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नाथनगर: क्या JDU दोबारा हासिल कर पाएंगी अपना खोया किला?

नाथनगर विधानसभा सीट पर साल 2000 से जेडीयू का दबदबा रहा है। मगर पिछले चुनाव में आरजेडी ने पहली बार चुनाव जीत दर्जकर अपनी सियासी धमक दिखा दी है। अब जेडीयू के सामने अपने पुराने किले को वापस पाने की चुनौती है।

Nathnagar Vidhan Sabha.

नाथनगर विधानसभा सीट। ( Photo Credit: Khabargaon)

बिहार की नाथनगर विधानसभा सीट भागलपुर जिले में पड़ती है। सबौर और नाथनगर सीडी ब्लॉक के अलावा जगदीशपुर प्रखंड के 15 ग्राम पंचायतों को मिलाकर विधानसभा का गठन किया गया है। नाथनगर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ता है। कहा जाता है कि यहां दानवीर कर्ण का शासन था। इसी इलाके में मनीनाथ मंदिर है। यह मंदिर भी महाभारत कालीन माना जाता है। 

 

नाथनगर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर गंगा नदी के तट पर स्थित है। गंगा में आने वाली बाढ़ से हर साल हजारों एकड़ फैसल तबाह होती है। विधानसभा क्षेत्र की अधिकांश आबादी ग्रामीण है। नदी का किनारे होने कारण मिट्टी समतल और उपजाऊ है। धान, गेहूं और मक्का जैसी फैसले प्रमुख तौर पर होती हैं। इलाके में बड़े उद्योगों का अभाव है। रोजगार की खातिर लोगो को भागलपुर जाना पड़ता है। अन्य इलाकों की तरह नाथनगर में भी पलायन की समस्या देखने को मिलती है। 

मौजूदा समीकरण

2020 के चुनावी आंकड़ों के मुताबिक नाथनगर में कुल मतदाताओं की संख्या 3,14,429 है। यहां मुस्लिम मतदाताओं की हिस्सेदारी अच्छी खासी है। करीब 22.3 फीसदी मुस्लिम वोटर्स किसी भी सियासी दल का सियासी खेल बना-बिगाड़ने की ताकत रखते हैं। अनुसूचित जाति के मतदाता 10.9 फीसदी हैं।

2020 चुनाव का रिजल्ट

पिछले चुनाव में कुल 17 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन जीत आरजेडी उम्मीदवार अली अशरफ सिद्दीकी को मिली। अली अशरफ को कुल 78,832 वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी जेडीयू प्रत्याशी लक्ष्मीकांत मंडल को 36.7 फीसद यानी 71,076 मत मिले। अली अशरफ ने 7,756 मतों के अंतर से आरजेडी को जीत दिलाई। 

मौजूदा विधायक का परिचय

आरजेडी की टिकट पर चुनाव जीतने वाले अली अशरफ सिद्दीकी नाथनगर से पहली बार विधायक बने हैं। 2020 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनके पास 4 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है। कोई कर्ज नहीं है। खेतीबाड़ी को अपना व्यवसाय बता रखा है। पत्नी उनकी गृहिणी हैं। 1972 में भागलपुर विश्वविद्यालय से बीए करने वाले अली अशरफ के खिलाफ एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।

विधानसभा सीट का इतिहास

नाथनगर विधानसभा सीट पर जेडीयू का दबदबा माना जाता है। साल 2000 से पार्टी लगातार छह चुनाव में जीत चुकी है। हालांकि पिछले चुनाव में उसे आरजेडी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। विधानसभा सीट का गठन साल 1967 में हुआ था। अब तक एक उपचुनाव मिलाकर कुल 15 चुनाव हो चुके हैं। कांग्रेस तीन बार और समता पार्टी को मिलाकर जेडीयू छह बार चुनाव जीत चुकी है। 2020 में पहली बार आरजेडी का खाता खुला। जनता पार्टी, लोकदल, भारतीय जनसंघ, समता पार्टी और आरजेडी को एक-एक बार कामयाबी मिली। जनता दल ने दो बार जीत का परचम लहराया। नाथनगर से सुधा श्रीवास्तव सबसे अधिक 5 बार विधायक रहीं।

 

नाथनगर विधानसभा: कब-कौन जीता
वर्ष विजेता दल
1967 के. झा कांग्रेस
1969 चुनचुन प्रसाद यादव भारतीय जनसंघ
1972 चुनचुन प्रसाद यादव कांग्रेस
1977 सुधा श्रीवास्तव   जनता पार्टी
1980 तालिब अंसारी कांग्रेस
1985 चुनचुन प्रसाद यादव लोकदल
1990 सुधा श्रीवास्तव जनता दल
1995 लुतफुर रहमान जनता दल
2000  सुधा श्रीवास्तव समता पार्टी
2005 (फरवरी) सुधा श्रीवास्तव जेडीयू
2005 (नवंबर) सुधा श्रीवास्तव   जेडीयू
2010 अजय कुमार मंडल जेडीयू
2015 अजय कुमार मंडल जेडीयू
2020 अली अशरफ सिद्दीकी आरजेडी


                            

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