Budget 2025: 4 इंजनों के सहारे किधर जाएगा देश? बजट की बारीकियां समझिए
भारत सरकार ने 2025-26 के बजट में चार इंजनों की चर्चा की है। इन चारों के जरिए देश को विकसित बनाने के रास्ते पर ले जाने की योजना केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताई है।

निर्मला सीतारमण ने पेश किया 8वां बजट, Photo Credit: Khabargaon
केंद्र सरकार ने साल 2025-26 के लिए अपना बजट पेश कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक घंटे 17 मिनट के अपने भाषण में यह बताया कि सरकार अगले एक वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 के बीच कितने पैसे कहां से कमाएगी और उन पैसों को कहां खर्च किया जाएगा। आमतौर पर बजट में सरकार यही बताती है कि अगले एक वर्ष के लिए वह किस तरह की योजनाएं लागू कर रही है, किन इलाकों में खर्च बढ़ाया जाएगा, देश का विकास भविष्य में किस तरह से होगा। इसी से यह भी पता चलता है कि देश के विकास को लेकर केंद्र सरकार की नीति क्या है। देश के किसानों, कारोबारी वर्गों, सरकारी कर्मचारियों, मध्यम वर्ग के लोगों, नए उद्यमियों और टैक्सपेयर्स को भी हर साल बजट की उम्मीद रहती है। इस बार भी ऐसी ही उम्मीदें थीं और सबसे ज्यादा आनंद आया है देश के टैक्सपेयर्स को, क्योंकि उन्हें 12 लाख तक की आय पर टैक्स से राहत दे दी गई है।
इस बार के बजट में प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का ऐलान किया गया है, MSME पर विशेष ध्यान दिया गया है, विकास संबंधी योजनाओं के तहत देश के स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने, अर्थव्यवस्था में निवेश करने, निर्यात बढ़ाने और निवेश मजबूत करने का ऐलान किया। साथ ही, इनकम टैक्स में राहत दी गई जिससे मिडिल क्लास के पास ज्यादा पैसे हों और वह अपना घर आसानी से चला सके। आइए इस बजट को विस्तार से समझते हैं:-
सरकार की कमाई और खर्च
सरकार ने अपना अनुमान जताया है कि साल 2025-26 में वह लगभग 34.96 लाख करोड़ रुपये कमाएगी और लगभग 50.65 लाख करोड़ का खर्च होगा। यानी सरकार के अनुमान के मुताबिक, वह जितना खर्च करना चाहती है उसके लिए उसे अपनी कमाई के अलावा अन्य तरीकों से भी पैसे जुटाने होंगे। सरकार का अनुमान है कि राजकोषीय घाटा, देश की जीडीपी का 4.4 प्रतिशत रहेगा। इसके अलावा, टैक्स से साल भर में कुल कमाई 28.37 लाख करोड़ रुपये होने की है। इसमें हर तरह के टैक्स शामिल हैं।
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बजट स्पीच के साथ जारी किए गए दस्तावेजों के मुताबिक, सरकार 2025-26 में सबसे ज्यादा पैसे इनकम टैक्स से ही कमाएगी। यानी सरकार की कुल कमाई का 22 पर्सेंट हिस्सा इनकम टैक्स से, 18 पर्सेंट GST और अन्य टैक्स से, 17 पर्सेंट कॉरपोरेशन टैक्स से आएगा। इसके अलावा, कर्ज और अन्य तरीकों से कुल 24 पर्सेंट पैसे आएंगे। कस्टम ड्यूटी से 4 पर्सेंट, केंद्रीय एक्साइज ड्यूटी से 4 पर्सेंट और गैर टैक्स प्राप्तियों से कुल 9 पर्सेंट पैसे आएंगे। यानी केंद्र सरकार इन तरीकों से 2025-26 में कुल 34.96 लाख करोड़ रुपये कमाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
खर्चे की बात करें तो सरकार अपनी कुल कमाई का सबसे ज्यादा हिस्सा यानी 22 पर्सेंट तो राज्यों को दे देती है क्योंकि GST जैसे टैक्स इकट्ठा वही करते हैं और उनका भी इसमें हिस्सा बनता है। इसके बाद सरकार 20 पर्सेंट पैसे कर्ज चुकाने में खर्च कर देती है। केंद्र द्वारा संचालित योजनाओं पर 8 पर्सेंट पैसे खर्च होंगे , 8 पर्सेंट पैसे रक्षा क्षेत्र पर खर्च होंगे, 4 पर्सेंट पेंशन पर, 8 पर्सेंट वित्त आयोग पर और 6 पर्सेंट प्रमुख सब्सिडी पर खर्च किए जाएंगे।
सरकार का विजन क्या है?
