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विभूतिपुर विधानसभा: वामपंथ का मजबूत किला कौन भेदेगा? NDA की चुनौती

विभूतिपुर विधानसभा बिहार की उन चंद सीटों में से एक है, जहां आज भी वामपंथ मजबूती के साथ खड़ा है। इस सीट पर वामपंथी दल आठ बार चुनाव जीत चुके हैं।

Bibhutipur Assembly constituency

विभूतिपुर विधानसभा सीट। Photo Credit- Khabargaon

विभूतिपुर विधानसभा समस्तीपुर जिले में आती हैविभूतिपुर बुढ़ी गंडक नदी के पश्चिमी किनारे पर स्थित हैयह क्षेत्र गंगा नदी के मैदानी में आता हैगंगा का मैदानी इलाका होने की वजह से जो यह उपजाऊ क्षेत्र है, जो कृषि के लिहाज से आदर्श है। विभूतिपुर की जिला मुख्यालय समस्तीपुर से दूरी लगभग 34 किलोमीटर है। विभूतिपुर के उत्तर में दरभंगा, पश्चिम में 107 किलोमीटर दूर राजधानी पटना है। इलाके में मां दुर्गा मंदिर खोक्सहा, हनुमार मंदिर आदि धार्मिक स्थल हैं। हालांकि, विभूतिपुर में मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ में यहां उच्च शिक्षा के लिए ढांचे की मांग होती रही है।

मौजूदा समीकरण?

विभूतिपुर विधानसभा सीट वामपंथ का गढ़ रही है। इस सीट पर 1990 से लेकर साल 2005 तक लगातार वामपंथ का परचम लहराया था। यहां से वर्तमान विधायक सीपीआई-एम का है। विभूतिपुर में 2010 और 2015 में जेडीयू ने परचम लहराया था। हालांकि, यहां आज भी वामपंथी दलों का मजबूत आधार है। विभूतिपुर में अब तक कुल आठ बार वामपंथी उम्मीदवारों की जीत हुई है। विभूतिपुर विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति और ओबीसी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यहां 17.70 फीसदी अनुसूचित जाति, 15.2 फीसदी महतो, 10.4 फीसदी राय और 6.3 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं। इसके अलावा सवर्ण वोट भी अच्छी-खासी तादात में है।

 

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2020 में क्या हुआ था?

विभूतिपुर सीट पर 2020 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPI-M) ने जीत दर्ज की थीजनता दल यूनाइटेड (JDU) दूसरे नंबर पर रही थी। 2020 में सीपीआई-एम से अजय कुमार कुशवाहा ने जेडीयू के लगातार दो बार के विधायक राम बालक सिंह को बड़े वोटों के मार्जिन से हराया था। हार का अंतर 40,496 वोटों का था। सीपीआई-एम के अजय कुमार ने 45 फीसदी वोट पाते हुए 73,822 वोट हासिल किया था, जबकि राम बालक को 33,326 वोट मिले। वहीं, इस सीट पर लोजपा के चंद्रबली ठीकुर को 28,811 वोट मिले थे।

विधायक का परिचय

मौजूदा विधायक अजय कुमार विभूतिपुर से पहली बार के विधायक हैं। समस्तीपुर के पुराने नेताओं में शुमार किए जाते हैं। वह राजनीतिक परिवार से आते हैं। अजय कुमार सीपीआई-एम के पूर्व विधायक योगेंद्र सिंह कुशवाहा के बेटे हैं। अजय कुमार ने 2019 के लोकसभा में सीपीआई-एम के टिकट पर उजियारपुर से सांसदी का भी चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव हार गए थे।

 

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अजय कुमार की पढ़ाई की बात करें तो वह एक पढ़े-लिखे उम्मीदवार हैं। उन्होंने भागलपुर विश्वविद्यालय से संबंध बीएस कॉलेज सुल्तानगंज से वकालत (LLB) की डिग्री हासिल की थी। इससे पहले उन्होंने 1993 में ग्रेजुएशन किया था। 2020 के उनके चुनावी हलफनामों के मुताबिक, उनकी आय का मुख्य स्रोत विधायकी रूप में उनका वेतन और कृषि है। पिछले हलफनामों के मुताबिक उनके पास 1.3 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

विधानसभा सीट का इतिहास

विभूतिपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संसदीय एवं विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश के बाद साल 2008 में अस्तित्व में आई थी। इस पर अभी तक कुल 14 चुनाव हुए हैं। इस सीट की संख्या 138 है। विधानसभा में विभूतिपुर सामुदायिक विकास खंड है, जिसमें दलसिंहसराय सीडी ब्लॉक के बुलाकीपुर, कमरौन, मालपुर पुरवारीपट्टी, रामपुर जलालपुर, नरहन एस्टेट, बंबइया हरलाल और अजनौल ग्राम पंचायतें हैं। विभूतिपुर विधानसभा सीट समस्तीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है।

 

1967- पीएम मदन (सीपीआई)

1969- गंगा प्रसाद श्रीवास्तव (संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी)

1972- बंधु महतो (कांग्रेस)

1977- बंधु महतो (कांग्रेस)

1980- रामदेव वर्मा (सीपीआई-एम)

1985- चंद्रबली ठाकुर (कांग्रेस)

1990- रामदेव वर्मा (सीपीआई-एम)

1995- रामदेव वर्मा (सीपीआई-एम)

2000- रामदेव वर्मा (सीपीआई-एम)

2005- रामदेव वर्मा (सीपीआई-एम)

2005- रामदेव वर्मा (सीपीआई-एम)

2010- राम बालक कुशवाहा (जेडीयू)

2015- राम बालक कुशवाहा (जेडीयू)

2020- अजय कुमार कुशवाहा (सीपीआई-एम)

 

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