आवार कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से देशभर में बहस तेज हो गई है। आवारा कुत्तों से होने वाले नुकसान और कुत्तों के जीवन के अधिकार पर सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक बहस जारी है। कोर्ट ने फैसला दिया था कि दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को पकड़ कर शेल्टर होम में रखा जाए। हालांकि, अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस फैसले को पलट दिया है और कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी और टीकाकरण करके उनको छोड़ने के लिए कहा है। ऐसे में कुत्तों के डॉक्टरों की जरूरत भी बढ़ेगी और वैसे भी कुत्तों की देखभाल, पशुओं की देखभाल और अन्य जानवरों की देखबाल के लिए डॉक्टर की जरूरत होती है। इस क्षेत्र में शानदार करियर के साथ-साथ बेजुबानों की सेवा भी की जा सकती है।
कुत्तों का इलाज करने वाले डॉक्टर को वेटरनरी डॉक्टर या पशु चिकित्सक कहा जाता है। यह डॉक्टरों कुत्तों के साथ-साथ अन्य जानवरों का भी इलाज करते हैं। जानवरों को भी इंसान की ही तरह इलाज, दवाई और टीकाकरण की जरूरत होती है। ऐसे में इन डॉक्टरों की मांग भी बढ़ती जा रही है। पशु चिकित्सक बनने के लिए वेटरनरी की पढ़ाई करनी पड़ती है।
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कौन सा कोर्स करें?
वेटरनरी डॉक्टर बनने के लिए सबसे जरूरी कोर्स है बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबैंड्री। इस कोर्स को शॉर्ट में BVSc & AH भी कहते हैं। यह साढे चार साल को कोर्स और एक साल की इंटर्नशिप के साथ कुल साढे पांच साल का करिकुलम होता है। इस कोर्स में जानवरों को होने वाली बीमारियों , उनकी सर्जरी, टीकाकरण और उनकी देखबाल कैसे करनी है, इस बारे में पढ़ाया जाता है। भारत में वेटरनरी डॉक्टर बनने के लिए यह कोर्स सब, बेहतर माना जाता है।
इसके अलावा आप डिप्लोमा और मास्टर डिग्री भी कर सकते हैं। डिप्लोमा इन वेटरनरी फार्मेसी दो साल का एक बेहतर विकल्प है। यह कम समय में आपको नौकरी पाने में मदद करेगा। इसके अलावा अगर आप बेहतर तरीके से पढ़ाई करना चाहते हैं तो आप ग्रेजुएशन के बहाद स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। मास्टर ऑफ वेटरनरी साइंस (MVSc) करके आप स्पेशलाइजड डॉक्टर बन सकते हैं। अगर आप रिसर्च में जाना चाहते हैं तो PhD इन वेटरनरी साइंस एक बेहतर विकल्प है।
कैसे होगी एडमिशन?
12वीं के बाद BVSc & AH कोर्स करने के लिए आपको नीट यूजी का एग्जाम देना होता है। इस एग्जाम के आधार पर ही मेरिट लिस्ट बनती है। इस एग्जाम को देने के लिए आप 12वीं पास होने चाहिए। 12वीं में आपके पास साइंस स्ट्रीम होनी जरूरी है। नीट का एग्जाम देने के बाद आप देशभर के अलग-अलग कॉलेजों में एडमिशन के लिए काउंसलिंग में हिस्सा ले सकते हैं।
कोर्स करने के बाद क्या विकल्प?
BVSc & AH कोर्स पूरा करने के बाद आप वेटरनरी डॉक्टर बन सकते हैं। आप जिस कॉलेज में एडमिशन लेते हैं उसी कॉलेज से आप किसी भी अस्पताल में नौकरी पा सकते हैं। इसके अलावा भी आपके पास कई विकल्प होते हैं। कोर्स को पूरा करने के बाद आपके पास सरकारी नौकरी करने का विकल्प भी रहता है। सरकारी वेटरनरी हॉस्पिटल,डेयरी फार्म या एनिमल रिसर्च सेंटर में निकलने वाली भर्तियों के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। इसमें आपकी शुरुआती सैलरी 40,000 से 50,000 महीना हो सकती है। प्राइवेट सेक्टर में भी वेटरनरी डॉक्टर के लिए कई करियर विकल्प हैं। प्राइवेट पेट क्लिनिक, फार्मास्यूटिकल कंपनियां या चिड़ियाघर में भी नौकरी कर सकते हैं। यहां आपकी सैलरी 30,000 से 60,000 रुपये महीना हो सकती है। इसके अलावा कुछ साल काम करने के बाद आप अपना क्लिनिक खोल सकते हैं।
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टॉप कॉलेज
भारत में अगर आप पशु चिकित्सक यानी वेटरनी डॉक्टर बनना चाहते हैं तो आपके पास कई कॉलेजों का विकल्प है। इन कॉलेजों में फीस और मेरिट लिस्ट को ध्यान में रखकर आप इन में से कोई एक संस्थान अपने लिए चुन सकते हैं।
- आईसीएआर- राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल
- आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली
- महाराष्ट्र पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय, नागपुर
- दिल्ली पैरामेडिकल एंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
- इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूटस कोलकाता
- लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार
- मद्रास वेटरनरी कॉलेज, चेन्नई.
- नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, करनाल
- पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, उ.प्र
- इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बरेली यूपी
- बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना