प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अक्तूबर से बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने समस्तीपुर में स्थित कर्पूरी ग्राम को चुना है जो भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली भी है। उनके इस दौरे से पहले ही कांग्रेस ने कर्पूरी ठाकुर के बहाने पीएम मोदी से 3 सवाल पूछ लिए हैं। कांग्रेस ने पूछा है कि क्या पूर्व में जनसंघ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर की सरकार गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी? कांग्रेस ने यह भी पूछा है कि क्या उस ऐतिहासिक गलती के लिए प्रधानमंत्री मोदी जनसंघ और RSS की ओर माफी मांगेंगे?
बिहार में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रहे प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को समस्तीपुर और बेगूसराय जिलों में दो चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे जबकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सिवान और बक्सर में चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। समस्तीपुर में चुनावी सभा को संबोधित करने से पहले पीएम मोदी समाजवादी नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कर्पूरी ठाकुर के पैतृक गांव कर्पूरीग्राम जाएंगे। स्व. ठाकुर को पिछले साल ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार ने मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया था।
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क्या बोली कांग्रेस?
मोदी के इस दौरे से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करके कुछ सवाल पूछे हैं। उन्होंने लिखा है, 'कर्पूरी ठाकुर जी ने 1978 में पिछड़ों को 26 प्रतिशत आरक्षण देकर सामाजिक न्याय की ऐतिहासिक नींव रखी थी। क्या यह सही नहीं है कि आपकी पार्टी के वैचारिक पूर्वज- जनसंघ और आरएसएस ने उनकी आरक्षण नीति का खुलकर विरोध किया था? क्या उस समय जन संघ-आरएसएस ने सड़कों पर कर्पूरी ठाकुर जी के खिलाफ अपमानजनक और घृणा से भरे नारे नहीं लगाए गए थे? क्या उस दौर में जनसंघ-आरएसएस खेमे के प्रमुख नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर सरकार को अस्थिर करने और गिराने में अहम भूमिका नहीं निभाई थी? क्या प्रधानमंत्री आज उस ऐतिहासिक गलती के लिए अपने वैचारिक पूर्वजों- जनसंघ और आरएसएस की ओर से माफ़ी मांगेंगे?'
इसी तरह जयराम रमेश ने जातिगत जनगणना और जातिगत सर्वे से जुड़े सवाल भी पूछे हैं। उन्होंने यह भी पूछा है कि जिस तरह कांग्रेस सरकार ने 1994 में तमिलनाडु के 69 प्रतिशत आरक्षण को 9वीं अनुसूची में शामिल करके सुरक्षा दी थी, उस तरह से बिहार के 65 प्रतिशत आरक्षण को सुरक्षा क्यों नहीं दी गई?
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इसी पर पलटवार करते हुए बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा है, 'एक ओर कांग्रेस पार्टी कर्पूरी ठाकुर को ‘जननायक’ की उपाधि से वंचित करने की कोशिश कर रही है जबकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी स्वयं उनके गांव जाकर भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि देकर चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। यही NDA और INDIA गठबंधन के बीच का फर्क है।'
क्यों अहम हैं समस्तीपुर और बेगूसराय?
बिहार में पीएम मोदी का चुनावी अभियान समस्तीपुर और बेगूसराय से शुरू हो रहा है। इसके पीछे न सिर्फ कर्पूरी ठाकुर अहम वजह हैं बल्कि सीटों की संख्या भी बहुत अहम है। समस्तीपुर में कुल 10 विधानसभा सीटें हैं तो बेगूसराय जिले में कुल 7 सीटें हैं। 2020 में इन 17 सीटों में से 8 सीटों पर ही NDA को जीत मिली थी। 9 सीटों पर महागठबंधन ने बाजी मारी थी। ऐसे में दोबारा सत्ता में आने के लिए NDA को इन दो जिलों में अपना प्रदर्शन सुधारने की जरूरत है।
इसी क्रम में पीएम मोदी न सिर्फ इस क्षेत्र में चुनावी सभा कर रहे हैं बल्कि कर्पूरी ठाकुर के घर भी जा रहे हैं, जो पिछड़ा वर्ग के सबसे बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। ऐसे में बिहार में पीएम मोदी की कोशिश है कि आरजेडी के पिछड़े वर्ग के वोटबैंक में सेंध लगाई जाए और इस क्षेत्र में भी महागठबंधन की कुछ सीटें झटक ली जाएं।
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यह भी कहा गया है कि इस बार पीएम मोदी जहां-जहां रैलियां करेंगे, एनडीए के सभी उम्मीदवार उनके मंच पर होंगे। इसी क्रम में आज समस्तीपुर में NDA के सभी 10 उम्मीदवार पीएम मोदी के मंच पर होंगे। बता दें कि इस क्षेत्र में पहले चरण में यानी 6 नवंबर को मतदान होना है। बेगूसराय जिले की सभी सीटों पर भी पहले ही चरण में मतदान होना है।