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भभुआ विधानसभा: भरत बिंद को पार्टी में लाने का BJP को मिलेगा फायदा या जीतेगी RJD

भभुआ से मौजूदा विधायक भरत बिंद आरजेडी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। अब यह देखना होगा कि उनकी जीत होगी या आरेजेडी का उम्मीदवार जीतेगा।

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कैमूर जिले में भभुआ विधानसभा सीट एक काफी महत्त्वपूर्ण विधानसभा सीट है। यह सासाराम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस विधानसभा में मूल रूप से कोयरी और कुर्मी जाति के लोगों का आधिक्य है। इसके बाद ब्राह्मण और कायस्थ लोगों की संख्या आती है।

 

साल 2014 में पूरे शहर को ग्रीन कलर से रंगने की मुहिम शुरू की गई थी, जिसके बाद इसे ग्रीन सिटी का नाम दिया गया था। हालांकि, 2021 आते-आते यह मुहिम खत्म हो गई। 2014 में तत्कालीन जिलाधिकारी अरविंद कुमार सिंह ने यह मुहिम चलाई थी जिसमें लोगों ने काफी बढ़-चढ़कर सहयोग किया था।

 

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सुवरा नदी के किनारे स्थित यह शहर कैमूर की पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इसकी स्थापना 1532 में शेरशाह सूरी ने की थी। यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से मगध साम्राज्य, गुप्त और मौर्य वंश और बाद में मुस्लिम शासकों के नियंत्रण में रहा है। स्वतंत्रता संग्राम में भी इस क्षेत्र में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मौजूदा राजनीतिक इतिहास

इस सीट पर अब तक इस सीट पर अब तक सात बार कांग्रेस, तीन-तीन बार बीजेपी व आरजेडी, दो बार सीपीआई ने और अन्य पार्टियों ने जीत दर्ज की है। इस तरह से देखा जाए तो शुरुआती दौर में इस पर कांग्रेस का दबदबा रहा है लेकिन मौजूदा वक्त में बीजेपी, आरेजेडी, लोक जनशक्ति पार्टी और आरजेडी जीतती रही है।

 

इस सीट पर कुर्मी और कोयरी जातियों का दबदबा रहा है। अनुसूचित जातियों की भी संख्या 22.25 प्रतिशत है और अनुसूचित जनजातियां 2.09 प्रतिशत है। मुसलमानों की आबादी यहां पर 8.2 प्रतिशत है। मूलरूप से यह एक ग्रामीण क्षेत्र है। शहरी मतदाता कुल 12.86 प्रतिशत ही हैं।

2020 की स्थिति

2020 के चुनाव में भरत बिंद ने आरजेडी के टिकट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी। उन्हें 57,561 वोट मिले थे जो कि कुल वोटों का 33 फीसदी था। उन्होंने बीजेपी की रिंकी रानी पाण्डेय को हराकर चुनाव जीता था। दूसरे स्थान पर रही रिंकी रानी पाण्डेय को 47,516 वोट मिले थे।

 

वहीं तीसरे स्थान पर आरएसएसपी के बीरेंद्र कुमार सिंह रहे थे जिन्हें 37,014 वोट मिले थे, वहीं आरएसएसपी के बीरेंद्र कुमार सिंह को 37,014 वोट मिले थे। चौथे स्थान पर निर्दलीय कैंडीडेट प्रमोद कुमार सिंह रहे थे जिन्हें 20,639 वोट मिले थे।

विधायक का परिचय

भरत विंद ने पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन इस बार वह बीजेपी के टिकट पर ताल ठोंक रहे हैं। भरत बिंद के एजुकेशन की बात करें तो उन्होंने कैमूर के बहुदेशीय हाई स्कूल रामगढ़ से 10वीं की परीक्षा पास की है। उनके खिलाफ कुछ छिटपुट क्रिमिनल मामले भी दर्ज हैं।

 

हाल ही में जमीन विवाद में मारपीट और फायरिंग का आरोप लगा। उनके ऊपर सिलौटा गांव में अपने परिवार और बॉडीगार्ड के साथ मिलकर मारपीट करने और लाइसेंसी राइफल लहराने का आरोप लगा था। पीड़ित पक्ष का आरोप था कि विधायक और उनके लोग खेत में घुस आए थे और गाली गलौज करने लगे थे और लाठी डंडों से हमला कर दिया।

 

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विधानसभा का इतिहास

इस सीट पर शुरुआत में तो कांग्रेस का दबदबा रहा है, लेकिन साल 2000 से सीन बदलना शुरू हुआ। 2010 से बीजेपी का प्रभाव इस सीट पर बढ़ा।


1957 - दुलार चंद राम - कांग्रेस
1962 - अलीवारिस खान - कांग्रेस
1967 - श्याम नारायण पांडेय - कांग्रेस
1969 - चंद्रमौली मिश्रा - भरतीय जनसंघ
1972 - श्याम नारायण पांडेय - कांग्रेस
1977 - शिब परीक्षित सिंह - जनता पार्टी
1980 - श्याम नारायण पांडेय - कांग्रेस
1985 - रामलाल सिंह - भरतीय कम्युनिस्ट पार्टी
1990 - विजय शंकर पांडेय - कांग्रेस
1995 - रामलाल सिंह - भरतीय कम्युनिस्ट पार्टी
2000 - प्रमोद कुमार सिंह - आरजेडी
2005 - प्रमोद कुमार सिंह - आरजेडी
2005 - राम चंद्र यादव - बसपा
2010 - प्रमोद कुमार सिंह - लोक जनशक्ति पार्टी
2015 - आनंद भूषण पांडेय - बीजेपी
2018 - रिंकी रानी पांडेय - बीजेपी
2020 - भरत बिंद - आरजेडी

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