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2019 की गुप्त बैठक पर क्या खुलासा कर गए अजित पवार?

साल 2019 में एनसीपी से रातों-रात बगावत करते हुए अजित पवार कुछ विधायकों के साथ में बीजेपी के साथ चले गए थे, जिसके बाद उन्होंने आधी रात को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। हालांकि उन्होंने कुछ दिन बाद ही उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर से एनसीपी में वापस लौट आए थे।

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अजित पवार ने किया विस्फोटक दावा, Source-PTI

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने विस्फोटक दावा करते हुए कहा है कि उद्योगपति गौतम अदाणी पांच साल पहले (2019) बीजेपी और एनसीपी के शीर्ष नेताओं के साथ महाराष्ट्र सरकार गठन की बातचीत में हिस्सा थे। अजित पवार के इस दावे के बाद विपक्ष के उन आरोपों को बल मिला बै जिसमें कहा जाता है कि गौतम अदाणी का मोदी सरकार में दखल है।

 

एक अंग्रेजी वेबसाइट को इंटरव्यू देते हुए डिप्टी सीएम ने बताया, "हर कोई जानता है कि बैठक कहां हुई थी… हर कोई वहां था। मैं आपको फिर से बताता हूं। अमित शाह वहां थे, गौतम अदाणी वहां थे, प्रफुल्ल पटेल वहां थे, देवेंद्र फड़नवीस वहां थे, अजित पवार वहां थे, पवार साहब (शरद पवार) वहां थे।"

बीजेपी के साथ चले गए थे अजित पवार

 

बता दें कि 2019 में एनसीपी से रातों-रात बगावत करते हुए अजित पवार कुछ विधायकों के साथ में बीजेपी के साथ चले गए थे, जिसके बाद उन्होंने आधी रात को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। हालांकि उन्होंने कुछ दिन बाद ही उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और फिर से एनसीपी में वापस लौट आए थे।   

शरद पवार को जानकारी देने के बाद कदम उठाया

 

उन्होंने अपने दावे को दोहराया कि उस समय बीजेपी के साथ जाते समय उन्होंने शरद पवार को पूरी जानकारी देने के बाद कदम उठाया था। अजित पवार ने कहा कि एनसीपी पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते अपने नेता के आदेश का पालन किया था।

शिवसेना ने दागे कई सवाल

 

वहीं, अजित पवार के गौतम अदाणी के उपर किए गए दावे के बाद शिवसेना (यूबीटी) की प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने प्रतिक्रिया दी। चतुर्वेदी ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार कैबिनेट में एक वरिष्ठ मंत्री के अनुसार, गौतम अदाणी ने उन बैठकों में हिस्सा लिया, जिसमें यह तय किया गया कि कैसे महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता में लाया जाए, जिसके लिए उन्होंने गठबंधन तय करने की कोशिश की। इससे कुछ गंभीर सवाल उठते हैं: क्या वह बीजेपी के अधिकृत वार्ताकार हैं? क्या उन्हें गठबंधन तय करने की जिम्मेदारी दी गई है? एक बिजनसमैन इतनी उत्सुकता और बारीकी से महाराष्ट्र में किसी भी कीमत पर बीजेपी को सत्ता में लाने के लिए क्यों काम कर रहा है?'

 

शिवसेना (यूबीटी) एनसीपी शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट की सहयोगी है। वहीं, इस बैठक के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी बैठक के बारे में नहीं पता है।

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