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NE में तेज़ी से बढ़ रही हैं ITR भरने वाली महिलाएं, क्या कहता है डेटा

पूर्वोत्तर में आईटीआर भरने वाली महिलाओं की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। देखिए क्या कहते हैं आंकड़े।

Representational Image : PTI

प्रतीकात्मक तस्वीर । पीटीआई

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भारत में टैक्स भरने वाली महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस साल यानी कि असेस्मेंट ईयर 2023-24 में टैक्स भरने वाली महिलाओं की संख्या 22.9 मिलियन यानी कि 2 करोड़ 29 लाख रही जो कि असेस्मेंट ईयर 20 में 18.3 मिलियन यानी कि एक करोड़ 83 लाख रही थी। प्रतिशत के आंकड़ों में बात करें तो यह 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी को दिखाता है।

पूर्वोत्तर की महिलाएं रहीं आगे

खास बात यह है कि पूर्वोत्तर की महिलाएं इस मामले में आगे रहीं। मिजोरम में यह बढ़ोत्तरी 95.7 प्रतिशत रही जो कि देश में सबसे ज्यादा है। इसके बाद नागालैंड, मेघालय, तेलंगाना और सिक्किम का स्थान रहा। वहीं, 28 राज्यों में से 16 राज्यों में टैक्स भरने वाली महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी देश के औसत से कहीं ज्यादा रही। 

 

कुल करदाता बढ़े 15.9 प्रतिशत

वहीं टैक्स भरने वाले कुल करदाताओं की संख्या पिछले 5 सालों में 15.9 प्रतिशत बढ़ी है।  असेस्मेंट ईयर 20 में टैक्स भरने वालों की कुल संख्या साढ़े आठ करोड़ थी जो कि अब बढ़कर 9 करोड़ 92 लाख हो गई है।

 

मोदी युग में बढ़े 82 फीसदी करदाता

साल 2014-15 से 2023-24 के बीच टैक्स भरने वालों की संख्या में 82 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि, रिपोर्ट के मुताबिक यह संख्या इसलिए बढ़ी है क्योंकि लोग अब टैक्स से बचने (Tax Evasion) के बजाय ज्यादा से ज्यादा टैक्स भर रहे (Tax Compliance) हैं।

 

सीबीडीटी द्वारा जारी किए गए डेटा के मुताबिक साल 2023-24 में करदाताओं की कुल संख्या 10.4 करोड़ थी जो कि साल 2014-15 में 5.7 करोड़ रुपये थी।

 

प्रत्यक्ष कर में भी हुआ इजाफा

डायरेक्ट टैक्स या प्रत्यक्ष कर के मामले में भी इजाफा हुआ है. साल 2014-15 में कुल प्रत्यक्ष कर का कलेक्शन 7 लाख करोड़ रुपये का था जो कि साल 2023-24 में 182 प्रतिशत बढ़कर 19.6 लाख करोड़ हो गया।

 

कुल टैक्स कलेक्शन में डायरेक्ट टैक्स का शेयर बढ़कर 56.7 प्रतिशत हो गया है।

 

आयकर कलेक्शन में भी हुई बढ़ोत्तरी

वहीं आयकर साल 2014-15 में 2,65,772 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 10,45,139 करोड़ रुपये हो गया है। इस तरह से लगातार दूसरे साल भी आयकर का कलेक्शन, कॉर्पोरेट टैक्स से ज्यादा रहा जो कि साल 2014-15 में 4,28,925 करोड़ से बढ़कर साल 2023-24 में 9,11,055 हो गया।

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