भारतीय सेना में बतौर अग्निवीर काम कर चुके पूर्व अग्निवीरों को केंद्र सरकार ने एक बड़ा तोहफा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ( बीएसएफ ) नियमों में अहम बदलाव करते हुए बीएसएफ कॉन्स्टेबल भर्ती में पूर्व-अग्निवीरों के लिए 50 फीसदी आरक्षण की घोषणा की। इससे पहले यह आरक्षण 10 प्रतिशत था लेकिन अब इसे 40 फीसदी बढ़ा दिया गया है। सरकार ने आरक्षण में यह बढ़ोतरी सीमा सुरक्षा बल सामान्य ड्यूटी कैडर (गैर-गजटेड) भर्ती नियम, 2015 में संशोधन करके की है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल मेजरमेंट और फिजिकल टेस्ट से भी छूट दी जाएगी। इस बदलाव के तहत अब भर्ती प्रक्रिया दो फेज में होगी। पहले फेज में, नोडल फोर्स 50 फीसदी सीटें पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षित रखेगी। दूसरे चरण में, स्टाफ सिलेक्शन कमीशन बाकी बची 47 फीसदी सीटों पर भर्ती करेगा। इन 47 फीसदी सीटों में 10 फीसदी पूर्व-सैनिकों के लिए भी शामिल हैं। इसके अलावा सालाना खाली पदों को भरने में काम्बैटाइज्ड कांस्टेबल (ट्रेड्समैन) के लिए तीन प्रतिशत तक पद आरक्षित रहेंगे।
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क्या सभी सशस्त्र बलों पर लागू होगा नियम?
इस नोटिफिकेशन के बाद कई उम्मीदवारों के मन में सवाल है कि क्या यह नियम सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल यानी सीएपीएफ पर लागू होगा। नोटिफिकेशन के अनुसार, यह नया नियम सिर्फ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स पर ही लागू होगा। सीएसफ और सीआईएसएफ जैसी फोर्स में यह नियम लागू नहीं होगा। हालांकि, अन्य सशस्त्र फोर्स में कॉन्सटेबल (जीडी) के लिए पहले से चला आ रहा 10 प्रतिशत आरक्षण पूर्व अग्निवीरों को मिलता रहेगा।
नए नियम को समझिए
जब केंद्र सरकार ने अग्निवीर योजना की घोषणा की थी, उस समय आश्वासन दिया था कि रिटायर्मेंट के बाद अग्निवीरों को अलग-अलग पुलिस बलों में भर्ती किया जाएगा। इसके बाद से पूर्व अग्निवीरों को अलग-अलग भर्तियों में राहत दी जा रही है। नए नियम के अनुसार, अब बीएसएफ की भर्ती के लिए पूर्व अग्निवीरों को फिजिकल टेस्ट नहीं देना होगा। उन्हें भर्ती के लिए सिर्फ लिखित परीक्षा देनी होगी। बता दें कि बीएसएफ भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा को देखती है। बीएसएफ भारतीय सेना के साथ मिलकर काम करती है।
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क्या है अग्निवीर योजना?
भारत सरकार ने साल 2022 में अग्निपथ योजना लागू की थी। इस योजना के तहत तीनों सेनाओं, थल सेना, वायु सेना और नौसेना में जवान, एयरमैन और नाविक जैसे पदों पर इस योजना के तहत भर्ती की जाती है। इस योजना के तहत जिन्हें भर्ती किया जाता है उन्हें अग्निवीर कहा जाता है। इस योजना में सिर्फ चार सालों के लिए ही भर्ती किया जाता है। चार साल बाद 25 प्रतिशत जवानों को रिटेन कर लिया जाता है और अन्य सभी को रिटायर कर दिया जाता है। रिटायर होने वाले जवानों को रिटायरमेंट पर 11.71 लाख रुपये फंड के तौर पर दिए जाते हैं। इस योजना में रिटायर होने वाले अग्निवीरों के लिए पेंशन का प्रावधान नहीं है।
पेंशन का प्रावधना ना होने के कारण इस योजना पर कई सवाल उठ रहे थे। इसके अलावा सिर्फ चार साल की सर्विस को लेकर भी कई सवाल उठे थे। हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा था कि अग्निवीर से रिटायर होने के बाद युवाओं के पास रोजगार के कई मौके होंगे। इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों और राज्य सरकार की भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।