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बिहार में कल होगी मतगणना, मंत्रियों के सीटों पर कैसा है हाल?

बिहार में 14 नंवबर को काउंटिंग होने वाली है और सभी नेताओं की सांसे अटकी हुई हैं। ऐसे में उन विधानसभा सीटों को काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है जिन पर मंत्री लड़ रहे है।

samrat choudhary, mangal pandey and vijay sinha

सम्राट चौधरी, मंगल पाण्डेय और विजय सिन्हा । Photo Credit: PTI

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संजय सिंह, पटना: अब मतगणना के कुछ ही घंटे बाकी हैं। दोनोंं गठबंधन अपने-अपने समीकरणों का हवाला देकर बहुमत का दावा कर रहे हैं। बीजेपी के 16 और जेडीयू के 13 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। 2020 के चुनाव में 23 मंत्री मैदान में थे, लेकिन जीत मात्र 13 की ही हो पाई थी। इस बार 7 ऐसे मंत्री थे, जो चुनाव से बाहर है। चुनाव लड़नेवाले में से बीजेपी कोटे से दो उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा शामिल हैं। हम के कोटे से एक मात्र मंत्री सुमन कुमार ने चुनाव मैदान में नही उतरने का निर्णय लिया। 

 

बीजेपी के सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, कृष्ण कुमार मंटू, राजू कुमार सिंह, केदार प्रसाद गुप्ता, सुरेंद्र मेहता, डाक्टर सुनील कुमार, नीरज कुमार सिंह, कृष्णनंदन पासवान, नीतीश मिश्रा, नितिन नवीन, जीवेश कुमार, संजय सरावगी, मंगल पांडेय, रेणु देवी और डॉक्टर प्रेम कुमार शामिल हैं। उधर 2020 के चुनाव में बृजकिशोर बिंद, सुरेश कुमार शर्मा चुनाव हार गए थे।


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जेडीयू के 13 मंत्री भी आजमा रहे भाग्य

जेडीयू की बात करें तो उनकी पार्टी से विजेंद्र यादव, विजय चौधरी, सुमित कुमार, विजय मंडल, रत्नेश सदा, मोहम्मद जमा खान, श्रवण कुमार, लेशी सिंह, शीला कुमारी, महेश्वर हजारी, सुनील कुमार, मदन सहनी, 13. जयंत राज कुशवाहा आदि शामिल हैं। 2020 के चुनाव में जेडीयू के 8 मंत्री जय कुमार सिंह, कृष्णनंदन वर्मा, रामसेवक सिंह, शैलेश कुमार, लक्ष्मेश्वर राय, संतोष कुमार निराला, खुर्शीद उर्फ फिरोज, रमेश ऋषिदेव चुनाव हार गए थे।

चुनाव में 54 हजार लोगों पर एक्शन

चुनाव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस की ओर से 54 हजार वैसे लोगों पर कारवाई की गई, जिनसे चुनाव प्रभावित होने का खतरा था। यही कारण है कि दोनोंं चरणों के चुनाव के दौरान एक भी बूथ पर दोबारा मतदान कराने की नौबत नही आई। संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए 101 चेक पोस्ट बनाए गए थे। शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की 21 एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय थी। 

 

पुलिस मुख्यालय की एक रिपोर्ट के अनुसार 4 लाख 18 हजार असामाजिक तत्वों के विरुद्ध निरोधात्मक कारवाई की गई। इनमें 54 हजार से ज्यादा ऐसे लोग थे, जो कमजोर लोगों को मतदान के दौरान डराने धमकाने का काम करते थे। 23 कुख्यात अपराधियों के खिलाफ सीसीए की कारवाई की गई थी। 1200 से अधिक अपराधियों को जिला बदर किया गया था। इस बार चुनाव के दौरान 41 हजार से अधिक गैर जमानत वारंट का निष्पादन किया गया। आचार संहिता उल्लंघन के मामले में 511 मुकदमा भी दर्ज हुआ।


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कैश और गहने भी हुए बरामद

चुनाव को लेकर 6 अक्टूबर से पूरे प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू किया गया था। इस दौरान 187.84 करोड़ नगद के साथ साथ शराब और ड्रग्स भी बरामद हुए। जानकारी के अनुसार 51.10 करोड़ की शराब, 28.32 करोड़ की ड्रग्स व नशीला पदार्थ जब्त किए गए। इसके अलावा 12.14 करोड़ कैश 6.43 करोड़ की कीमती धातु और 29.94 करोड़ की अन्य वस्तुएं जब्त की गई। इसके अलावा 849 अवैध हथियार भी पकड़े गए।


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