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रेजिडेंट से वेलफेयर कराने के चक्कर में केजरीवाल? समझिए 'RWA प्लान'

दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को एक बड़ा वादा किया। उन्होंने वादा किया कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार आई तो RWAs को प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखने के लिए पैसा दिया जाएगा।

arvind kejriwal

अरविंद केजरीवाल। (File Photo Credit: PTI)

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग में अब ज्यादा समय नहीं बचा है। इस बीच दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को नया वादा किया। केजरीवाल ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनती है तो RWAs को प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखने के लिए फंड दिया जाएगा।

दिल्ली के 2 करोड़ लोग हमारा परिवारः केजरीवाल

पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, 'कई दिनों से मेरे पास दिल्ली से फोन आ रहे हैं। मैं भी घूमता रहता हूं। लोगों से बात करता हूं। दिल्ली को बीजेपी की केंद्र सरकार ने और खासकर अमित शाह ने देश की क्राइम कैपिटल बना दिया है। खुलेआम चोरियां हो रही हैं, चेन स्नैचिंग हो रही हैं, महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है, लोग डरे हुए हैं। लोग अपने आपको बहुत ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। बीजेपी और इनकी केंद्र सरकार को दिल्ली के लोगों से कोई लेना देना नहीं है। ये लोग दिल्ली वालों से नफरत करते हैं। इसी नफरत का नतीजा है कि 27 साल से सत्ता में नहीं आई लेकिन हमें लेना-देना है। दिल्ली के 2 करोड़ लोग हमारा परिवार हैं।'

 

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RWAs को मिलेगा पैसाः केजरीवाल

केजरीवाल ने सरकार बनने पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) को प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखने के लिए पैसा देने का वादा किया है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली में किसी को तकलीफ होती है, तो केजरीवाल को दर्द होता है। मुझे तकलीफ होती है। हम चुप नहीं बैठ सकते। मैंने भरोसा दिलाया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी, तो जितनी RWAs हैं, उनको अपने-अपने इलाके में सिक्योरिटी गार्ड अपॉइंट करने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से उचित राशि दी जाएगी। इसके मापदंड बनाने हैं। किस RWAs को कितना पैसा देना है? कितने सिक्योरिटी गार्ड का पैसा देना है? एरिया के हिसाब से होगा या फैमिली के हिसाब से होगा? ये सब तय होना है। सरकार बनने के बाद लोगों को अपने-अपने इलाके में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड अपॉइंट करने के लिए पैसा दिया जाएगा। ताकि वो बेसिक सुरक्षा प्रदान कर सकें। कोई भी चोरी करके भागे तो उसको पकड़ा जा सके।'

 

एक तीर से कई निशाने!

केजरीवाल ने इस एक तीर से कई निशाने साध लिए हैं। एक ओर उन्होंने बीजेपी और केंद्र सरकार पर दिल्ली को क्राइम कैपिटल बनाने का आरोप लगा दिया। दूसरी ओर, RWAs के जरिए एक वोट बैंक बनाने की भी कोशिश की।


नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB की रिपोर्ट बताती है कि 2022 में दिल्ली में 2,99 लाख आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। देश में सबसे ज्यादा क्राइम रेट दिल्ली में है। दिल्ली में हर एक लाख आबादी पर क्राइम की दर 1,832.6 है। इतना ही नहीं, महिलाओं के लिए दिल्ली सबसे असुरक्षित शहर है। 19 बड़े शहरों में दिल्ली पहले नंबर पर है, जहां महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए थे। 2022 में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 14,158 मामले दर्ज हुए थे।

 

दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र सरकार संभालती है। दिल्ली को क्राइम कैपिटल बनाने का आरोप लगाकर केजरीवाल ने सीधे तौर पर बीजेपी को घेरने की कोशिश की है।

 

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RWAs के लिए ऐलान से कितना फायदा?

केजरीवाल ने शुक्रवार को RWAs के लिए जो ऐलान किया है, उसे भी मास्टरस्ट्रोक माना जा सकता है। वो इसलिए क्योंकि अगर केजरीवाल का ये दांव चल पड़ा तो आम आदमी पार्टी का एक अच्छा-खासा वोट बैंक तैयार हो जाएगा।


RWAs असल में एक NGO ही होता है, जो सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत रजिस्टर्ड होती हैं। कोई झुग्गी-बस्ती भी RWAs के तौर पर रजिस्टर्ड हो सकती है। 


दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के तहत, दिल्ली में 240 RWAs रजिस्टर्ड हैं। मान लिया जाए कि इन RWAs में 50 घर भी होंगे और हर घर में कम से कम 2 वोटर भी हैं तो इस तरह से हर सोसायटी में 100 वोटर हुए। अब ऐसी 240 RWAs हैं। इस हिसाब से 240X100= 24 हजार। 


लिहाजा कहा जा सकता है कि केजरीवाल ने अपने इस एक वादे से कम से कम 24 हजार वोटरों को टारगेट करने की कोशिश की है। पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजे बताते हैं कि कम से कम 13 सीटें ऐसी हैं जहां हार-जीत का अंतर बहुत कम था। ऐसे में RWAs के ये वोटर अहम साबित हो सकते हैं।

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