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कैसे बनते हैं कॉमर्शियल पायलट, कोर्स से फीस तक, सब जानिए

लालू यादव के बड़े बेटे इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए परीक्षा पास कर ली है। आप भी जानिए कि कॉमर्शियल पायलट कैसे बनते हैं, कहां एडमिशन ले सकते हैं और कैसे ट्रेनिंग होती है?

Tej Pratap Yadav

तेजप्रताप यादव, Photo Credit: Social Media

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। उनकी पार्टी से उन्हें निकाल दिया गया है और इसके बाद अब तेज प्रताप यादव कॉमर्शियल पायलट बनने के लिए ट्रेनिंग लेने के लिए प्रवेश परीक्षा पास कर चुके हैं। उड्डयन प्रशिक्षण निदेशालय (DGCA) की तरफ से आयोजित फ्लाइट ट्रेनिंग कोर्स के इंटरव्यू में तेज प्रताप यादव का सिलेक्शन हो गया है। उन्होंने साल 2023-24 में प्राइवेट पायलट लाइसेंस (PPL) और कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL) कोर्स में दाखिले के लिए इंटरव्यू दिया था। 

 

इस इंटरव्यू में तेज प्रताप यादव ने सफलता हासिल की है। हालांकि, आरक्षण को लेकर इसके रिजल्ट का मामला कोर्ट में लंबित था लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद रिजल्ट जारी कर दिया गया है। कोर्ट की अनुमति मिलने के बाद उड़ान प्रशिक्षण निदेशालय ने कैंडिडेट की अंतिम सूची जारी कर दी है और इस सूची में तेज प्रताप यादव का नाम पांचवे स्थान पर शामिल है। अब लोगों के मन में सवाल है कि पायलट बनने के लिए क्या योग्यता होती है और इसके लिए क्या प्रक्रिया है।

 

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पायलट बनने के लिए योग्यता क्या है?

पायलट बनने के लिए कुछ बुनियादी योग्यताएं जरूरी हैं, जो आपके इस सपने को हकीकत में बदलने में मदद करती हैं। पायलट बनने के लिए न्यूनतम उम्र 17 साल होती है। इसके साथ ही उम्मीदवार 12वीं कक्षा में साइंस स्ट्रीम से पास होना चाहिए। साइंस में भी फिजिक्स और मैथ जरूरी है। कुछ मामलों में ग्रेजुएशन भी जरूरी हो सकती है, खासकर एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस (ATPL) के लिए। पायलट बनने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना भी जरूरी है। इन सब के अलावा पायलट के लिए इंग्लिश भाषा में मजबूत पकड़ रखना जरूरी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उड़ानों के दौरान पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के बीच बात अंग्रेजी में ही होती है।

कॉमर्शियल पायलट कैसे बनें?

कॉमर्शियल पायलट  बनने के लिए एक लंबी प्रक्रिया से होकर गुजरना होता है। इस प्रक्रिया के कई चरण हैं। 

 

प्रवेश परीक्षा- भारत में पायलट ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षाएं होती हैं। इन परीक्षाओं में IGRUA प्रवेश परीक्षा, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) प्रवेश परीक्षा और वायु सेना सामान्य प्रवेश परीक्षा (AFCAT) शामिल हैं। अगर आप इन प्रवेश परीक्षा में अच्छा स्कोर कर लें और आपका चयन हो जाए तो आपको किसी अच्छे फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन मिल जाता है।

 

मेडिकल- प्रवेश परीक्षा के बाद  DGCA का मेडिकल टेस्ट पास करना होता है। यह मेडिकल टेस्ट आपके शरीर की फिटनेस की जांच करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप पायलट बनने के लिए पूरी तरह फिट हैं।

 

फ्लाइंग ट्रेनिंग- इसके बाद फ्लाइंग ट्रेनिंग शुरू होती है। यह ट्रेनिंग अलग- अलग प्रकार के विमानों पर दी जाती है, जिससे आप फ्लाइंग के अलग- अलग पहलुओं को समझते हैं। ट्रेनिंग के दौरान आपको सोलो फ्लाइट, नाइट फ्लाइंग, और क्रॉस-कंट्री फ्लाइंग के अनुभव मिलते हैं।

 

लिखित परीक्षा- फ्लाइंग ट्रेनिंग के साथ-साथ उम्मीदवारों को DGCA की लिखित परीक्षाएं भी पास करनी होती हैं। इनमें नेविगेशन, मेट्रोलॉजी, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और एटीसी के नियम शामिल होते हैं।

 

स्किल टेस्ट- इस प्रक्रिया के अंतिम चरण में सभी उम्मीदवारों को DGCA का स्किल टेस्ट पास करना होता है। इस टेस्ट को पास करने के बाद, आपको CPL (Commercial Pilot License) मिल जाता है। ट्रेनिंग के दौरान अलग-अलग लाइसेंस के लिए न्यूनतम फ्लाइंग घंटे निर्धारित हैं। 

कितना समय और फीस लगेगी?

पायलट बनने के लिए समय और फीस अलग-अलग हो सकते हैं। AMECET की वेबसाइट के अनुसार, कॉमर्शियल पायलट बनने के लिए 8 से 10 महीने का समय लग सकता है। इसमें 80 घंटे की एकेडमिक सेशन और 200 घंटों की फ्लाइंग ट्रेनिंग होती है। इसके अलावा लाइसेंस लेने के बाद भी पायलट को कम से कम 6 महीने और अधिकतम एक साल की ट्रेनिंग करनी पड़ती है। पायलट ट्रेनिंग के लिए फीस अलग-अलग संस्थानों में अलग-अलग होती है। ट्रेनिंग की औसत फीस 20 लाख से 50 लाख रुपये तक हो सकती है।

 

 

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पायलट बनने के बाद क्या करियर?

पायलट की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद योग्य उम्मीदवारों को पायलट का लाइसेंस मिल जाता है। इसके बाद आप आधिकारिक रूप से पायलट बनने के कई अवसर होते हैं।

 

एयरलाइन में नौकरी- पायलट बनने के बाद सबसे सामान्य करियर विकल्प किसी एयरलाइन में नौकरी करना है। यहां पर आप घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में काम करते हैं। एयरलाइन में नौकरी आपको स्थिरता और अच्छी सैलरी देती है।  

 

कार्गो और चार्टर फ्लाइट- पायलट बनने के बाद कार्गो और चार्टर फ्लाइट में भी काम कर सकते हैं। 


एविएशन सलाहकार- पायलट बनने के बाद सिर्फ विमान उड़ाना ही एकमात्र विकल्प नहीं है बल्कि आपके पास और भी कई करियर के अवसर होते हैं। पायलट एविएशन सलाहकार (Aviation Consultant) बन सकते हैं। Aviation Consultant बनकर आप विमान कंपनियों के सलाहकार बन सकते हैं। 

 

फ्लाइट इंस्ट्रक्टर - पायलट बनने के बाद एक बेहकर विकल्प फ्लाइट इंस्ट्रक्टर  बनना भी हो सकता है। यह काम आपको दूसरों को सिखाने का मौका देता है और आपके फ्लाइंग स्किल को और भी बढ़ाता है।

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