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बिहार: PM मोदी-शाह से पहले BJP ने महिलाओं को क्यों उतारा? प्लान समझिए

भारतीय जनता पार्टी ने महिला नेताओं के हाथों चुनाव की कमान सौंप दी है। एक टीम में 10 से 13 महिलाओं को शामिल किया गया है। वोटरों के साथ सुकन्या से लेकर आरक्षण के मुद्दे पर बात की जाएगी।

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बीजेपी की महिला नेताओं की जनसभा। (Photo Credit: PTI)

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संजय सिंह, पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने महिला नेताओं की फौज विधानसभा क्षेत्रों में उतार दी है। इस टीम में दूसरे राज्यों के सांसद विधायक के साथ-साथ संगठन से जुड़ी 150 महिला नेताओं को चुनाव मैदान में भेजा गया है। यह टीम 121 विधानसभा क्षेत्रों में बीजेपी का चुनाव प्रचार करेगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने इन महिला नेताओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। एक टीम में 10 से 13 महिलाओं को रखा गया है। 

बीजेपी नेतृत्व का मानना है कि हर चुनाव में पुरुष मतदाता की अपेक्षा महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत ज्यादा होता है। चुनाव के हार जीत में महिलाओं का वोट निर्णायक होता है। महिला नेताओं की यह टीम 18 सितंबर तक क्षेत्र में रहकर चुनाव का प्रचार प्रसार करेगी। इन महिला नेताओं को इस बात के लिए भी प्रशिक्षित किया गया है कि वे जिस भी क्षेत्र में जाएं पहले महिला वोटरों का कुशल क्षेम पूछें, फिर उनकी पारिवारिक और सामाजिक समस्या से अवगत हों।
 
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बिहार में क्या करेंगी महिला नेता?

महिलाओं को नसीहत दी गई है कि जब जनता का कुशल क्षेम पूछ लें, फिर उन्हें पार्टी की नीति और सिद्धांत समझाएं। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार ने महिलाओं के कल्याण के लिए एक दर्जन से अधिक योजनाएं चलाई है, उससे अवगत कराएं। वोटरों को यह विश्वास हो कि सरकार उसके प्रति संवेदनशील है। 

बीजेपी ने बिहार में उतारी महिला फौज

महिला नेताओं की टीम में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और राजस्थान की महिलाओं को रखा गया है। इस टीम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि कामकाजी महिलाओं के साथ साथ सामाजिक संगठन चलनेवाली महिलाओं से संपर्क स्थापित करें। दलित बस्तियों पर विशेष फोकस करने को कहा गया है। 

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क्या होगा काम?

जनसंपर्क के कार्य में पंचायत प्रतिनिधियों से ज्यादा से ज्यादा सहयोग लेने को कहा गया है। सुबह से लेकर दोपहर तक महिला नेताओं की टीम ग्रामीण क्षेत्र में प्रचार प्रसार करेगी, दोपहर के बाद इस टीम को शहरी क्षेत्र में रहना है। टीम के सदस्यों का रात्रि प्रवास उसी विधानसभा क्षेत्रों में होगा। 

महिलाओं पर ही बीजेपी ने क्यों किया भरोसा?

महिला प्रचारकों को शामिल करने का कारण भावनात्मक है। इन नेताओं को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि पिछले दिनों वोटर अधिकार यात्रा के दौरान जो प्रधानमंत्री की मां को गाली दिया गया, उससे भी वोटरों को अवगत कराएं। बीजेपी ने महिलाओं की टीम को चुनाव मैदान में उतारकर अन्य दलों को पीछे छोड़ दिया है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि महिला ही महिला की भावना को बेहतर तरीके से समझती है। संभव है कि यह भावनात्मक रिश्ता वोट में तब्दील हो।


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