बजट 2025 में इस बार 'टैक्स हॉलिडे' पर सबकी निगाहें, यह होता क्या है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट पेश करेंगी। इसमें टैक्स में राहत की उम्मीद की जा रही है।

टैक्स हॉलिडे, Photo Credit: AI Generated pic
कल्पना कीजिए कि आप कोई बिजनेस चला रहे हैं और आपको कुछ समय के लिए कोई टैक्स नहीं देना पड़े तो क्या होगा? आपको यह एक सपने जैसा लगेगा, है न? बिल्कुल यही टैक्स हॉलिडे है। यह एक लिमिटेड पीरियड के लिए होता है और इस दौरान व्यवसायों को कुछ करों का भुगतान करने से पूरी तरह या आंशिक रूप से छूट दी जाती है। सरकार निवेश को प्रोत्साहित करने, आर्थिक विकास का समर्थन करने या इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए टैक्स हॉलिडे लगाती हैं।
उदाहरण के लिए, अगर कोई कंपनी किसी स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) में अपना परिचालन शुरू करती है, तो वह टैक्स छूट के लिए एलिजिबल हो सकती है। इसी तरह, टैक्स छूट स्टार्टअप या शुरुआती चरण में इंडस्ट्री पर लागू हो सकती है ताकि उन्हें टैक्स के बोझ से दबे बिना आगे बढ़ने में मदद मिल सके।
इस टैक्स छूट का आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
व्यवसायों के लिए
टैक्स हॉलिडे का मतलब है कि ज्यादा पैसा लगाकर बिजनेस को और भी एक्सपेंड और इनोवेट किया जा सके।
अर्थव्यवस्था के लिए
टैक्स हॉलिडे बिजनैस को विशिष्ट क्षेत्रों या उद्योगों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उदाहरण के लिए, SEZ अक्सर इसलिए फलते-फूलते हैं क्योंकि कंपनियों को वहां संचालन के लिए टैक्स में छूट मिलती है। इससे नौकरियां पैदा होती हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है।
उपभोक्ताओं के लिए
हालांकि, आपको टैक्स हॉलिडे से सीधे लाभ नहीं हो सकता है लेकिन इसके प्रभाव का मतलब बेहतर प्रोडक्ट, कम कीमतें या व्यवसायों के बढ़ने में मदद मिलती है।
स्पेशल इकोनॉमिक जोन
इस जोन में ऑपरेट होने वाले बिजनेस को अक्सर एक निश्चित अवधि के लिए आयकर, जीएसटी या सीमा शुल्क पर छूट मिलती है। भारत में SEZ (Special Economic Zones) में काम करने वाली कंपनियों को 10-15 साल तक आयकर में छूट दी जाती है। पहले 5 साल- 100% टैक्स छूट, अगले 5 साल - 50% टैक्स छूट और अगले 5 साल - 50% टैक्स छूट मिलती है।
स्टार्टअप
स्पेशल गाइडलाइंस को पूरा करने वाले स्टार्टअप अपने संचालन के पहले दस वर्षों में से लगातार तीन वर्षों के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80-आईएसी के तहत कर छूट का दावा कर सकते हैं। भारत सरकार ने स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत पात्र स्टार्टअप्स को 3 साल तक कॉर्पोरेट टैक्स से छूट दी है। स्टार्टअप को DPIIT (Department for Promotion of Industry and Internal Trade) में रजिस्टर्ड होना चाहिए। यह छूट स्टार्टअप के पहले 10 वर्षों में से किसी भी 3 वर्षों के लिए ली जा सकती है।
इंफ्रास्टक्चर प्रोजेक्ट्स
सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर, हॉस्पिटैलिटी, इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माण, और ग्रामीण विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 5 से 10 साल तक टैक्स छूट देती है।
उदाहरण के लिए
- पावर जनरेशन कंपनियों को 10 साल तक टैक्स छूट।
- उत्तर पूर्वी राज्यों, हिमालयी क्षेत्रों, और कुछ पिछड़े इलाकों में उद्योगों को 5 साल तक टैक्स में राहत।
- IT और सौर ऊर्जा कंपनियों को टैक्स लाभ।
टैक्स हॉलिडे से क्या लाभ होता है?
- इंडस्ट्री को शुरुआती सालों में टैक्स बचाने का मौका मिलता है।
- निवेश बढ़ता है और नई कंपनियों के लिए अवसर बढ़ते हैं।
- रोजगार और आर्थिक विकास को गति मिलती है।
सरकार टैक्स हॉलिडे क्यों देती हैं?
नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए
नए उद्योगों को शुरुआती वर्षों में मुनाफा कमाने में समय लगता है।
इससे कंपनियों को स्थिर होने और विस्तार करने का अवसर मिलता है।
स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए
स्टार्टअप्स के पास सीमित पूंजी होती है और टैक्स छूट से वे आसान फंडिंग और ग्रोथ कर सकते हैं।
स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत स्टार्टअप्स को 3 साल तक आयकर में छूट दी जाती है।
विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए
टैक्स हॉलिडे से विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित होती हैं।
विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) में कंपनियों को 10-15 साल तक टैक्स छूट दी जाती है ताकि वे भारत में मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश करें।
रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए
टैक्स छूट मिलने से कंपनियां ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती कर सकती हैं।
नए उद्योग और स्टार्टअप्स नौकरी के नए अवसर पैदा करते हैं, जिससे बेरोजगारी कम होती है।
पिछड़े और दूरदराज के इलाकों में उद्योग बढ़ाने के लिए
सरकार उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू-कश्मीर, हिमालयी राज्यों और अन्य पिछड़े इलाकों में कंपनियों को टैक्स में छूट देती है।
इससे इन क्षेत्रों में औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार होता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए
पावर प्लांट, ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) और सौर ऊर्जा उद्योगों को टैक्स हॉलिडे मिलता है।
इससे पर्यावरण अनुकूल परियोजनाओं को तेजी से विकसित करने में मदद मिलती है।
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इस साल के बजट से क्या उम्मीदें?
केंद्रीय बजट में ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक वाहन या स्टार्टअप जैसे क्षेत्रों के लिए नए टैक्स हॉलिडे की घोषणा की जा सकती है। सवाल है कि किन इंडस्ट्री या क्षेत्रों को लाभ होगा? ये देखना होगा क्योंकि इससे यह संकेत मिल सकता है कि सरकार अपने विकास प्रयासों पर कहां ध्यान केंद्रित कर रही है।
टैक्स हॉलिडे सीधे तौर पर आपके वेतन को प्रभावित नहीं कर सकते हैं लेकिन वे आपके आस-पास की अर्थव्यवस्था को आकार देने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। नौकरी से लेकर बेहतर बुनियादी ढांचे तक, ये देश के इकोनॉमी ग्रोथ के लिए सही रहेगा। अगली बार जब भी आप बजट में टैक्स हॉलिडे के बारे में सुनेंगे, तो आपको पता चल जाएगा कि इसका क्या मतलब है और यह क्यों मायने रखता है।
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