चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों की घोषणा हो गई है। 6 नवंबर और 11 नवंबर को बिहार विधानसभा के लिए वोटिंग होगी और 14 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इन चुनावों में युवाओं का सबसे प्रमुख मुद्दा शिक्षा और रोजगार बना हुआ है। इसके साथ ही चुनावों में पलायन भी एक बड़े मुद्दे के रूप में उभरकर सामने आया है और कई प्रमुख राजनेता इस मुद्दे को मुखरता से जनता के सामने रख रहे हैं। बिहार के युवा रोजगार की तलाश में और बेहतर शिक्षा के लिए राज्य से पलायन करते हैं। नेताओं के तमाम दावों के बावजूद भी आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में बिहार देश में सबसे कम साक्षरता दर वाला राज्य है। बिहार में सिर्फ 61.8 प्रतिशत लोग ही साक्षर हैं।
एक समय था जब बिहार की धरती पर नालंदा व विक्रमशीला जैसे शिक्षा के केंद्र पूरी दुनिया को ज्ञान दे रहे थे लेकिन आज बिहार शिक्षा क्षेत्र में अपनी पहचान खो चुका है। देश के अलग-अलग शिक्षण संस्थानों को रैंक करने के लिए केंद्र सरकार ने इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) की शुरुआत की थी। साल 2025 की NIRF रैंकिंग में IIT पटना के अलावा बिहार का एक भी शिक्षण संस्थान टॉप 100 में शामिल नहीं हो पाया है। वहीं अलग-अलग कैटेगरी में NIRF ने जो रैंकिंग जारी की है, उसमें बिहार अन्य राज्यों से काफी पीछे छूट गया है। स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटी कैटेगरी में भी बिहार पिछड़ गया है और बिहार की एक भी यूनिवर्सिटी टॉप 100 में जगह बनाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
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टॉप 100 में सिर्फ IIT पटना
बिहार में हायर एजुकेशन की स्थिति इतनी खराब है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) पटना के अलावा एक भी शिक्षण संस्थान NIRF रैंकिंग में टॉप 100 में जगह नहीं बना पाया है। IIT पटना को साल 2025 में जारी की गई NIRF रैंकिंग में 36वीं रैंक मिली है। IIT पटना ने पिछले साल मिली 73वीं रैंक से लंबी छलांग लगाई है। IIT पटना को इंजिनियरिंग संस्थानों की रैंकिंग में 19वां रैंक मिली है। IIT पटना के अलावा NIT पटना इकलौता ऐसा संस्थान है जिसे इंजीनियरिंग में 53वीं रैंक मिली है। इनके अलावा बिहार में कोई भी संस्थान ओवरऑल और इंजीनियरिंग कैटेगरी में टॉप 100 में जगह नहीं बना पाया है।
AIIMS की रैंकिंग भी गिरी
IIT पटना ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया तो AIIMS पटना की रैंकिंग और भी कम हो गई। AIIMS पटना NIRF रैंकिंग में टॉप 100 की लिस्ट से बाहर हो चुका है और इसे 101-150 के बैंड में रखा गया है। वहीं मेडिकल एजुकेशन के संस्थानों में AIIMS पटना को 27वें स्थान पर रखा गया है।
इन संस्थानों को मिली बेहतर रैंकिंग
- फार्मेसी एजुकेशन में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार को 63वां रैंक मिला है
- मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट बोध गया को मैनेजमेंट कैटेगरी में 31वां रैंक मिला है
- एग्रीकल्चर रैंकिंग में राजेंद्र प्रसाद एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को 14वां रैंक और बिहार एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को 36वां रैंक मिला है।
समझिए हायर एजुकेशन की स्थिति
- यूनिवर्सिटी कैटेगरी में बिहार की एक भी यूनिवर्सिटी को टॉप 100 में जगह नहीं मिली है।
- स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटी कैटेगरी में बिहार की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है।
- रिसर्च के मामले में भी IIT पटना के अलावा बाकी सारे संस्थान टॉप 100 से बाहर
- इनोवेशन के मामले में भी बिहार का एक भी संस्थान टॉप 100 में शामिल नहीं है।
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पटना यूनिवर्सिटी को रैंकिंग में नहीं मिली जगह
देश की सातवीं सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी और बिहार में सबसे ज्यादा मशहूर पटना यूनिवर्सिटी से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव समेत कई नेता पढ़े हैं। हालांकि, NIRF रैंकिंग में यह यूनिवर्सिटी भी पिछड़ गई है। पटना यूनिवर्सिटी इकलौती ऐसी यूनिवर्सिटी थी जिसे 2024 की NIRF रैंकिंग में स्टेट पब्लिक यूनिवर्सिटी की कैटेगरी में 51-100 के बैंड में रखा गया था। हालांकि, इस साल की रैंकिंग में पटना यूनिवर्सिटी को 51-100 के रैंक में भी जगह नहीं मिली।