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DU के कोर्सेज, जिनमें आसानी से मिलता है एडमिशन, कटऑफ भी रहता है कम

दिल्ली यूनिवर्सिटी में ज्यादातर कोर्स में एडमिशन लेने के लिए छात्रों में होड़ रहती है। इसके बावजूद कुछ कोर्स ऐसे हैं जिनमें आसानी से एडमिशन हो जाता है।

Delhi University

दिल्ली यूनिवर्सिटी, Photo Credit: PTI

दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में अंडर ग्रेजुएट कोर्स की पहली मेरिट लिस्ट 19 जुलाई को जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में जिन भी छात्रों का नाम आया है, उन्हें अपनी सीट रिजर्व करने के साथ ही फीस भी जमा करनी होगी। इस साल BCOM छात्रों की पहली पसंद बनी हुई है। इसके अलावा BA, BA(Hons) इंग्लिश और पॉलिटिकल साइंस छात्रों की पसंद हैं। इन कोर्स में एडमिशन के लिए बहुत ज्यादा मेरिट जाती है लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी में कुछ कोर्स ऐसे भी हैं जिनकी मेरिट बहुत कम जाती है। 

 

डीयू के 69 कॉलेजों में 79 अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज की 71,624 सीटें हैं। इन 71,624 सीटों के लिए 3 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। कुछ कोर्स ऐसे भी हैं, जिनमें बहुत कम छात्र आवेदन करते हैं और इनमें आसानी से एडमिशन मिल जाता है। अब आपके मन में भी यही सवाल होगा कि यह कोर्स कौन से हैं?

 

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बीए (ऑनर्स) संस्कृत

दिल्ली यूनिवर्सिटी में कुछ बीए (ऑनर्स) कोर्स ऐसे हैं, जिनमें बहुत ही कम कटऑफ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि छात्र आमतौर पर इन कोर्सेज को करना नहीं चाहते हैं। उन्हें लगता है कि इन कोर्सेज में कोई भविष्य नहीं है या रोजगार के कम अवसर हैं। ऐसा ही कोर्स बीए(ऑनर्स) संस्कृत है, जिसकी कटऑफ अन्य सभी कोर्स की तुलना में बहुत कम है। डीयू के दयाल सिंह कॉलेज में संस्कृत (ऑनर्स) या विवेकानंद कॉलेज में हिस्ट्री (ऑनर्स) में अंग्रेजी या इकोनॉमिक्स जैसे लोकप्रिय कोर्सेज की तुलना में कम कटऑफ हो सकती है। 

बीए (पर्सियन/उर्दू/फिलोसॉफी/म्यूजिक)

दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीए पर्सियन, उर्दू, फिलोसॉफी, म्यूजिक कोर्स की डिमांड काफी कम होती है। डीयू के टॉप कॉलेजों में भी इन कोर्स की डिमांड बहुत कम है। जिन भी छात्रों ने इन कोर्स को चुना है, उनको डीयू में 70-80 पर्सेंटाइल स्कोर पर भी सीट मिल सकती है। अगर आपका डीयू में पढ़ने का सपना है तो आपके लिए यह कोर्स अच्छा विकल्प हो सकते हैं। 

इन कोर्स में एडमिशन के चांस ज्यादा

दिल्ली यूनिवर्सिटी में बीए वोकेशनल स्टडीज, टूरिज्म, ऑफिस मैनेजमेंट, स्मॉल बिजनेस कोर्स में एडमिशन के चांस ज्यादा है। इन कोर्स को प्रैक्टिकल स्किल्स सिखाने के लिए बनाया गया है लेकिन इनकी डिमांड कम है। डिमांड कम होने के कारण इन कोर्स में कटऑफ कम जाती है। अक्सर 60-70 पर्सेंटाइल पर इन कोर्स में एडमिशन हो जाता है।

 

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साइंस वालों के लिए भी विकल्प?

ऐसा नहीं है कि कम कटऑफ वाले कोर्स सिर्फ आर्ट्स के स्टूडेंट्स के लिए ही हैं। साइंस के छात्रों के लिए भी ऐसे कोर्स हैं जिनमें बहुत कम कटऑफ जाती है। यह कोर्स पीसीएम (PCM) या पीसीबी (PCB) स्ट्रीम के छात्रों के लिए अच्छे विकल्प हैं। बीएससी (जनरल) कोर्सेज की तुलना में बीएससी (ऑनर्स) की डिमांड ज्यादा होती है। बीएससी लाइफ साइंसेज/फिजिकल साइंसेज की डिमांड बहुत कम है।  इसकी कटऑफ लगभग 75-85 पर्सेंटाइल तक जाती है। अगर किसी छात्र ने इन कोर्सेज को चुना है तो उनके एडमिशन होने के चांसेज ज्यादा हैं।

 

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