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SSB के इंटरव्यू में 5 दिनों तक होता क्या है, कैसे बनते हैं अधिकारी?

भारतीय सेना में अधिकारियों की भर्ती के लिए SSB इंटरव्यू होता है। यह इंटरव्यू पांच दिन तक चलता है और इसमें हर दिन उम्मीदवारों से अलग-अलग टास्क करवाए जाते हैं।

SSB

सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: Social Media

भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना में सरकारी नौकरी का सपने देखने वाले उम्मीदवारों के लिए चयन प्रक्रिया में सबसे अहम SSB इंटरव्यू को माना जाता है। सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) यह इंटरव्यू आयोजित करता है। यह इंटरव्यू पांच दिनों तक चलता है और इसमें कुल पांच स्टेज होते हैं। यह इंटरव्यू बाकी इंटरव्यू की तरह नहीं होता, बल्कि इसमें उम्मीदवार की सोचने की क्षमता, अंडरस्टैंडिंग, कॉन्फिडेंस, लीडरशिप और व्यवहार को परखा जाता है। SSB इंटरव्यू सेना में अधिकारियों की भर्ती के लिए ही किया जाता है। 

 

SSB इंटरव्यू के लिए उम्मीदवारों का चयन दो तरीकों से किया जाता है। पहला सीधी एंट्री के जरिये जैसे टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स या यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम दूसरा एनडीए, सीडीएस या एफकैट परीक्षा को पास करके उम्मीदवारों को सीडीएस इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। सेना में अधिकारियों की भर्ती के लिए यह सबसे अहम पड़ाव होता है और हर साल हजारों छात्र इस इंटरव्यू को देते हैं। इस इंटरव्यू के जरिये उम्मीदवारों में अफसर की खूबियों की जांच की जाती है। अगर आप भी सेना में अधिकारी बनना चाहते हैं तो आपको भी इस इंटरव्यू में शामिल होना पड़ेगा।

 

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स्टेज-1

SSB इंटरव्यू के पहले दिन स्टेज-1 पर सबसे पहले स्क्रीनिंग टेस्ट होता है। जितने भी उम्मीदवार सिलेक्ट होकर इंटरव्यू देने आते हैं उन्हें चेस्ट नंबर दिए जाते हैं। पहले दिन दो तरह के टेस्ट होते हैं। पहला वर्बल टेस्ट और दूसरा नॉन वर्बल टेस्ट। यह दोनों टेस्ट 50-50 नंबर के होते हैं और इसके बाद इसी स्टेज में ग्रुप-डिस्कशन भी किया जाता है। 

स्टेज -2

SSB इंटरव्यू के दूसरे स्टेज में वही उम्मीदवार हिस्सा ले सकते हैं जिन्हें पहले स्टेज में सफल घोषित किया गया हो। दूसरे दिन सबसे पहले मनोवैज्ञानिक टेस्ट होता है। इस टेस्ट में उम्मीदवारों को अलग-अलग 12 फोटो दिखाई जाती हैं। इन तस्वीरों पर उम्मीदवारों को कहानी लिखनी होती है। इसके बाद वर्ड एसोसिएशन टेस्ट होता है, जिसमें उम्मीदवारों को 60 शब्दों पर अपनी प्रतिक्रिया देनी होती है। इसके बाद सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट होता है, जिसमें उम्मीदवारों को 60 स्थितियों पर प्रतिक्रिया लिखनी होती है। इस स्टेज में लास्ट में सेल्फ डिस्क्रिप्शन टेस्ट में हिस्सा लेना होता है। इसमें उम्मीदवारों को अपने बारे में पांच सवालों के जवाब देने होते हैं।

स्टेज-3

तीसरे दिन उम्मीदवारों को ग्रुप टेस्टिंग ऑफिसर यानी GTO टेस्ट देना होता है। इस टेस्ट में पांच पार्ट होते हैं। पहले पार्ट में ग्रुप डिस्कशन होता है, जिसमें सभी उम्मीदवार एक मुद्दे पर चर्चा करते हैं और अपनी राय रखते हैं। इसके बाद ग्रुप प्लानिंग एक्सरसाइज होती है। इसमें एक परिस्थिति दी जाती है जिस पर ग्रुप को मिलकर समाधान निकालना होता है। प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क भी इस दिन का एक अहम टास्क होता है। इसमें मैदान में तैयार किए गए टास्क को ग्रुप के साथ मिलकर पूरा करना होता है। इसके बाद हाफ ग्रुप टास्क दिया जाता है, जिसमें पूरे ग्रुप को दो हिस्सों में बांटा जाता है और उम्मीदवारों के व्यक्तिगत प्रयासों पर ध्यान दिया जाता है। लास्ट में लिट्रेचर टेस्ट होता है, जिसमें  उम्मीदवार को अपने अनुभव शेयर करने होते हैं।  

 

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स्टेज -4

चौथा दिन इस इंटरव्यू का सबसे अहम दिन माना जाता है। इसमें सभी उम्मीदवारों का पर्सनल इंटरव्यू लिया जाता है, जिसमें परिवार, शिक्षा, हॉबी और करंट अफेयर्स से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। इस दिन फाइनल ग्रुप टास्क भी करवाए जाते हैं लेकिन इस दिन ग्रुप बदल दिए जाते हैं। 

स्टेज-5

पांचवा दिन इंटरव्यू का आखिरी दिन होता है। इस दिन सभी अधिकारियों की मीटिंग होती है, जिसमें उम्मीदवारों को पूरे पैनल के सामने एक हॉल में बैठाया जाता है। अधिकारी  हर उम्मीदवार से एक-एक करके बातचीत करते हैं। यह बातचीत छोटी होती है लेकिन काफी अहम होती है। इसके बाद उम्मीदवारों के प्रदर्शन के आधार पर रिजल्ट जारी किया जाता है। इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों को मेडिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाता है। 

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