जमा होने पर रोक लगा रखी है। इस विवाद में ही मंगलवार को एडवोकेट अनिल मिश्रा के समर्थक उनके घर के पास ही सिद्धेश्वर मंदिर पर सुंदरकांड पाठ करना चाहते थे लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के कारण उन्हें यह करने से रोक दिया गया। इस पर अनिल मिश्रा के समर्थक सड़क पर ही टेंट लगाकर पाठ करने के लिए टेंट मंगवा लिया। इस बीच हिना खान ने टेंट वालों को भगा दिया। पुलिस और अनिल मिश्रा के समर्थकों के बीच बहस हुई।

 

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जय श्री राम के नारे लगे

जब हिना खान ने अनिल मिश्रा के समर्थकों को सड़क पर पाठ नहीं करने दिया तो विवाद गहरा गया। अनिल मिश्रा ने हिना खान को ही सनातन विरोधी कह दिया और उनके समर्थक 'जय श्रीराम' के नारे लगाने लगी। हिना खान को जैसी ही सनातन विरोधी कहा गया वह जोर-जोर से 'जय श्रीराम' के नारे लगाने लगी। वह नारे लगाते हुए अनिल मिश्रा की तरफ बढ़ी और कुछ देर तक वहां सिर्फ हिना खान के जय श्रीराम के नारे ही सुनाई दे रहे थे और भीड़ बिल्कुल शांत हो गई थी। हिना खान ने नारे लगाने के बाद कहा कि यह मैं भी कर सकती हूं। 

 

हिना खान ने जय श्रीराम के नारे लगाने के बाद कहा, 'यह सनातन का विरोध नहीं है, आप लोग गलत ना करें। अगर आप लोग नारा लगाओगे तो नारा मैं भी लगाऊंगी, मैं भी जय श्री राम बोलूंगी। अगर आप बदतमीजी के इरादे से या मुझ पर दबाव बनाने के लिए ऐसे नारे लगाएंगे तो यह गलत है।'

कौन हैं हिना खान?

हिना खान मध्य प्रदेश पुलिस में तैनात हैं। वह ग्वालियर शहर की सीएसपी हैं और शहर में जाना पहचाना नाम हैं। वह अक्सर अपनी ड्यूटी के दौरान किए गए काम और लोगों से बातचीत करने के तरीके के चलते सुर्खियों में रहती हैं। वह अलग-अलग स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी जाती हैं। इस विवाद के बाद उन्होंने कहा कि 'मेरा काम कानून व्यवस्था संभालना था। मंदिर में कोई आयोजन होना है या नहीं होना है यह फैसला एसडीएम साहब और मंदिर मैनेजमेंट को लेना है। मैंने अपना काम किया।'

 

 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। लोग हिना खान के साहस की तारीफ कर रहे हैं और कह रहे हैं कि इस तरह के पुलिसकर्मियों की जरूरत हर शहर में है। लोग हिना खान को सनातन विरोधी कहे जाने का भी विरोध कर रहे हैं क्योंकि मंदिर में आयोजन की परमीशन देना या नहीं देना यह उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था। लोग हिना खान को सनातन विरोधी कहने वालों को हर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगा रहे हैं।  

 

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क्यों नहीं करने दिया सुंदरकांड?

मंदिर प्रबंधन का कहना है कि कलेक्टर-एसपी ने किसी भी तरह के आयोजन की मनाही की थी। मंदिर में पहले से एक सुंदरकांड चल रहा था तो दूसरा कैसे हो सकता था। वहीं पुलिस प्रशासन ने मूर्ति विवाद को लेकर शहर में धारा 163 लगाई है। शहर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। इसी बीच कुछ सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों ने आज 15 अक्टूबर को आंदोलन करने की मुहिम सोशल मीडिया पर चलाई थी, जिसके चलते पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है।