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IELTS ही नहीं, विदेश में पढ़ाई के लिए दे सकते हैं ये परीक्षाएं

भारत से लाखों स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई करने के लिए IELTS की तैयारी करते हैं लेकिन विदेश में पढ़ाई के लिए IELTS के अलावा भी कई अन्य परीक्षाएं होती हैं।

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सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Freepik

विदेश में जाकर पढ़ाई करना लाखों भारतीयों का सपना होता है। कई छात्र तो पढ़ाई करने विदेश जाते हैं और फिर वहीं के नागरिक बन जाते हैं। विदेश जाकर पढ़ाई करने का ट्रेंड पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है और कई युवा अब विदेश में पढ़ाई करने के विकल्प तलाश रहे हैं। विदेश में एडमिशन के लिए काफी लंबी प्रक्रिया होती है और विदेश जाने के लिए आपको पहले आपको उस देश में जाने और पढ़ाई करने के लिए निर्धारित की गई योग्यता को प्राप्त करना होता है। एडमिशन के लिए कई तरह के एंट्रेंस और लैंग्वेज टेस्ट होते हैं, जो हर देश के लिए अलग-अलग हो सकते हैं। 

 

जब आप किसी देश में जाते हैं तो आपको उस देश में रहने के लिए उस देश की भाषा की समझ होनी चाहिए। अगर आपको उस देश की भाषा की समझ नहीं तो वहां पर आपको पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में हर देश विदेशी छात्रों को एडमिशन देने से पहले लैंग्वेज टेस्ट करवाता है। फ्रांस, जापान, जर्मनी, स्पेन जैसे देशों में पढ़ाई या नौकरी करने के लिए लोकल भाषा पर पकड़ होना जरूरी है और इन भाषाओं के टेस्ट देने होंगे। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य अंग्रेजी भाषी देशों में रहने के लिए अंग्रेजी भाषा की समझ होनी चाहिए। 

 

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इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट

अगर आप किसी ऐसे देश में जाने का प्लान बना रहें हैं, जहां इंग्लिश भाषा बोली जाती है तो आपको इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी टेस्ट पास करना होगा। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड समेत अन्य इंग्लिश भाषी देशों में जाने से पहले आप इंटरनेशनल इंग्लिश लैंग्वेज टेस्टिंग सिस्टम (IELTS), TOEFL, पियर्सन टेस्ट ऑफ इंग्लिश एकेडमिक (PTE) और कैंम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का इंग्लिश लैंग्वेज असेसमेंट टेस्ट पास करना होगा। इन सब में से ज्यादातर स्टूडेंट्स IETS करते हैं। इन परीक्षाओं के स्कोर के आधार पर ही देश तय करते हैं कि आप उनके देश में आकर पढ़ाई कर सकते हैं या नहीं। 

अन्य भाषाओं के टेस्ट

भारत से ज्यादातर लोग अमेरिका, इंग्लैंड जैसे इंग्लिश भाषी देशों में ही जाते हैं लेकिन कुछ स्टू़डेंट्स अन्य देशों को भी चुनते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स को उन देशों की भाषा की समझ से जुड़े टेस्ट पास करने होते हैं। 

 

फ्रांस- अगर आप फ्रांस में जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको फ्रेंच लैंग्वेज का टेस्ट पास करना होगा। इसके लिए आप TCF, DELF (लेवल 1-2), TEF टेस्ट दे सकते हैं। 
स्पेन- अगर आप स्पेन जाकर पढ़ाई करने का मन बना रहे हैं तो आपको स्पैनिश लैंग्वेज का टेस्ट देना होगा। स्पैनिश में DELE (डिप्लोमा) और SIELE टेस्ट दे सकते हैं। SIELE टेस्ट ज्यादा मशहूर है क्योंकि यह अन्य टेस्ट की तुलना में आसान माना जाता है।
जर्मनी- जर्मनी जाने के लिए वहां की लोकल भाषा यानी जर्मन सिखनी होगी। इसके लिए आप SH, TestDaF की परीक्षाएं दे सकते हैं। 
चीन- अगर आप चीन जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको उनकी लोकल भाषा मंडारिन की समझ होनी चाहिए। इसके लिए आप हन्यू शुईपिंग काओशी (HSK) टेस्ट दे सकते हैं।   
जापान- जापान की यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए आपको JLPT टेस्ट देना होगा।

 

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क्या हर देश में जाने लिए ये टेस्ट जरूरी हैं?

अगर आप विदेश में जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं तो आपको विदेशी भाषा की नॉलेज होनी चाहिए। इसके लिए आपको कई टेस्ट देने पड़ सकते हैं। जिस यूनिवर्सिटी में आप एडमिशन लेना चाहते हैं आपको उस यूनिवर्सिटी के नियमों के अनुसार, लैंग्वेज टेस्ट और एडमिशन टेस्ट पास करने होंगे। इसके साथ ही ज्यादातर देशों में IELTS, TOEFL, PTE जैसे इंग्लिश लैंग्वेज टेस्ट मान्य होते हैं क्योंकि इन देशों में इंग्लिश लैंग्वेज को पढ़ाई का माध्यम माना गया है। इन टेस्ट में A1, A2, B1, B2, C1, और C2 लेवल पर अलग-अलग सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। इन टेस्ट को देने से पहले आप जिस देश में जाना चाहते हैं उस देश और जिस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना चाहते हैं उस यूनिवर्सिटी की ओर से मान्यता प्राप्त लैंग्वेज टेस्ट के बारे में जान लें। 

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