नई नवेली जन सुराज पार्टी बनाकर चुनाव में उतरे प्रशांत किशोर अक्सर दावा करते हैं कि वह बिहार में नई व्यवस्था बना रहे हैं। प्रशांत किशोर अक्सर कई मंचों से दावा करते हैं कि सिर्फ उनका दल बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब पहले चरण के लिए नामांकन वापस लेने की समयसीमा पूरी होते ही प्रशांत किशोर का यह दावा ध्वस्त हो गया है। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख पर प्रशांत किशोर की जन सुराज के दो उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। इतना ही नहीं, एक सीट पर तो जन सुराज के किसी उम्मीदवार ने पर्चा ही नहीं दाखिल किया।
इन तीन सीटों पर जन सुराज का उम्मीदवार न होने से 121 में से 118 सीटों पर ही जन सुराज के उम्मीदवार बचे हैं। हालांकि, अभी भी जन सुराज ही सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है क्योंकि उसका किसी के साथ गठबंधन नहीं है। बड़ी पार्टियों की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 143 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। वहीं, जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) 101-102 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
पर्चा भरने से पहले गायब हो गए उम्मीदवार
दानापुर विधानसभा सीट पर नामांकन से पहले रोचक घटनाक्रम हुआ। इस सीट पर जन सुराज की ओर से अखिलेश कुमार को टिकट दिया गया था। शुक्रवार यानी 17 अक्तूबर की सुबह उनके समर्थक इकट्ठा हो गए थे। अखिलेश कुमार ने भी मंदिर में पूजा की और अचानक गायब हो गए। उनका फोन भी स्विच ऑफ आने लगा। समर्थक परेशान हुए तो जन सुराज के नेतृत्व को खबर दी गई। जन सुराज ने आशंका जताई कि उन्हें अगवा भी किया जा सकता है।
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नतीजा यह हुआ कि इस सीट पर जन सुराज के किसी भी उम्मीदवार ने नामांकन नहीं दाखिल किया। बाद में यही अखिलेश कुमार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ नजर आए। कहा जा रहा है कि अमित शाह ने खुद कई बागियों से बात की। कई नेता ऐसे थे जिन्हें बीजेपी या एनडीए से टिकट न मिलने पर वे निर्दलीय उतर गए थे। हालांकि, बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उनसे बात की और उन लोगों ने नामांकन वापस ले लिया।
2 सीटों पर नाम वापस
जन सुराज ने शशि शेखर सिन्हा को गोपालगंज विधानसभा सीट से और ब्रह्मपुर से सत्य प्रकाश तिवारी को टिकट दिया था लेकिन अब दोनों ने ही अपना नाम वापस ले लिया है। लंबे समय तक बीजेपी में रहे डॉ. सत्य प्रकाश तिवारी पहले बीजेपी से टिकट मांग रहे थे। जब लगा कि बीजेपी टिकट नहीं देगी तो वह जन सुराज में शामिल हो गए और जन सुराज ने उन्हें टिकट भी दे दिया। यह सीट बीजेपी ने लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को दी है और यहां से हुलास पांडेय को उम्मीदवार बनाया गया है।
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नामांकन वापस लेने के आखिरी वक्त में सत्य प्रकाश तिवारी ने अपना नामांकन वापस लेकर हुलास पांडेय की राह आसान कर दी। नामांकन वापस लेने के बाद सत्य प्रकाश तिवारी LJP के उम्मीदवार हुलास पांडेय से भी मिले और उन्हें समर्थन दे दिया। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि अब इस सीट पर भी जन सुराज का कोई उम्मीदवार नहीं है। इस सीट पर 2020 में आरजेडी की जीत हुई थी।
ऐसा ही कुछ हुआ गोपालगंज विधानसभा सीट पर। इस सीट पर जुन सुराज ने शशि शेखर सिन्हा को टिकट मिला था लेकिन उन्होंने भी आखिरी वक्त में अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने नामांकन वापस लेने की वजह अपनी सेहत बताई। हालांकि, कुछ ही देर बाद उन्होंने बीजेपी के सुभाष सिंह का समर्थन कर दिया।
इस सीट पर मौजूदा विधायक कुसुम देवी के बेटे अनिकेत भी चुनाव में उतरे थे लेकिन बीजेपी ने उन्हें भी अपने पाले में कर लिया है और उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया है। ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अनूप कुमार सिंह ने भी यहां से अपना नाम वापस ले लिया है।
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दूसरे चरण में भी ऐसा होगा?
दूसरे चरण की 122 सीटों के लिए नामांकन तो हो चुका है लेकिन नाम वापस लेने की तारीख 23 अक्तूबर है। जिस तरह पहले चरण में हुआ, अगर बीजेपी और एनडी इसी रणनीति पर काम करते हैं तो कुछ और सीटों पर जन सुराज का विकेट गिर सकता है। अब जन सुराज के समर्थक भी कह रहे हैं कि बाहर से आए नेताओं को टिकट देने की वजह से ऐसा हो रहा है।