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RBI की मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद आया बैंकों के शेयरों में उछाल

RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। अब ईएमआई की में किसी तरह की कमी नहीं आएगी। RBI ने मंहगाई पर नियंत्रण रखने के लिए यह फैसला लिया है।

RBI Governor Shaktikant Das : PTI

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास । पीटीआई

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को तीन दिनों तक चली मॉनीटरी पॉलिसी के फैसलों का ऐलान कर दिया है। लगातार 23वें महीने भी रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आर्थिक विकास दर में कमी के बावजूद आरबीआई ने यह फैसला लिया है। इससे उन कयासों को विराम लग गया है जिसमें यह कहा जा रहा था कि आरबीआई रेपो रेट को 25 बेसिस प्वाइंट से घटा सकता है, जिससे ऋण लेने वालों को ईएमआई में राहत मिल सकती है। आरबीआई ने फरवरी 2023 के बाद से ही रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है।

 

हालांकि, कैश रिजर्व रेशियो यानी कि सीआरआर में RBI ने 50 bps की कटौती की है जिसके बाद यह घटकर अब 4 प्रतिशत हो गया है।

 

आर्थिक विकास दर में क्यों हुई गिरावट

जीडीपी ग्रोथ रेट को लेकर आरबीआई ने कहा, 'आर्थिक विकास दर में गिरावट औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आने के कारण हुई है।' पहली तिमाही से दूसरी तिमाही में औद्योगिक विकास दर में काफी गिरावट आई है। पहली तिमाही में औद्योगिक विकास दर 7.2 प्रतिशत रही जबकि दूसरी तिमाही में यह विकास दर 2.1 फीसदी की रही। वही आरबीआई गवर्नर के मुताबिक ग्रामीण इलाकों में तो डिमांड बढ़ी है लेकिन शहरी इलाकों में डिमांड में कमी आई है।

सीतारमण ने भी दिया था संकेत

कुछ दिन पहले वित्तमंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा था कि जब हम औद्योगिक विकास की बात करते हैं तो हमें ब्याज दरों को कम रखना होगा। इसके पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी इसी तरह की बात कही थी। उन्होंने कहा था, 'मुझे पूरा विश्वास है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगी। विकास को बढ़ावा देने की जरूरत है।' उन्होंने कहा था कि ब्याज दरों का निर्धारण करते वक्त फूड इन्फ्लेशन को भी शामिल करना उचित नहीं।

कृषि ऋण में मिलेगा फायदा

आरबीआई ने बिना कोलेटरल के कृषि ऋण की सीमा को 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दिया है।  यह फैसला कृषि लागतों और मंहगाई को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।  इस फैसले से छोटे और सीमांत किसानों को फायदा होगा।

 

रिटेल महंगाई का अनुमान बढ़ाकर 4.8% किया

वहीं आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने रिटेल मंहगाई का अनुमान 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी कर दिया है. तीसरे क्वार्टर के लिए सीपीआई के अनुमान को 4.8 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी व चौथे क्वॉर्टर के लिए सीपीआई का अनुमान 4.2 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 कर दिया गया है।

 

बैंकों के शेयरों में आया उछाल

आरबीआई के इस फैसले के बाद केनरा बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा  के शेयरों में 2 प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज की गई। केनरा बैंक के शेयर इस फैसले के बाद 110.80 रुपये तक और बैंक ऑफ बड़ौदा में शेयर 266.95 के स्तर तक पहुंच गए। वहीं ऐक्सिस बैंक के शेयर 1.5 प्रतिशत की तेजी के साथ 1190 रुपये के स्तर पर व पीएनबी का शेयर भी 1.5 फीसदी से बढ़कर 111.13 के स्तर पर पहुंच गया।

मौद्रिक नीति का अन्य खास बातें

 

*2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत किया ।

 

* FCNR(B) जमा पर ब्याज दर की अधिकतम सीमा बढ़ाई गई।

 

* लघु वित्त बैंकों को यूपीआई के जरिये पूर्व-स्वीकृत कर्ज सुविधा की अनुमति दी गई है।

 

* RBI आम जनता तक सूचना के व्यापक प्रसार के लिए ‘पॉडकास्ट’ शुरू करेगा।

 

* आरबीआई वित्तीय क्षेत्र में एआई के सही इस्तेमाल के लिए एक रूपरेखा तैयार करने को लेकर एक विशेषज्ञ समिति गठित करेगा।

 

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