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Car Dekho: छोटी सी प्रॉब्लम, फिर जीरो से बना दी 10 हजार करोड़ की कंपनी

कार देखो कंपनी 16 सालों में 10 हजार करोड़ की कंपनी बन गई। अमित जैन ने कैसे इसे जीरो से खड़ा किया जानिए पूरी कहानी।

Representational Image : Photo Credit: Social Media/Linkdin

प्रतीकात्मक तस्वीर : Photo Credit: Social Media/Linkdin

भारत में इस वक्त स्टार्टअप की बाढ़ आई है। पिछले 10 से 15 सालों में काफी स्टार्टअप शुरू हुए हैं। इस दौरान कई स्टार्टअप बंद भी हुए लेकिन कई स्टार्टअप ऐसे भी रहे  जिन्होंने काफी ऊंचाइयां छुईं। इस सीरीज में हम ऐसे स्टार्टअप के बारे में आपको बताएंगे जिन्होंने लगभग जीरो से शुरू करके नई ऊंचाइयां छुईं। हम आपको बताएंगे कि कैसे यह कंपनी ऊंचाइयों पर पहुंची और क्या ऐसी रणनीति रही जिसकी वजह से स्टार्टअप इन ऊंचाइयों तक पहुंचा।

 

बात 2008 की है दो भाई अमित जैन और अनुराग जैन ऑटो एक्सपो में एक साथ कार देखने के लिए गए थे, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि उन्हें कारों के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। इतना था कि घर लौट के उन्हें ख्याल आया कि मार्केट में इन्फॉर्मेशन गैप है। उन्हें लगा कि ऐसे तमाम लोग हैं जिन्हें कारों के बारे में सही इन्फॉर्मेशन नहीं मिल पाती है।

 

बस क्या था यहीं से कार देखो (Car Dekho) की जर्नी की शुरुआत होती है। इसके बाद उन्होंने ऑटो एक्सपो से ब्रोशर लिया और उस इन्फॉर्मेशन को एक वेबसाइट बनाकर अपलोड कर दिया। यानी कि कार देखो की शुरुआत कारों के बारे में जानकारी देने को लेकर हुई थी। 

 

फिर होना क्या था धीरे-धीरे लोग उनकी वेबसाइट पर आने लगे और 2011 तक उनकी वेबसाइट वाहनों से जुड़ी जानकारी जुटाने के लिए सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली वेबसाइट बन गई।

 

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कैसे इकट्ठा हुए ग्राहक

ग्राहकों तक पहुंच बनाने के लिए कार देखो ने पूरी तरह से वेबसाइट का ही सहारा लिया।  इसके लिए कार देखो ने अपनी वेबसाइट को यूजर फ्रेंडली बनाया जिससे ऑर्गेनिक यूज़र्स की संख्या बढ़ गई। 

 

इस तरह से मार्केटिंग पर बिना ज्यादा खर्च किए ही उन्होंने लोगों को अपनी तरफ खींचा।

 

क्या है बिजनेस मॉडल

कार देखो मुख्य रूप से कारों के बारे में ग्राहकों को इन्फॉर्मेशन उपलब्ध कराता है ताकि वे कारों को खरीदने में बेहतरीन निर्णय ले सकें।

 

इस वक्त कार देखो कंज्यूमर्स को उनके ऑटोमोबाइल से संबंधित अन्य पोर्टल जैसे पावरड्रिफ्ट डॉट कॉम, गाड़ी डॉट कॉम, जिग व्हील्स डॉट कॉम, बारक देखो डॉट कॉम भी है। 

 

कस्टरमर कार देखो के गाड़ी स्टोर पर अपनी कार को बेच भी सकते हैं और कार देखो गाड़ी ट्रस्ट मार्क स्टोर पर इसे खरीद भी सकते हैं।

 

कैसे होती है कमाई 

-एडवरटाइजिंग के जरिए कार देखो ऑटो मेकर्स और डीलरशिप को उनके गुड्स एंड सर्विस के लिए विज्ञापन का विकल्प देकर कमाई करता है। बिजनेस स्पॉन्सर्ड कंटेंट के जरिए भी कमाता है।

