नई दिल्ली में एक पुलिस परिवार साइबर ठगी का शिकार हो गया। दिल्ली पुलिस का सीनियर अधिकारी बन साइबर ठगों ने फेसबुक के माध्यम से इस घटना को अंजाम दिया। पैसा हाथ लगते ही यह ठग फेसबुक से लापता हो गया। पुलिस ने बताया कि ठगी के शिकार हुए प्रभाकर सिंह अपने परिवार के साथ सी ब्लॅाक, न्यू पुलिस लाइन किंग्सवे कैंप में रहते हैं। 75 हजार रुपये की ठगी का यह मामला साइबर पुलिस तक पहुंच गया है और मामले की जांच की जा रही है।
ठगी का शिकार हुए प्रभाकर सिंह ने बताया कि उन्हें फेसबुक पर एक सीनियर पुलिस अधिकारी के नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। आईडी पर पुलिस की फोटो लगी होने के कारण उन्हें किसी भी प्रकार का कोई शक नहीं हुआ तो उन्होंने फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर लिया। इस घटना के बाद पुलिस ने नार्थ वेस्ट जिले के साइबर थाने में केस दर्ज कर लिया है।
कब हुई घटना?
प्रभाकर ने बताया, 'न्यू ईयर से एक दिन पहले रात को तकरीबन साढ़े 9 बजे फेसबुक चैट पर उसी पुलिस अफसर के नाम से मैसेज आया, मैसेज में लिखा था कि मेरा दोस्त विकास पटेल, CRPF में असिस्टेंट कंमाडर है। वह अपने घर का सामान बेच रहा है क्योंकि उसका ट्रांसफर अब श्रीनगर हो गया है। अगर तुम्हें कुछ चाहिए तो देख लो।' प्रभाकर ने बताया कि उन्होंने यह सोचकर हामी भर दी कि यह बात उनसे दिल्ली पुलिस के अफसर ने बोली है।
आगे क्या हुआ?
अगले दिन यानी कि 31 दिसंबर को प्रभाकर के मोबाइल पर एक वॉट्सऐप मैसेज आया। जो किसी विजय पटेल के नाम से था। विजय ने पुलिस अफसर की बात का हवाला देते हुए खुद का परिचय प्रभाकर को दिया। उसने प्रभाकर को अपने ट्रांसफर होने की बात बताई और बोला कि कुछ सामान है जिसे वह बेचना चाहता है। वॉट्सऐप पर उसने प्रभाकर को कुछ सामान की फोटोज भेज दीं।
कितनी है सामान की कीमत
उसने सारे सामान की कीमत 75 हजार रुपये बताई। उसके बाद प्रभाकर ने उसे फोन पे पर पैसे भेज दिए। पैसे भेजने के बाद प्रभाकर ने उसे फोन किया। उसने एक बार भी फोन नहीं उठाया। प्रभाकर ने फिर फेसबुक अकाउंट चेक किया तो पुलिस अफसर की आईडी से फोटो और नाम दोनों गायब थे। प्रभाकर को तुरंत एहसास हुआ कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है। पुलिस ने संबधित धाराओं में नार्थ वेस्ट साइबर थाने में केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।