भारतीय और कहीं खर्च करें या न करें लेकिन शादियों पर जमकर खर्च करते हैं। कुछ मजबूरी में तो कुछ शौक में। अब फिर शादियों का सीजन शुरू होने वाला है। हिंदुओं में तुलसी विवाह के बाद शादियां शुरू हो जाएंगी। इन शादियों पर पैसा पानी की तरह बहाया जाएगा। अनुमान है कि शादियों के सीजन में 46 लाख से ज्यादा शादियां होंगी। सबसे ज्यादा शादियां दिल्ली में होंगी। इन शादियों में जमकर पैसा खर्च होगा।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की रिसर्च फर्म रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसायटी (CRTDS) ने अपनी स्टडी में अनुमान लगाया है कि 1 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच देशभर में 46 लाख शादियां हो सकती हैं। इन शादियों पर 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे।
इस हिसाब से देखा जाए तो शादियों के इस सीजन में भारतीय जितना खर्च करेंगे, वह गौतम अडानी की नेटवर्थ के बराबर है। फोर्ब्स के मुताबिक, गौतम अडानी के पास 71 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति है। भारतीय करंसी में यह रकम लगभग 6.30 लाख करोड़ रुपये होती है।
 
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शादी मतलब पैसों की बारिश!
भारत में शादियों को त्योहार की तरह मनाया जाता है। जिस घर में शादी होती, वहां महीनों तक त्योहार जैसा माहौल बना होता है। 
इसलिए पैसा भी खूब खर्च होता है। शादी-ब्याह में पैसों की बारिश होती है। आंकड़े बताते हैं कि भारतीय शादियों में जमकर पैसा खर्च किया जाता है। CRTDS का अनुमान है कि इसी साल 1 नवंबर से 14 दिसंबर के बीच लगभग 45 दिन में 6.5 लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस दौरान लगभग 46 लाख शादियां होंगी। इस हिसाब से अगर अनुमान लगाया जाए तो हर एक शादी पर औसतन 14 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे।
CRTDS के मुताबिक, 2023 में शादियों के सीजन में लगभग 48 लाख शादियां हुई थीं। इन शादियों में 4.74 लाख करोड़ रुपये खर्च हुए थे। वहीं, 2024 में भी लगभग 46 लाख शादियों में 5.9 लाख करोड़ का खर्च हुआ था। इस साल भी 46 लाख शादियां होने का ही अनुमान है लेकिन पिछले साल की तुलना में लगभग 10 फीसदी ज्यादा खर्च होगा।
 
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इतना खर्चा क्यों?
एक शादी में 10 से 15 लाख रुपये खर्च होना बड़ी बात नहीं है। शादियों में सबसे ज्यादा खर्च गहने-जवाहरात और कपड़ों पर किया जाता है।
स्टडी के मुताबिक, शादियों में 15% खर्च सिर्फ जूलरी पर होगा। इसके बाद 10% खर्च कपड़ों पर और 10% कैटरिंग पर होने का अनुमान है। कुछ लोग शादियों के लिए इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को हायर करती हैं। इवेंट मैनेजमेंट पर 5% खर्च होने की उम्मीद है। वहीं, सजावट, म्यूजिक, लाइटिंग और बाकी खर्चों में 15 से 25 फीसदी खर्च होने का अनुमान है।
शादियों के सीजन में सबसे ज्यादा शादियां दिल्ली में होने का अनुमान है। अकेले दिल्ली में ही इस सीजन में 4.8 लाख शादियां होने की उम्मीद है। इन पर 1.8 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
 
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सरकार को भी होगा जमकर फायदा
शादियों के इस सीजन से सरकार को भी खूब कमाई होने की उम्मीद है। GST में कटौती के कारण इस बार खरीदी भी बढ़ने की उम्मीद है।
स्टडी में अनुमान लगाया गया है कि इस साल शादियों के सीजन में 6.5 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा, जिससे सरकार को लगभग 75 हजार करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिलेगा।
इतना ही नहीं, शादियों के सीजन से करोड़ों को रोजगार भी मिलेगा। अनुमान है कि इस सीजन में 1 करोड़ लोगों को रोजगार मिलेगा।