 

- लीड जेनरेट करके भी कार देखो की कमाई होती है। कार देखो ऑटो मेकर्स से कार खरीदारों को कनेक्ट करता है जिससे उसकी कमाई होती है।

 

- इंश्योरेंस, ज्यादा वारंटी और डिस्काउंट के जरिए भी कार देखो अपनी कमाई करता है।

 

- कार देखो ऑटो से संबंधित जरूरतों के लिए अन्य तमाम तरह की सर्विसेज जैसे फाइनेंस, इंश्योरेंस और एक्सेसरीज इत्यादि के साथ कोलैबोरेट करता है। इससे भी वह पैसे कमाता है। 

 

इसके अलावा कार देखो कंपनी कार मालिक से कार खरीदती है और डीलर्स को बेचती है। अगर कोई डीलर कार देखो प्लेटफॉर्म से कार कस्टमर्स को बेचता है तो उस पर भी कंपनी अपना प्रॉफिट कमाती है। अब जब कोई कस्टमर कार देखो से कार खरीदता है तो कंपनी उस कस्टमर को अपना इंश्योरेंस भी बेचती है। यह भी इनका एक रेवेन्यू स्ट्रीम बनता है। 

इसके अलावा एडवरटाइजिंग, डिजिटल मार्केटिंग और सॉफ्टवेयर डेवेलेपमेंट से भी यह पैसे कमाते हैं। इसके अलावा यूट्यूब पर भी ऑटोमोबाइल से संबंधित कंटेंट डालते हैं। यहां से भी इनको इनकम होता है साथ ही यूट्यूब इनके लिए एडवरटाइजिंग की तरह भी काम करता है जिससे ओवरऑल बिजनेस को भी ग्रोथ मिलती है।

 

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कितनी है वैल्युएशन

फरवरी 2025 में कंपनी की कुल वैल्युएशन 1.2 बिलियन डॉलर यानी कि करीब 10 हजार करोड़ थी। अक्तूबर 2021 में कंपनी ने प्रि-आईपीओ राउंड में 250 बिलियन डॉलर जुटाए थे. इसमें से 200 मिलियन डॉलर सीरीज ई इक्विटी थी जबकि 50 मिलियन डॉलर का ऋण था।

 

इस कैपिटल इन्फ्यूजन के बाद कंपनी यूनिकॉर्न में बदल गई। अब का देखो शेयर मार्केट में खुद को सूचीबद्ध कराना चाहती है, लेकिन यह तमाम तरह की स्वीकृतियों और मार्केट कंडीशन पर निर्भर करता है।

 

कैसे किया एक्सपेंशन
कंपनी के पास शुरुआत में कहीं से फंडिंग नहीं थी इसलिए कंपनी ने साल 2009 से लेकर 2013 तक ऑर्गेनिक तरीके से कस्टमर को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की। इसके अलावा उन्होंने बिजनेस को प्रॉफिटेबल बनाने पर जोर दिया ताकि इन्हें कहीं से फंडिंग भी मिल सके।

 

कंपनी ने इन चार सालों के दौरान अच्छी ग्रोथ की जिसकी वजह से साल 2013 में इन्हें सिकोया कैपिटल इंटरनेशनल से जाकर फंडिंग मिली। फंडिंग से कंपनी को आगे ले जाने में काफी मदद मिलती है। साथ ही इन्होंने सस्टेनेबल ग्रोथ में विश्वास किया और जो पैसा बिजनेस से आ रहा था उसे उन्होंने वापस बिजनेस में डाल दिया। इससे कंपनी और तेजी से ग्रो करने लगी।
कंपनी ने अपने को कस्टमर से जोड़ने के लिए इनोवेशन पर काफी काम किया और नए नए डिजिटल सोल्यूशन का सहारा लिया।

 

कितने हैं एंप्लॉयीज़

अगर अब तक की बात करें तो कार देखो में 2423 कर्मचारी काम करते हैं। इसका हेडक्वॉर्टर राजस्थान के जयपुर में है।

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