आमतौर पर मांसाहारी खाने को शाकाहारी खाने से महंगा माना जाता है लेकिन मौजूदा आंकड़े ऐसा नहीं कह रहे हैं। CRISIL की रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर महीने में शाकाहारी थाली 7 पर्सेंट और मांसाहारी थाली 2 पर्सेंट महंगी हुई है। इस महंगाई की सबसे बड़ी वजह सब्जियों और अन्य चीजों में इस्तेमाल होने वाले टमाटर और आलू की कीमत है। रिपोर्ट के मुताबिक, वेज थाली में आलू और टमाटर का हिस्सा लगभग 26 पर्सेंट होता है इसलिए थाली की कीमत भी बढ़ गई है।
देखा गया है कि ईंधन की कीमत में थोड़ी कमी होने के चलते दाम बढ़ने की रफ्तार थोड़ी कम हुई है, वरना इसके और बढ़ने की आशंका थी। अब उम्मीद लगाई जा रही है कि दिसंबर में आलू, टमाटर और अन्य ताजी सब्जियां आने से इन कीमतों में थोड़ी और कटोती होगी।
क्यों महंगी हो गई वेज थाली?
इस तरह की महंगाई का हिसाब-किताब लगाने के लिए CRISIL हर महीने रोटी राइस रेट की गणना करता है। इसी रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर के महीने में टमाटर की कीमत में 35 पर्सेंट का इजाफा हुआ। नतीजा यह रहा कि 40 रुपये किलो बिकने वाले टमाटर की कीमत बढ़कर 53 रुपये तक पहुंच गई। वहीं। आलू 50 पर्सेंट महंगा हो गया और इसकी कीमत 25 रुपये किलो से बढ़कर 37 रुपये किलो तक हो गई। इसकी मुख्य वजह यह रही कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और गुजरात जैसे राज्यों में से इन फसलों के आने में देरी हुई और इसमें लगभग 20 पर्सेंट की कमी भी आई।
आलू और टमाटर के अलावा दाल के दाम में भी 10 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर में नया स्टॉक आने के बाद दाल के दामों में कमी आएगी और इसका असर थाली की कीमत पर भी देखने को मिलेगा। CRISIL के मुताबिक, गैस के दाम में कमी आने के चलते थाली की कीमतें और नहीं बढ़ीं।
नॉनवेज थाली का क्या हुआ?
नॉनवेज थाली की कीमत में 50 पर्सेंट हिस्सेदारी ब्रॉयलर चिकन की होती है। इसकी कीमत में 3 पर्सेंट की कमी आई है। हालांकि, नवंबर में नॉनवेज थाली की कुल कीमत में 2 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई।
बता दें कि थाली की कीमत का हिसाब किताब लगाने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में इन चीजों की कीमतों को देखा जाता है। थाली की कीमत में दाल, रोटी, सब्जी, तेल, गैस और चावल जैसी चीजों की गिनती भी की जाती है। वेज थाली में रोटी, सब्जियां, दाल, दही, चावल और सलाद होता है। वहीं, नॉनवेज थाली में दाल की जगह पर चिकन होता है।