गोपालगंज जिले में पड़ने वाली बरौली विधानसभा सामान्य वर्ग की सीट है। बरौली को 'नोटिफाइड एरिया' घोषित किया गया है। इसका मतलब हुआ कि यह गांव से बड़ा है लेकिन इसे शहर का दर्जा नहीं दिया जा सकता। यह इलाका पश्चिमी गंगा के मैदानी इलाके में है। बरौली वह विधानसभा है, जो बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफूर की सीट हुआ करती थी। अब्दुल गफूर यहां से चार बार विधायक बने।
शुरुआत में यहां कांग्रेस का दबदबा था लेकिन बाद में यहां बीजेपी ने अपनी पकड़ मजबूत की। 2000 के बाद से हुए छह विधानसभा चुनावों में से 5 में बीजेपी की जीत हुई है। 2015 में यहां से आरजेडी जीती थी।
मौजूदा समीकरण
दो दशकों में यहां बीजेपी के रामप्रवेश राय काफी मजबूत नेता बनकर उभरे हैं। पिछले 6 में से 5 चुनाव में रामप्रवेश राय की ही जीत हुई है। 2015 में भी रामप्रवेश राय सिर्फ 504 वोट से हारे थे। हालांकि, उसकी वजह यह भी थी कि 2015 में बीजेपी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, जिसका असर नतीजों पर पड़ा था। इस बार भी बीजेपी-जेडीयू गठबंधन मिलकर लड़ रहा है। ऐसे में बीजेपी को फायदा मिलने की उम्मीद है।
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2020 में क्या हुआ था?
2020 के चुनाव में बीजेपी के रामप्रवेश राय ने आरजेडी के रियाजुल हक उर्फ राजू को 14 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हराया था। रामप्रवेश राय को 81,956 यानी लगभग 47 फीसदी और रियाजुल हक को 67,801 यानी लगभग 39 फीसदी वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
बीजेपी के रामप्रवेश राय बरौली सीट से 5 बार विधायक बन चुके हैं। रामप्रवेश राय बिहार सरकार में पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने 2000 में पहली बार चुनाव जीता था। उसके बाद से 2015 का चुनाव छोड़कर बाकी सभी में उन्हें जीत मिली है।
रामप्रवेश राय विवादित विधायकों में शामिल रहे हैं। बीते कुछ सालों में रामप्रवेश राय कई मामलों में फंस चुके हैं। उन पर कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन का आरोप भी लगा था। इसे लेकर कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था। इसके बाद जनवरी 2023 में उन्होंने सरेंडर किया और 5 हजार रुपये का जुर्माना भरा था।
इसके अलावा, सितंबर 2010 में चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में 2023 में ही उन्हें अदालत ने दोषी ठहराते हुए 6 महीने की जेल और 1 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई थी। हालांकि, उन्हें कोर्ट से जमानत भी मिल गई थी।
2020 के चुनाव में हलफनामा दायर कर रामप्रवेश राय ने अपने पास 94.72 लाख रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी। उनके खिलाफ एक क्रिमिनल केस भी दर्ज था।
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विधानसभा का इतिहास
बरौली सीट पर अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। यहां अब तक कांग्रेस ने 7 बार जीत हासिल की है। इस सीट से 2 जुलाई 1973 से 11 अप्रैल 1975 तक बिहार के सीएम रहे अब्दुल गफूर ने 4 बार जीत हासिल की है।
- 1952: अब्दुल गफूर (कांग्रेस)
- 1957: अब्दुल गफूर (कांग्रेस)
- 1967: गोरख राय (कांग्रेस)
- 1967: बी. राय (निर्दलीय)
- 1969: बिजुल सिंह (सीपीआई)
- 1972: ब्रज किशोर नारायण सिंह (कांग्रेस)
- 1977: अब्दुल गफूर (कांग्रेस)
- 1980: अब्दुल गफूर (कांग्रेस)
- 1985: अदनान खान (कांग्रेस)
- 1990: ध्रुव नाथ चौधरी (निर्दलीय)
- 1995: मोहम्मद नेमातुल्लाह (जनता दल)
- 2000: रामप्रवेश राय (बीजेपी)
- 2005: रामप्रवेश राय (बीजेपी)
- 2005: रामप्रवेश राय (बीजेपी)
- 2010: रामप्रवेश राय (बीजेपी)
- 2015: मोहम्मद नेमातुल्लाह (आरजेडी)
- 2020: रामप्रवेश राय (बीजेपी)