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5 हजार वोटों से कम था जीत-हार का अंतर, 20 सीटों पर है सभी की नजर

दूसरे चरण में होने वाले चुनाव में 20 सीटें ऐसी हैं जिन पर दोनों गठबंधनों की नजर है। इनमें से कुछ सीटें तो ऐसी थीं जिन पर जीत-हार का अंतर एक हजार ही था।

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नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव : Photo Credit: PTI

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संजय सिंह, पटना: पिछले विधानसभा चुनाव में 20 सीटें ऐसी थी, जहां हार जीत का अंतर 5 हजार से कम वोटों का था। दूसरे चरण में होनेवाले चुनाव में दोनों गठबंधनों ने इन सीटों पर गीध-दृष्टि जमा रखी है। एक दूसरे को रोकने के लिए दोनों गठबंधनों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। मतदाता भी चुनाव प्रचार में खूब दिलचस्पी ले रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के लिए मतदाताओं का मूड भांपना आसान नहीं है। दूसरे चरण के चुनाव में भी बंपर वोटिंग होने की संभावना है।

 

दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होना है। 2020 में 20 सीटें ऐसी थी, जहां हार जीत का अंतर 5 हजार वोटों से कम था। 15 सीटों पर तो स्थिति यह रही कि यहां हार जीत का निर्णय 3 हजार से कम वोटों से हुआ था। 3 सीटों पर हार जीत का अंतर 1 हजार वोटों से था। दूसरे चरण में 16 प्रतिशत सीटें ऐसी है, जहां मुकाबला काफी नजदीक का था। यदि इन सीटों पर पिछले चुनाव में दोनों गठबंधनों एनडीए और महागठबंधन को मिले वोटों में एक या दो प्रतिशत का अंतर आया तो इस बार का रिजल्ट प्रभावित हो सकता है। दूसरे चरण की जिन 20 सीटों पर पिछली बार 5 हजार से कम वोटों का अंतर था, उनमें 12 सीटों पर महागठबंधन जबकि 60 सीटों पर एनडीए को जीत हासिल हुई थी। जमुई जिले के चकाई विधानसभा क्षेत्र से एक मात्र निर्दलीय प्रत्याशी सुमित कुमार विजयी हुए थे। जो बाद में जेडीयू में शामिल हो गए।

 

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इन सीटों पर हुई थी जीत

1. रामगढ़ सुधाकर सिंह (राजद), 2. डेहरी फतेह बहादुर सिंह (राजद), 3. चकाई सुमित कुमार सिंह (निर्दलीय), 4. भागलपुर अजित शर्मा (कांग्रेस), 5. कल्याणपुर मनोज कुमार यादव (राजद) 6. किशनगंज इजहारुल हक (कांग्रेस), 7. परिहार गायत्री देवी (बीजेपी), 8. झाझा दामोदर राउत (जेडीयू), 9. औरंगाबाद आनंद शंकर (कांग्रेस), 10. सिकटा वीरेंद्र गुप्ता (भाकपा माले), 11. रानीगंज अतमित ऋषिदेव (जेडीयू), 12. बेलहर मनोज यादव (जेडीयू), 13. टिकारी अनिल कुमार (हम), 14. बाजापट्टी मुकेश यादव (राजद), 15. प्राणपुर निशा सिंह (बीजेपी), 16. धोरैया विजय चौधरी (राजद), 17. सुगौली शशिभूषण सिंह (राजद), 18.अमरपुर जयंत राज (जेडीयू), 19. करगहर संतोष मिश्रा (कांग्रेस), 20. बोधगया कुमार सर्वजीत (राजद) शामिल हैं।

15 सीटों पर 50 प्रतिशत ज्यादा वोट

दूसरे चरण में 15 सीटें ऐसी है, जहां जीतने वाले प्रत्याशियों ने 50 प्रतिशत से अधिक वोट लाए थे। 11 सीटों पर एनडीए प्रत्याशी की जीत हासिल हुई थी। इनमें 10 पर बीजेपी और एक पर जेडीयू का कब्जा हुआ था। वहीं 4 सीटें महागठबंधन के खाते में गई थी। इन सीटों में बेतिया, रीगा, बथनाहा, बेनीपट्टी, राजनगर, झंझारपुर, सुपौल, अररिया, अमौर, बनमखी, पूर्णिया, बलरामपुर, ओढ़ा, कहलगांव, मखदुमपुर की सीटें शामिल हैं। 

3 सीटों पर कम अंतर से हुई थी हार-जीत

पिछले चुनाव में 3 सीटें ऐसी थी, जहां हार जीत का अंतर हजार वोटों से कम था। जमुई के चकाई विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी सुमित सिंह मात्र 581 वोट से जीत पाए थे। बाद में उन्होंने अपना समर्थन जेडीयू को दे दिया। इसी प्रकार राजद के प्रदेश अध्यक्ष रहे जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह राजद की टिकट पर रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मात्र 189 वोट से जीत पाए थे। उन्होंने बसपा प्रत्याशी अंबिका सिंह को पराजित किया था।

 

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इसी तरह डेहरी विधानसभा से राजद उम्मीदवार फतेह बहादुर सिंह की जीत मात्र 464 वोटों से हुई थी। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी सत्यनारायण यादव को पराजित किया था। बहरहाल कल दूसरे चरण के वोट डाले जाएंगे। महागठबंधन और एनडीए दोनों की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा वोट उनकी झोली में आए।


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