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शीशमहल-यमुना-प्रदूषण पर मोहर! AAP के किन मुद्दों को दिल्ली ने नकारा?

बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अधूरों वादों, आम आदमी की छवि के मिथक को तोड़ा है।

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अरविंद केजरीवाल। (@AAP/ X)

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दिल्ली चुनाव 2025 में बीजेपी ने विधानसभा की 70 सीटों में से 48 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। भगवा पार्टी 27 साल बाद और 21वीं सदी में पहली बाद राजधानी में अपनी सरकार बनाने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार मिली शानदार जीत के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली वालों ने दिल खोलकर हमें प्यार दिया है।  

 

इस दौरान पीएम मोदी ने 'मोदी की गारंटी' पर भरोसा जताने के लिए दिल्ली के लोगों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इस प्यार को सवा गुना करके दिल्ली के विकास के रूप में हम लौटाएंगे। पीएम ने कहा कि मैंने दिल्ली से प्रार्थना की थी कि 21वीं सदी में बीजेपी को सेवा का अवसर दीजिए, दिल्ली को विकसित भारत की विकसित राजधानी बनाने के लिए भाजपा को मौका दीजिए। आप सबने मेरी बात सुन ली।

 

'आप' को इतनी बुरी हार का सामना कैसे करना पड़ा?

 

इसमें सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर 11 सालों से दिल्ली पर राज कर रही आम आदमी पार्टी को इतनी बुरी हार का सामना कैसे करना पड़ा? क्या वजहें रहीं कि लोगों ने 'आप' के मुद्दों को नकार दिया और बीजेपी के मुद्दों पर भरोसा कर लिया। आइए जानते हैं...

 

बीजेपी ने इस पूरे चुनाव में अरविंद केजरीवाल के सरकार घर यानी 'शीशमहल', गंदी यमुना और उसकी सफाई के वादे, राजधानी में फैले बारहों महीने वायु प्रदूषण, हर गली में शराब की दुकानें, भ्रष्टाचार, झूठे वादों को लेकर घेरा। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के अलावा बीजेपी के हर बड़े नेता ने इन्हीं मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी को पर हमला किया।

 

यह भी पढ़ें: 'आप का भरोसा, हम पर कर्ज,' जीत के बाद पीएम मोदी ने क्या-क्या कहा?

बीजेपी अपना वादा समझाने में रही कामयाब

 

इसके अलावा बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के अधूरों वादों, आम आदमी की छवि के मिथक को तोड़ा है। बीजेपी ने चुनाव में विकसित दिल्ली के लिए मोदी की गारंटी दी, जिसमें महिलाओं को हर महीने 2,500 रुपये, 500 रुपये में सिलेंडर, 10 लाख का मुफ्त इलाज, यमुना की सफाई, पचास हजार सरकारी नौकरियां देने आदि वादों को भी बीजेपी जनता को विश्वास दिलाने में कामयाब रही।

 

'आप' के इन वादों को जनता ने किया अस्वीकार

 

दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं ने हर बार अपने प्रचार में कहा कि अगर बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आ गई तो राजधानी में चल रही मुफ्त की योजनाएं बंद हो जाएंगी। इसके अलावा 'आप' ने दलित छात्रों को विदेश में पढ़ाई का खर्च उठाने, पुजारी ग्रथियों को हर महीने 18,000 रुपये, महिलाओं को 2,100 रुपये हर महीने, ऑटो रिक्शा चालकों की बेटी को शादी के समय एक लाख रुपये देने के वादे के साथ जनता के बीच गई। 

 

मगर, दिल्ली की जनता ने केजरीवाल के मुफ्त के इन वादों को नकार दिया।


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