आम आदमी पार्टी (आप) ने बुधवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए एक्जिट पोल के नतीजों को सिरे से खारिज कर दिया। 'आप' ते कहा है कि एक्जिट पोल्स में उसके प्रदर्शन को कम करके आंका है। दूसरी तरफ बीजेपी को एक्जिट पोल्स में बढ़त मिलने पर पार्टी पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं। बीजेपी ने कहा है कि एक्जिट पोल लोगों की बदलाव की इच्छा का प्रतीक है।
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर तमाम एक्जिट पोल्स आमने आ गए हैं। एक्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है। ज्यादातर पोल्स में बीजेपी को बहुमत मिलता हुआ दिखाया गया है।
आप की राष्ट्रीय प्रवक्ता रीना गुप्ता ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि एक्जिट पोल में हमेशा से अरविंद केजरीवाल की पार्टी को कमतर आंका है, लेकिन वास्तविक नतीजों में पार्टी को इन अनुमानों से कई गुना अधिक सीटें मिलेंगी।
ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी 'आप'
रीना गुप्ता ने कहा, 'आप किसी भी एक्जिट पोल को देख लीजिए। चाहे 2013, 2015 या 2020 के एक्जिट पोल हों- आप को हमेशा कम सीट मिलती दिखाई गईं। लेकिन असल नतीजों में उसे ज्यादा सीट मिलीं।' उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के लोगों ने आप को बड़ी संख्या में वोट दिया है और पार्टी ऐतिहासिक जीत दर्ज करने जा रही है तथा केजरीवाल चौथी बार मुख्यमंत्री बनेंगे। चुनाव नतीजे शनिवार को घोषित किये जाएंगे।
पीपुल्स पल्स के एक्जिट पोल
बता दें कि एक्जिट पोल चुनाव-सर्वेक्षण एजेंसियों द्वारा किए गए अनुमान हैं, जो मतदान केंद्रों से वोट डालने के बाद बाहर आने वाले मतदाताओं के साक्षात्कारों पर आधारित होते हैं। ये वास्तविक परिणामों से काफी अलग हो सकते हैं। पीपुल्स पल्स के एक्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 51 से 60 सीट मिल सकती हैं, जबकि आप को 10 से 19 सीट मिल सकती हैं। वहीं, कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल पाएगी।
पीपुल्स इनसाइट का एक्जिट पोल
पीपुल्स इनसाइट के एक्जिट पोल के अनुसार बीजेपी को 40 से 44 सीट, आप को 25 से 29 सीट और कांग्रेस को शून्य से एक सीट मिलने की संभावना है। कुछ अन्य एक्जिट पोल में भी भाजपा की जीत की संभावना जतायी गयी है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि पार्टी एक्जिट पोल अनुमानों का सम्मान करती है।
उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि दिल्ली के लोगों ने बहुत पहले ही मन बना लिया था कि उन्हें बदलाव चाहिए।' उन्होंने विश्वास जताया कि आप सत्ता से बाहर होने वाली है और भाजपा 25 साल से अधिक के अंतराल के बाद दिल्ली में अपनी सरकार बनाने जा रही है।