सरकार ने अपने बजट को 4 मुख्य बिंदुओं और 4 इंजनों पर केंद्रित किया है। 4 मुख्य बिंदुओं को GYAN नाम दिया जिसका मतलब है- G-गरीब, Y-युवा, A- अन्नदाता और N से नारी शक्ति। बजट के जिन चार इंजनों का जिक्र किया गया है, वे हैं- कृषि, MSME, निवेश और निर्यात। यानी GYAN के जरिए चार वर्गों पर केंद्रित किया गया है और योजनाओं के जरिए 4 ऐसे सेक्टर पर फोकस किया गया है, जिनके जरिए देश को प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाया जा सकता है।
सरकार ने इस बजट में खेती, MSME, निवेश और निर्यात केंद्रित योजनाओं पर ही जोर भी दिया है। इसको आसान भाषा में समझें तो केंद्र सरकार अपने देश के किसानों, उद्यमियों और अन्य वर्गों को मजूबत करना चाहती है, निर्यात को बढ़ाकर आयात पर निर्भरता कम करना चाहती है और अलग-अलग जरिए से निवेश बढ़ाकर देश को विकास की दिशा में बढ़ाना चाहती है।
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कैसे होगा यह काम?
कृषि क्षेत्र में मजबूती के लिए उन 100 जिलों पर फोकस किया जाएगा, जहां उत्पादकता कम है। सरकार का मानना है कि इससे 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी गई है। दालों के मामले में देश में ही मिशन मोड में काम किया जाने का प्लान ताकि दालों का आयात कम करना पड़े। इसके अलावा चुनावी राज्य बिहार में मखाना बोर्ड बनाने, मछली उद्योग, कपास उत्पादन बढ़ाने और असम में यूरिया प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
MSME सेक्टर को मजबूत करने के लिए निवेश की सीमा 2.5 गुना और कारोबार की सीमा 2 गुना बढ़ाने का ऐलान किया गया है। स्टार्टअप के लिए 10 हजार करोड़ का अलग फंड स्थापित करने, छोटे उद्योगों के लिए अलग क्रेडिट कार्ड (10 लाख तक की लिमिट), SC-ST और महिला उद्यमियों के लिए स्पेशल लोन, लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री में 22 लाख लोगों को रोजगार दिलाने, खिलाना उद्योग को आगे बढ़ाने और फूड प्रोसेसिंग के मामले में देश को समृद्ध बनाने का प्लान बनाया गया है।
मिडिल क्लास की कमाई बढ़ेगी
सरकार ने इस बार 12 लाख तक की आय को इनकम टैक्स से फ्री कर दिया है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि लोगों के पास पैसे ज्यादा बचेंगे। ज्यादा पैसे बचने की स्थिति में वे इसका इस्तेमाल अपने ऊपर खर्च करने और निवेश के साथ-साथ लाइफस्टाइल बेहतर करने में लगा सकेंगे। इससे सरकार पर 1 लाख करोड़ का बोझ जरूर पड़ेगा लेकिन अभी भी सरकार का अनुमान है कि उसे लगभग 22 पर्सेंट कमाई इनकम टैक्स से ही होगी।
विकास और निवेश
सरकार ने निवेश बढ़ाने का लक्ष्य रखा है और इसको भी तीन अलग भाग में बांटा है। इसके तहत सरकार ने लोगों में, अर्थव्यवस्था में और नवाचार में निवेश करने का लक्ष्य रखा है। लोगों में निवेश का मतलब है कि पोषण, शिक्षा, मेडिकल, एआई, स्वनिधि और आजीविका जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने कहा है कि अगले 5 साल में मेडिकल कॉलेजों में 75 हजार सीट बढ़ाई जाएंगी, गांवों तक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देकर सरकारी स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर स्थापित किए जाएंगे, इसमें से 200 सेंटर वित्त-वर्ष 2025-26 में ही स्थापित किए जाएंगे।
अर्थव्यवस्था में निवेश करने के लिए सरकार उन योजनाओं पर पैसे खर्च करेगी, जिनसे देश का आधारभूत ढांचा मजबूत होगा। इसके लिए जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया है, परमाणु ऊर्जा मिशन का ऐलान किया गया है, पोत निर्माण में वित्तीय सहायता का ऐलान किया गया है, उड़ान योजना को और आगे बढ़ाने का ऐलान किया गया है।
नवाचार में निवेश के जरिए सरकार ने AI, स्पेस साइंस, कृषि और अन्य क्षेत्रों में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी और IISc में 10 हजार फेलोशिप देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, नेशनल जियो स्पेटियल मिशन, डीपटेक फंड ऑफ फंड्स, फसल जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक और ज्ञान भारतम मिशन का ऐलान किया है।
निर्यात पर जोर
कोई भी देश अगर अपना सामान दूसरे देशों में बेचता है तो उसे विदेशी मुद्रा मिलती है। ज्यादा विदेशी मुद्रा का मतलब होता है कि वह देश ज्यादा अमीर है। ऐसे में भारत भी अपना निवेश बढ़ाना चाहता है। इसके लिए केंद्र सरकार अलग-अलग क्षेत्रों और मंत्रालयों का लक्ष्य भी तय करेगी। इसके लिए भारत ट्रेडनेट स्थापित किया जाएगा।
बदलते समय के साथ इलेक्ट्रिक कार, चिप, कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी आदि चीजें हर देश की जरूरत बन गई हैं। इसके लिए कोबाल्ट और लिथियम आयन बैट्री के कंपोनेंट पर सीमा शुल्क में छूट दी है।
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