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10वीं, 12वीं के बाद क्या करना है, अब CBSE बताएगा, शुरू हुई नई पहल

CBSE ने गुरुवार को करियर गाइडेंस डैशबोर्ड और काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल लागू किया। बच्चों को करियर के बारे में गाइड करने के लिए यह फैसला लिया गया है।

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सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit:

सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने छात्रों को उनके भविष्य की राह चुनने में मदद करने के लिए एक नया प्रोग्राम शुरू किया है। इस प्रोग्राम में बोर्ड ने एक करियर गाइडेंस डैशबोर्ड (cbsecareerguidance.in) और काउंसलिंग-स्पोक हब शुरू किया है। यह प्रोग्राम 2025-26 के स्कूल सत्र से शुरू हो गया है। इसका मुख्य लक्ष्य है कि छात्र स्कूल के बाद सही करियर चुन सकें। साथ ही, उनकी मानसिक और सामाजिक जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा।

 

सीबीएसई के सचिव हिमांशु गुप्ता ने सभी स्कूलों को पत्र लिखा है। उन्होंने स्कूलों से कहा है कि वे इस प्रोग्राम को अपने यहां लागू करें। इससे छात्रों को सही और आसान तरीके से करियर की सलाह मिलेगी। यह प्रोग्राम न सिर्फ करियर चुनने में मदद करेग बल्कि छात्रों के आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगा। इस प्रोग्राम की शुरुआत गुरुवार को दिल्ली के द्वारका में सीबीएसई के दफ्तर में हुई। इस मौके पर 500 से ज्यादा स्कूल प्रिंसिपल, काउंसलर और वेलनेस टीचर मौजूद थे। 

 

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शुरुआत

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं और यह फैसला भी इसी कड़ी में लिया गया है। CBSE के चेयरपर्सन राहुल सिंह ने बताया, 'यह प्रोग्राम NEP 2020 के तहत बनाया गया है। इसका मकसद शिक्षा को बेहतर बनाना है। यह प्रोग्राम ऐसा बनाया गया है कि यह सभी छात्रों के लिए उपयोगी हो। यह तकनीक के साथ काम करता है और लंबे समय तक चलने वाला है।'  राहुल सिंह ने आगे कहा कि स्कूलों और छात्रों की जरूरतों को समझकर इसे तैयार किया गया है। सभी लोग मिलकर इसे और अच्छा बनाएंगे।

छात्र ले पाएंगे सही फैसला

हिमांशु गुप्ता ने कहा कि आज के समय में करियर गाइडेंस बहुत जरूरी है। कई बार छात्रों को समझ नहीं आता कि स्कूल के बाद क्या करें। यह प्रोग्राम उनकी इस समस्या को हल करेगा। साथ ही, यह स्कूलों को भी मजबूत बनाएगा। शिक्षकों, काउंसलरों और वेलनेस टीचरों को बेहतर प्रशिक्षण देकर यह प्रोग्राम तैयार किया गया है। इससे छात्रों को करियर चुनने में सही सलाह मिलेगी और उनकी मानसिक और भावनात्मक जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा।

 

यह प्रोग्राम छात्रों को आत्मविश्वास देगा और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में मदद करेगा। सीबीएसई का यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक नया बदलाव लाएगा। यह छात्रों को न सिर्फ पढ़ाई, बल्कि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए तैयार करेगा।इस प्रोग्राम से छात्र अपने करियर के लिए सही फैसला ले पाएंगे। छात्रों को अलग-अलग करियर के बारे में स्कूलों में ही बताया जाएगा। 

 

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क्या है यह सिस्टम?

करियर गाइडेंस डैशबोर्ड 10वीं और 12वीं के छात्रों को करियर के बारे में जानकारी देता है। वहीं सीबीएसई का काउंसलिंग हब एंड स्पोक स्कूल मॉडल मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रणालियों को मजबूत करने का प्रयास करता है। यह मॉडल बोर्ड के मेंटर हब स्कूलों के नेटवर्क के जरिए काम करता है। सीबीएससी ने कहा, एक केंद्रीय हब स्कूल अपने क्षेत्र के कई स्कूलों को सहायता और मार्गदर्शन देगा। हब एक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जबकि स्पोक स्कूल इस नेटवर्क से सीखने, बढ़ने और शेयर करने का लाभ उठाएंगे।'

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