केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़ा बदलाव किया है। अब 5 और 18% के दो स्लैब होंगे। एक 40 फीसदी का विशेष स्लैब होगा। इसमें तंबाकू उत्पाद और लग्जरी सामान को रखा गया है। दीवाली से पहले केंद्र सरकार ने लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। जीएसटी में सुधार का असर आवश्यक वस्तुओं से लेकर ऑटोमोबाइल सेक्टर पर पड़ेगा। देशभर में कारों की कीमतों में कमी आएगी। आइये जानते हैं कि जीएसटी में सुधार के बाद कारों की कीमतों पर कितना असर पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने छोटी कारों में जीएसटी दर कम की है। अभी 1200 सीसी के पेट्रोल और 1500 सीसी के डीजल इंजन वाली कारों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता था। मगर नए बदलाव के साथ अब 1200 सीसी पेट्रोल और 1500 सीसी डीजल इंजन वाली कारों पर 18% जीएसटी लगेगा। मतलब 10% फीसदी की कमी। लेकिन शर्त यह है कि गाड़ी की लंबाई 4 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। इलेक्ट्रिक कार खरीदने पर 12% की बजाय सिर्फ 5% फीसदी टैक्स लगेगा। हाइब्रिड और हाइड्रोजन से चलने वालों कारों को 18% जीएसटी के दायरे में लाया गया है। पहले इन कारों पर 28 फीसदी टैक्स लगता था।
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उदाहरण से समझें गणित
मान लीजिए कि आप एक 1200 सीसी पेट्रोल कार खरीदना चाहते हैं। उसकी लंबाई चार मीटर से अधिक नहीं है। कार का बेस प्राइस 10 लाख रुपये है। मौजूदा जीएसटी व्यवस्था के मुताबिक उस पर 28% फीसदी टैक्स लगेगा। यानी 2.80 लाख रुपये जीएसटी के तौर पर चुकाने पड़ेंगे। इस लिहाज से कार की कीमत 12.80 लाख रुपये हो जाएगी। अब नए जीएसटी स्लैब के आधार पर पूरे गणित को समझते हैं। मान लीजिए अब यही कार अगर आप 22 सितंबर के बाद खरीदते हैं तो उस पर 28% की जगह 18% टैक्स लगेगा। मतलब यह है कि अब 2.80 लाख की बजाय टैक्स के रूप में 1.80 लाख रुपये चुकाने होंगे। कार की कीमत अब 11.80 लाख रुपये हो जाएगी। इस तरह आपको सीधे एक लाख रुपये का फायदा होगा।
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मध्यम वर्गीय परिवारों को मिलेगा फायदा
जीएसटी में बदलाव का फायदा मध्यम वर्गीय परिवारों को होगा। 22 सितंबर के बाद कॉम्पैक्ट सेडान और हैचबैक की कीमतों में कमी आएगी। बचत से लोग अपनी कार का मॉडल अपग्रेड कर सकते हैं। कारों के अलावा केंद्र सरकार ने तिपहिया वाहनों पर भी 28 की जगह 18% जीएसटी लगाया है। इसके अलावा सभी ऑटो पार्ट्स पर जीएसटी 18 प्रतिशत लागू होगी। मतलब कार खरीदना ही नहीं, उसकी मरम्मत करवाना भी सस्ता होगा। 350 सीसी से छोटी बाइक भी 18% के दायरे में आएंगी।