बिहार की शेखपुरा जिले में आने वाली बरबीघा विधानसभा का चुनावी इतिहास काफी पुराना है। यहां 1952 में पहली बार चुनाव हुए थे। तब से अब तक 17 बार चुनाव हो चुके हैं। बरबीघा बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिन्हा की सीट भी रही है। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' भी यहां के एक स्कूल में प्रिंसिपल रह चुके हैं।
बरबीघा विधानसभा सीट पर लंबे समय तक कांग्रेस का दबदबा रहा है। पिछली बार भी यहां कांग्रेस उम्मीदवार ने कड़ी टक्कर दी थी और महज 113 वोटों के अंतर से हार-जीत तय हुई थी।
मौजूदा समीकरण
बरबीघा सीट पर कांग्रेस का अच्छा-खासा दबदबा रहा है। अब तक कांग्रेस यहां 11 बार चुनाव जीत चुकी है। 2015 में कांग्रेस के सुदर्शन कुमार ने यहां जीत हासिल की थी लेकिन 2020 के चुनाव से पहले वह जेडीयू में आ गए थे। इस कारण कांग्रेस के हाथ से यह सीट चली गई। इसके बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार ने सुदर्शन कुमार को कड़ी टक्कर दी थी। अगर एंटी-इन्कंबैंसी फैक्टर ने काम किया तो कांग्रेस यहां फिर वापसी कर सकती है। हालांकि, सुदर्शन कुमार की लोकप्रियता से उन्हें भी फायदा मिल सकता है।
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2020 में क्या हुआ था?
पिछले विधानसभा चुनाव में बरबीघा सीट पर जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला था। जेडीयू के सुदर्शन कुमार ने महज 113 वोटों से यहां जीत हासिल की थी। सुदर्शन कुमार को 39,878 और कांग्रेस के गजानंद शाही को 39,765 वोट मिले थे। हालांकि, यहां भी एलजेपी ने ही एनडीए का खेल बिगाड़ा था। एलजेपी के उम्मीदवार मधुकर कुमार तीसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें 18,930 वोट मिले थे।
विधायक का परिचय
इस समय बरबीघा से सुदर्शन कुमार विधायक हैं। सुदर्शन कुमार राजनीतिक परिवार से आते हैं। वह रजो सिंह के पोते हैं।
रजो सिंह दो बार लोकसभा सांसद और 6 बार विधायक रह चुके हैं। रजो सिंह 5 बार शेखपुरा से और 1 बार बरबीघा से विधायक रहे हैं। सुदर्शन कुमार के पिता संजय सिंह और मां सुनीला देवी भी 2-2 बार शेखपुरा से विधायक रह चुकी हैं।
2015 में उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा था और 10 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीता। 2020 में उन्होंने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ा। वह जीत जरूर गए लेकिन बहुत मामूली अंतर से।
2020 के चुनाव में दाखिल हलफनामे में सुदर्शन कुमार ने अपने पास 1.62 करोड़ रुपये की संपत्ति होने की जानकारी दी थी।
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विधानसभा का इतिहास
इस सीट पर अब तक 17 बार चुना हो चुके हैं, जिनमें से 11 बार कांग्रेस जीती है। जेडीयू इस सीट पर 3 चुनाव जीत चुकी है।
- 1952: कृष्ण मोहन प्यारे सिंह (कांग्रेस)
- 1957: श्रीकृष्णा सिन्हा (कांग्रेस)
- 1962: लीला देवी (कांग्रेस)
- 1967: शिव शंकर सिंह (कांग्रेस)
- 1969: शिव शंकर सिंह (निर्दलीय)
- 1972: रजो सिंह (निर्दलीय)
- 1977: नयन तारा दास (जनता पार्टी)
- 1980: महावीर चौधरी (कांग्रेस)
- 1985: महावीर चौधरी (कांग्रेस)
- 1990: महावीर चौधरी (कांग्रेस)
- 1995: महावीर चौधरी (कांग्रेस)
- 2000: अशोक चौधरी (कांग्रेस)
- 2005: अशोक चौधरी (कांग्रेस)
- 2005: रामसुंदर राम कनौजिया (जेडीयू)
- 2010: गजानंद शाही (जेडीयू)
- 2015: सुदर्शन कुमार (कांग्रेस)
- 2020: सुदर्शन कुमार (जेडीयू)